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Uttar Pradesh: पहले चरण में भाजपा के लिए कठिन चुनौती, पिछले चुनाव में इतनी सीटों पर मिली थी हार, जानिए इस बार क्या हैं समीकरण

Lok Sabha Election 2024 लोकसभा चुनाव में पहले चरण का इम्तिहान नजदीक है। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश सहित 21 राज्यों में 19 अप्रैल को मतदान होगा। यूपी में भाजपा के लिए मुकाबला चुनौतीपूर्ण है। प्रदेश की जिन आठ सीटों में चुनाव होगा उनमें से 2019 के लोस चुनाव में भाजपा पांच सीटें हार गई थी। जानिए इस बार क्या है इन पर सियासी समीकरण।

By Jagran News Edited By: Sachin Pandey Updated: Sun, 14 Apr 2024 12:27 PM (IST)
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2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को पहले चरण की आठ में से पांच सीटों पर हार मिली थी।
संतोष शुक्ल, मेरठ। Lok Sabha Election 2024: उत्तर प्रदेश में भाजपा का लक्ष्य सभी 80 सीटें जीतने का है, पर चुनौतियों का पहाड़ सामने है। पहले चरण की आठ में से पांच सीटों पर भाजपा 2019 में हार गई थी। हालांकि, पिछले चुनाव में सपा के साथ रहने वाला रालोद इस बार राजग के साथ है।

चढ़ चुका है चुनावी पारा

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दो रैलियों के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी समेत अन्य की जनसभाओं से चुनावी पारा चढ़ गया है। पूर्व मुख्यमंत्री मायावती व अखिलेश यादव भी पश्चिम को मथने पहुंच रहे हैं।

सहारनपुर सीट 2019 में बसपा के फजलुर्हमान ने सपा-रालोद के सहयोग से भाजपा के राघव लखनपान से छीन ली थी। मिशन-2024 को लेकर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सहारनपुर, बिजनौर एवं नगीना जैसी हारी सीटों पर होमवर्क किया। अब राघव इस सीट को कब्जाने के लिए पूरी ताकत झोंक चुके हैं।

कैराना में दिलचस्प मुकाबला

कांग्रेस प्रत्याशी इमरान मसूद ध्रुवीकरण की हवा रोकने के लिए हिंदू मतदाताओं के साथ रिश्ते प्रगाढ़ कर रहे हैं। 2019 में भाजपा के प्रदीप चौधरी कैराना से जीत गए थे, जो दोबारा मैदान में हैं। कांग्रेस के सहयोग से सपा के टिकट पर 27 साल की इकरा हसन की मेहनत और संपर्क ने चुनाव को दिलचस्प बनाया है।

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शामली में भाजपा प्रत्याशी का विरोध है। मुजफ्फरनगर पर भाजपा के डॉ. संजीव बालियान 2014 से काबिज हैं, पर इस बार उनके सामने ठाकुरों की नाराजगी बड़ी चुनौती है। सपा प्रत्याशी हरेंद्र मलिक मुस्लिम, जाट एवं बालियान से नाराज वोटरों को साधने में जुटे हैं।

पीलीभीत से नया चेहरा

बिजनौर में भाजपा के सहयोग से रालोद के टिकट पर लड़ रहे चंदन चौहान के साथ ठोस वोटबैंक खड़ा दिखाई पड़ता है। नगीना में भाजपा के ओमकुमार तो आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर भी मैदान में हैं। मुरादाबाद सीट 2019 में डा. एसटी हसन ने भाजपा के सर्वेश सिंह से छीन ली थी। भाजपा ने फिर सर्वेश को उतारा, पर सपा ने आजम खान के दबाव में हसन का टिकट काटकर बिजनौर की पूर्व विधायक रुचि वीरा को दे दिया।

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रामपुर में भाजपा ने सांसद घनश्याम लोधी को फिर उतारा है। 35 वर्ष से पीलीभीत सीट मेनका व वरुण गांधी के पास रही, पर इस बार योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री जितिन प्रसाद को भाजपा ने उतारा है। उनके सामने सपा ने पूर्व मंत्री भगवत सरन व बसपा ने पूर्व मंत्री अनीस अहमद को उतारा है। यहां मुस्लिम वोटों में बंटवारा से भाजपा की उम्मीदें खिलेंगी।

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