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Bilaspur Lok Sabha Seat: इस हाई प्रोफाइल सीट पर बीजेपी का रहा है दबदबा, जानिए क्‍या है चुनावी वादों की हकीकत

Bilaspur Lok Sabha Seat छत्तीसगढ़ की हाई प्रोफाइल लोकसभा सीट बिलासपुर में पिछले कई वर्षों से भाजपा का कब्जा रहा है। पिछले लोकसभा चुनाव में अरुण साव यहां से भाजपा के टिकट पर सांसद चुनकर आए थे। फिलहाल वह प्रदेश सरकार में डिप्टी सीएम हैं। बीजेपी ने इस बार तोखन साहू को यहां से मैदान में उतारा है। जानिए अपने पूर्व सांसद के कामकाज से कितनी खुश है जनता-

By Jagran News NetworkEdited By: Jagran News NetworkUpdated: Wed, 13 Mar 2024 04:10 PM (IST)
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Bilaspur Lok Sabha Seat: बिलासपुर की 8 में से 6 विधानसभा सीटों पर भाजपा का कब्जा है।
राधाकिशन शर्मा,बिलासपुर। छत्तीसगढ़ की हाई प्रोफाइल लोकसभा सीट बिलासपुर में पिछले कई सालों से भाजपा का कब्जा है। भाजपा के गढ़ के रूप में पहचान बना चुकी बिलासपुर संसदीय क्षेत्र में बिलासपुर, बिल्हा, मस्तूरी, बेलतरा, तखतपुर, लोरमी व मुंगेली समेत विधानसभा सीट शामिल हैं।

वर्तनाम में इनमें से 6 सीटों पर भाजपा के विधायक हैं। वहीं 2019 में बिलासपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने गए अरुण साव अब लोरमी सीट से विधायक हैं। साथ ही वह प्रदेश की बीजेपी सरकार में डिप्टी सीएम का पद भी संभाल रहे हैं। लोगों की मानें, तो उनके सांसद पद से इस्तीफा देने के बावजूद बिलासपुर की जनता को यह महसूस नहीं हुआ किउनका संसदीय क्षेत्र सांसद विहीन है।

अरुण साव डिप्टी सीएम पद संभालने के साथ-साथ अपने पूर्व संसदीय क्षेत्र की जिम्मेदारी भी बखूबी निभा रहे हैं। वह क्षेत्र का लगातार दौरा करते रहते हैं। जब 2019 के लोकसभा चुनाव में अरुण साव सांसद चुने गए थे, तब प्रदेश में कांग्रेस सरकार सत्ता में थी।

आदर्श ग्राम में बढ़ीं सुविधाएं

साल 2019 में सांसद चुने जाने के बाद अरुण साव ने सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत बेलतरा के मदनपुर गांव को गोद लिया था, जोकि शहर से तकरीबन 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। गांव को गोद लेने के बाद से उन्होंने यहां कि आधारभूत संरचना में सुधार एवं शिक्षा के क्षेत्र में विकास को लेकर कार्य किए हैं। इसके अलावा केन्द्र सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन के साथ-साथ एनटीपीसी ने सीएसआर फंड से भी इस गांव का विकास किया है।

समस्याएं जस की तस

हालांकि, कोटा विधानसभा क्षेत्र के अमने गांव में विकास कार्यों का अभाव नजर आता है। यहां के लोग अब भी बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। यहां एक भी हायर सेकंडरी स्कूल नहीं है, जिस वजह से यहां के बेटे-बेटियों को पांच किलोमीटर दूर स्कूल जाना पड़ता है।

गांव के सरपंच का कहना है कि उन्होंने इस संबंध में सांसद अरुण साव से लगातार मांग की, लेकिन अब तक स्कूल नहीं बन पाया है। गांव में निस्तारी और सार्वजनिक नल की समस्या भी बनी हुई है। हांलाकि, सांसद निधि के तहत विकास कार्यों के लिए 25 लाख रुपये स्वीकृत किए गए हैं, जिससे विभिन्न विकास कार्य कराए जा रहे हैं।

कई गांवों में मूलभूत सुविधाओं की कमी

इसके अलावा तखतपुर के अंतर्गत ग्राम छतौना के रहवासी प्रदूषण से परेशान हैं। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के पीछे स्थित इस गांव में लोगों के बीच बुनियादी सुविधाओं का अभाव देखने को मिल रहा है। कारखानों की चिमनी से निकलने वाले धुएं और कोल वाशरी के डस्ट की समस्या लगातार बनी हुई है, जिससे छुटकारा पाने के लिए ग्रामीण आज भी इंतजार कर रहे हैं।

इसके अलावा मस्तूरी विधानसभा क्षेत्र के अमने गांव में अतिक्रमण की समस्या है। यहां के सरपंच प्रतिनिधि क्रांति कुमार साहू ने बताया कि ग्रामीणों ने मुक्तिधाम में अतिक्रमण कर लिया है। अतिक्रमण से मुक्ति पाने के लिए बाउंड्रीवाल बनवाने की आवश्यकता है। सरपंच का कहना है कि इस संबंध में सांसद प्रतिनिधि से चर्चा की गई, लेकिन अब तक राशि का आवंटन नहीं हुआ है। जिससे एक बार फिर से अतिक्रमण की आशंका बनी हुई है।

इसके अलावा पंचायत में साहू समाज बहुल संख्या में हैं। मंगल भवन के लिए भी सांसद निधि से राशि आवंटन की मांग की गई थी, जोकि अब तक पूरी नहीं हुई है। वहीं मुख्यमंत्री डीएवी स्कूल में बाउंड्रीवाल का निर्माण कराए जाने की जरूरत बताई गई है। साथ ही सांसद आदर्श ग्राम में पानी टंकी का निर्माण आजतक पूरा नहीं हो पाया है।

बिलासपूर के पूर्व सांसद व छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम अरूण साव कहते हैं कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान 4 गांवों को आदर्श ग्राम के रूप में गोद लिया था। उनके अनुसार मदनपुर में जनभागीदारी से बेहतर कार्य हुआ है। वहीं जिन गावों में काम अधूरा रह गया है या मंजूरी मिलने के बाद भी शुरू नहीं हो पाया है, वहां शासन मद से कार्य कराने के प्रयास किए जाएंगे।

वह कहते हैं कि उपमुख्यमंत्री बनने के बाद से वह आदर्श ग्रामों को लेकर गंभीरता से कार्य कर रहे हैं। उनकी सरकार का प्रमुख उद्देश्य है कि ग्रामीणों के लिए मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। साथ ही उनका दावा है कि क्षेत्र के आदर्श ग्राम समेत अन्य गांवों में भी शासन की महत्वाकांक्षी योजनाओं का जल्द ही क्रियान्वयन किया जाएगा।

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लोकसभा में उठाए गए प्रमुख मुद्दे

सांसद रहते हुए अरुण साव ने बिलासपुर क्षेत्र से जुड़े कई मुद्दे संसद में उठाए थे, जोकि निम्नलिखित हैं-

पीएम आवास : अरुण साव ने प्रधानमंत्री आवास योजना के क्रियान्वयन में राज्य सरकार की ओर से की जा रही घोर उपेक्षा का मुद्दा संसद में जोरदार तरीके से उठाया था। उनका कहना था कि प्रदेश सरकार की लापरवाही का खामियाजा राज्य के लाखों गरीबों को उठाना पड़ रहा है।

रेल सेवाओं का विस्तार : रेल मंत्रालय की अनुदान मांगों पर भी अरुण साव ने चर्चा में भाग लिया और इससे जुड़ी समस्याओं एवं मांगों को संसद के सामने रखा। उनका कहना था कि सबसे अधिक आय देने के बावजूद बिलासपुर रेलवे जोन में सुविधाओं का अभाव है, जिससे लोगों के बीच असंतोष बना हुआ है।

इसके अलावा उन्होंने रेलवे भर्ती मंडल की लापरवाही को दूर कर बिलासपुर में युवाओं को रोजगार मुहैया कराने की मांग रखी। साथ ही रेलवे ट्रिब्यूनल, बिलासपुर-रायपुर स्टेशन का विकास, वैगन कोच फैक्ट्री और रेलवे मेडिकल कालेज की स्थापना की मांग भी संसद के पटल पर रखी। अरुण साव ने रेलवे ट्रिब्यूनल की स्थापना की मांग की और कहा कि लोगों को अभी भी भोपाल जाना पड़ता है।

साथ ही उन्होंने हॉकी के इंटरनेशल स्टेडियम का निर्माण, उसलापुर रेलवे स्टेशन में यात्री सुविधा बढ़ाने, करगीरोड, कोटा, बेलगहना, पेंड्रारोड, जयरामनगर स्टेशन में भी यात्री सुविधाओं की ओर ध्यान देने और इन स्टेशनों में यात्री ट्रेनों के स्टॉपेज का मुद्दा संसद में उठाया।

साथ ही अरुण साव ने संसद कैम्पा मद की राशि के दुरुपयोग के मामले की भी व्यापक स्तर पर जांच की मांग की। इसके अलावा कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हुई हत्याओं का मामला भी संसद में उठाते हुए इस पर जांच की मांग की थी।

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