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चंडीगढ़ में दिलचस्प हुआ चुनाव, गुटबाजी से सहमे दल; प्रत्याशी ही नहीं इन दिग्गजों की प्रतिष्ठा भी दांव पर

Lok Sabha Election 2024 चंडीगढ़ लोकसभा सीट पर पिछले 10 साल से भाजपा सांसद किरण खेर का कब्जा है। मगर पार्टी ने उनकी जगह संजय टंडन पर भरोसा जताया है। उधर कांग्रेस ने पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन कुमार बंसल की जगह मनीष तिवारी को अपना प्रत्याशी बनाया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी मौजूदा समय में पंजाब की श्री आनंदपुर साहिब लोकसभा सीट से सांसद हैं।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Tue, 30 Apr 2024 08:53 PM (IST)
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लोकसभा चुनाव 2024: मनीष तिवारी और संजय टंडन। (फाइल फोटो)
राजेश ढल्ल, चंडीगढ़। लोकसभा चुनाव में चंडीगढ़ में कई नेताओं की प्रतिष्ठा इस बार दांव पर है। कांग्रेस और भाजपा के उम्मीदवार पहली बार यहां से चुनाव लड़ रहे हैं। चंडीगढ़ लोकसभा सीट पर गठबंधन के उम्मीदवार मनीष तिवारी हैं।

उन्हें पवन कुमार बंसल की जगह कांग्रेस ने टिकट दिया है। इससे पहले बंसल को आठ बार टिकट मिल चुकी है। अब बंसल की राजनीति शहर में ठंडी हो गई है। तिवारी के साथ-साथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष एचएस लक्की की प्रतिष्ठा दांव पर है।

दांव पर इन नेताओं की प्रतिष्ठा

चंडीगढ़ सीट पर जीत और हार कांग्रेस अध्यक्ष का भविष्य तय करेगी। इस समय नाराज नेताओं ने लक्की को पद से हटाने की मांग करते हुए उनके खिलाफ मोर्चा खोला है। आम आदमी पार्टी के सह प्रभारी डॉ. एसएस आहलूवालिया और मेयर कुलदीप कुमार की भी प्रतिष्ठा दाव पर है। गठबंधन का धर्म निभाने के लिए यह दोनों नेता मेहनत कर रहे हैं।

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नतीजे से तय होगा जितेंद्र पाल मल्होत्रा का कद

भाजपा में 15 साल की मेहनत के बाद टिकट लेने में कामयाब रहे पूर्व अध्यक्ष संजय टंडन की प्रतिष्ठा दांव पर है। पहली बार पार्टी ने उन पर विश्वास जताया है। भाजपा अध्यक्ष जितेंद्र पाल मल्होत्रा के नेतृत्व में यह पहला चुनाव है। ऐसे में पार्टी की जीत और हार हाईकमान के समक्ष उनका कद तय करेगी।

भाजपा से गठबंधन तोड़ने के बाद पहली बार चुनाव लड़ रहे शिरोमणि अकाली दल (शिअद) भी ज्यादा से ज्यादा मेहनत करके अपना वोट बैंक बढ़ाना चाहता है।

जीत और हार तय करेगा गठबंधन का भविष्य

कांग्रेस उम्मीदवार मनीष तिवारी की जीत और हार शहर में गठबंधन का भविष्य तय करेगा। वहीं अगले साल होने वाले मेयर चुनाव में दोनों दलों की साझ को भी तय करेगा। इस साल आम आदमी पार्टी कांग्रेस पार्षदों के समर्थन से ही मेयर चुनाव जीत पाई थी। आम आदमी पार्टी के नेताओं का यह प्रयास है कि तिवारी चुनाव जीते, ताकि अगले साल भी वह अपना मेयर बनवाने में कामयाब हो। अगले साल मेयर का पद महिला के लिए आरक्षित है।

दोनों दलों में गुटबाजी, सीनियर नेताओं ने बनाई दूरी

इस समय कांग्रेस और भाजपा दोनो ही गुटबाजी की मार झेल रही है। कांग्रेस में नाराज नेताओं ने भाजपा ज्वॉइन करना शुरू कर दिया है। कांग्रेस में पवन कुमार बंसल ने भी चुनाव से दूरी बनाई है। भाजपा में भी अभी तक पूर्व सांसद सत्यपाल जैन, पूर्व अध्यक्ष अरुण सूद और सांसद किरण खेर ने प्रचार से दूरी बना रखी है। मगर सांसद किरण खेर की प्रतिष्ठा भी दांव पर है।

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