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Lok Sabha Election 2024: बुनियादी काम हुए, लेकिन बड़े वादे अब भी अधूरे, क्या कहता है दुर्ग सांसद का रिपोर्ट कार्ड

Lok Sabha Election 2024 छत्तीसगढ़ की महत्वपूर्ण लोकसभा सीटों में से एक दुर्ग संसदीय क्षेत्र से बीजेपी ने वर्तमान सांसद विजय बघेल को एक बार फिर मैदान में उतारा है। इससे पहले सांसद के रूप में उनके हालिया कार्यकाल को लेकर लोगों की कुछ प्रतिक्रियाएं आई हैं। जानिए कैसा रहा उनका रिपोर्ट कार्ड। लोगों के मन में क्या हैं उन्हें लेकर शिकायतें-

By Jagran News NetworkEdited By: Jagran News NetworkUpdated: Wed, 13 Mar 2024 07:01 PM (IST)
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Lok Sabha Election 2024: दुर्ग लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत दुर्ग और बेमेतरा की 9 विधानसभा आती हैं।
टी सूर्याराव, भिलाई। दुर्ग लोकसभा छत्तीसगढ़ की सबसे महत्वपूर्ण सीटों में से एक है। लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत दुर्ग और बेमेतरा जिले की नौ विधानसभा आती हैं। यहां से वर्तमान सांसद बीजेपी के विजय बघेल हैं, जिन्हें पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए दोबारा मैदान में उतारा है। आईए जानते हैं सांसद के रूप में उनका 5 साल का कार्यकाल कैसा रहा।

विजय बघेल ने सांसद रहते हुए दुर्ग क्षेत्र के अधिकतर जगहों पर केंद्र की पीएम आवास, उज्ज्वला योजना, जल जीवन मिशन सहित अन्य योजनाओं का लाभ जनता तक पहुंचाने का प्रयास किया है। इसके अलावा बिजली, पानी, सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं पर काम उन्होंने सांसद रहते हुए किया है।

लेकिन उन्होंने प्रदेश की कांग्रेस सरकार की ओर से योजनाओं के क्रियान्वयन में लेट लतीफी का आरोप भी लगाया है। उनका कहना रहा है कि राज्य में भूपेश बघेल सरकार के दौरान योजनाओं का लाभ लोगों को उचित समय पर नहीं मिल पाया है। साथ ही उन्होंने प्रदेश की पूर्व की कांग्रेस सरकार पर योजनाओं में मानिटरिंग की कमी का आरोप भी लगाया है।

सांसद रहते हुए उन्होंने मनरेगा योजना में भी ग्रामीणों को काम दिलाने में बेहतर प्रयास किए हैं। दुर्ग संसदीय क्षेत्र में इसे लेकर रिकॉर्ड अच्छा रहा है। इसके अलावा उनकी सांसद निधि से भी अधिकांश राशि का इस्तेमाल गांवों की जरूरतों के अनुसार विकास व निर्माण कार्यों के लिए खर्च किए गए हैं।

आदर्श गांवों का कैसा रहा हाल

सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत विजय बघेल ने पाटन के ग्राम बटंग को गोद लिया है। यहां के रहवासियों ने बताया कि सांसद बघेल ने कई निर्माण कार्य ग्रामीणों की सुविधा के लिए कराया है। लोगों ने बताया कि यहां दो लाख की राशि से स्कूल में मंच का निर्माण कराया गया। साथ ही गांव में दो सौ मीटर की सीसी रोड भी बनवाई गई है।

गांव के निवासी दुर्गेश नायक बताते गैं कि सीसी रोड बनने से आवागमन की सुविधा मिली है। वहीं गांव के अन्य निवासी अशोक निषाद का आरोप है कि सांसद निधि से जैसा विकास होना चाहिए था, उस तरह से नहीं हुआ है। वहीं रामाधार वर्मा ने बताया कि सांसद की ओर से गांव में पानी की टंकी बनवाई गई और पाइप लाइन भी बिछाई गई है।

बलीराम छेसर ने बताया कि बोर के लिए खुदाई के अलावा और भी कई अन्य कार्य कराए गए हैं। विजय बघेल ने बटंग के अलावा सेलूद, बोरी, पुरदा, ननकट्ठी और बेमेतरा जिला के भटगांव गांव को भी गोद लिया था। इन गांवों में भी सीसी रोड, मंच निर्माण जैसे बुनियादी सुविधाओं से जुड़े काम हुए हैं। इसके अलावा लोगों का कहना है कि कोरोना की वजह से गांवों में करीब दो साल तक विकास कार्य प्रभावित रहे।

सरकार बदलने के बाद आई काम में तेजी

छत्तीसगढ़ में वर्ष 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में प्रदेश सरकार बदल गई। इसके बाद केंद्रीय योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी आने की बात कही जा रही है। पीएम आवास और उज्ज्वला योजना जैसी योजनाओं को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में तेजी से कवायद चल रही है। सांसद विजय बघेल ने जिला सतर्कता एवं निगरानी समिति की बैठक में केंद्रीय योजनाओं की समीक्षा की और इनके बेहतर क्रियान्वयन के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया।

सदन में कैसा रहा प्रदर्शन

सासंद विजय बघेल ने संसद की पटल में भी क्षेत्र से जुड़े कई मुद्दों पर सवाल उठाए। 17वीं लोकसभा में उन्होंने सदस्य के रूप में अब तक 133 प्रश्न पूछे हैं। वहीं 26 मुद्दों पर वह सदन की चर्चा में बोल चुके हैं। अपने संसदीय क्षेत्र के लिए उन्होंने नई एक्सप्रेस ट्रेन की मांग संसद में रखी और भिलाई इस्पात संयंत्र के श्रमिकों के वेतन पुनरीक्षण का मुद्दा भी सदन में उठाया। इसके अलावा बघेल ने एनएच-6 पर दोपहिया वाहनों और कृषि वाहनों से टोल टैक्स ने वसूलने की मांग भी संसद के पटल पर रखी थी।

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क्या हैं दुर्ग संसदीय क्षेत्र की समस्याएं

साफ नहीं हुई शिवनाथ नदी : सासंद बनने के बाद विजय बघेल ने दुर्ग नगर निगम के तत्कालीन महापौर और निगम के अधिकारियों के साथ ही शिवनाथ नदी का दौरा किया था और इस दौरान उन्होंने कहा था कि नदी में जा रहे नालों के गंदे पानी को रोकने के लिए योजना बनाई जाएगी। लेकिन लोगों ने आरोप लगाया कि इस दिशा में बीते पौने पांच साल में प्रयास नहीं किया गया।

औद्योगिक इकाइयों की स्थापना: दुर्ग से अलग होकर बने बेमेतरा जिला में औद्योगिक इकाइयों की स्थापना मांग भी काफी समय से जनता की ओर से की जा रही है। राज्य में पिछली भाजपा सरकार के दौरान तत्कालीन उद्योग मंत्री दयालदास बघेल ने बेमेतरा में औद्योगिक इकाइयां स्थापित करने की पहल की थी, लेकिन बाद में इस दिशा में अधिक प्रयास नहीं किए गए। फिलहाल बेमेतरा जिले में औद्योगिक इकाई का अभाव है, जिससे क्षेत्र के लोगों को रोजगार मिल सके और जिले को नई पहचान दिलाई जा सके।

फूड प्रोसेसिंग प्लांट: संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत धमधा और बेमेतरा के अधिकतर किसान टमाटर की खेती करते हैं। लेकिन प्राकृतिक आपदा में किसानों को काफी नुकसान सहना पड़ता है। इसके लिए किसानों की ओर से कई समय से मांग की जा रही है कि टमाटर से टोमाटो कैचअप समेत अन्य प्रोडक्ट बनाने के लिए क्षेत्र में फूड प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित किए जाने की जरूरत है, लेकिन इस दिशा में अब तक सासंद की ओर से प्रयास नहीं देखे गए हैं।

रेल सुविधा: इसके अलावा दुर्ग के लोगों की एक और वर्षों पुरानी मांग है कि बेमेतरा जिले को दुर्ग से रेल सुविधा से जोड़ा जाए। लोगों का कहना है कि जिले के इससे क्षेत्र में विकास को गति मिलेगी। लेकिन लोगों का कहना है कि सांसद की ओर से इस योजना को लेकर कोई ऐलान नहीं किया गया। हांलाकि बताया जा रहा है कि इस परियोजना के क्रियान्वयन में खर्च अधिक है, जिस वजह से रेलवे इसमें ज्यादा रुचि नहीं ले रही है।

जरूरत के अनुसार किया काम

'गोद लिए गांवों में जरूरत के मुताबिक कार्य कराने का प्रयास किया गया है। हालांकि कोरोना काल में कार्य प्रभावित रहा। सासंद निधि से मिलने वाली राशि का उपयोग भी ग्रामीणों की मांग एवं जनता की जरूरतों के मुताबिक विकास व निर्माण कार्य कराने में व्यय किया गया है। केंद्रीय योजनाओं का संसदीय क्षेत्र में बेहतर क्रियान्वयन को लेकर भी प्रयास किया गया, लेकिन राज्य में कांग्रेस की सरकार होने के कारण पात्र कई पात्र हितग्राहियों को केंद्रीय योजनाओं के लाभ से वंचित रहना पड़ा। दिशा की बैठक में केंद्रीय योजनाओं के संबंध में अधिकारियों को निर्देशित किया जाता रहा है। लोकसभा में भी जनहित के मुद्दों को उठाया है और सदन के समक्ष अपनी बात रखी है।'

- विजय बघेल, सांसद, दुर्ग

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