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Lok Sabha Election 2024: पंजाब में कांग्रेस के सामने चुनौतियां, वड़िंग व पूर्व CM चन्नी अपनी सीटों पर फंसे, सिद्धू और बाजवा प्रचार से गायब

Lok Sabha Election 2024 पंजाब की सभी 13 लोकसभा सीटों पर एक जून को मतदान है। मगर कांग्रेस को स्टार प्रचारकों की कमी खल रही है। प्रदेश अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग और पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी अपनी-अपनी सीटों पर फंसे हैं। वहीं प्रताप सिंह बाजवा परिदृश्य से गायब हैं। पिछले चुनावों में स्टार प्रचारक रहे नवजोत सिंह सिद्धू ने भी इस बार प्रचार से दूरी बना रखी है।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Tue, 28 May 2024 09:26 AM (IST)
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लोकसभा चुनाव 2024: अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग, प्रताप सिंह बाजवा और चरणजीत सिंह चन्नी।

भूपेंदर सिंह भाटिया, जागरण, लुधियाना। पंजाब में कांग्रेस को जहां स्टार प्रचारकों की कमी खल रही है, वहीं विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा चुनावी परिदृश्य से ही गायब हैं। कांग्रेस ने अपने प्रदेश अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग को लुधियाना से मैदान में उतारा है, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी जालंधर से प्रत्याशी हैं। ऐसे में दोनों अपने चुनावी क्षेत्र में फंसे हैं। दूसरी तरफ बाजवा के सक्रिय न होने से कांग्रेस का चुनाव प्रचार प्रभावित हो रहा है।

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बिट्टू के जाने से कांग्रेस नाराज

वड़िंग को जब लुधियाना से प्रत्याशी बनाया गया था तो उस वक्त बाजवा ने कहा था कि मैं लुधियाना में मकान लेकर डटूंगा और रवनीत बिट्टू को हराकर लौटूंगा। दरअसल, बिट्टू के पार्टी छोड़कर भाजपा में जाने से कांग्रेस नाराज है। इसलिए बाजवा ने ऐसा बयान दिया था। अब सच्चाई यह है कि उक्त पत्रकार वार्ता के बाद बाजवा लुधियाना में आए ही नहीं।

जब बाजवा बोले- मैं यहीं डेरा डालूंगा

यही हाल अन्य लोकसभा क्षेत्रों का है, जहां बाजवा की उपस्थिति काफी कम है। उस वक्त बाजवा ने अपने एक दोस्त की कोठी ली थी और कहा था कि बिट्टू ने पार्टी के साथ धोखा किया है। जिस घमंड से वह बातें कर रहे हैं, मैं यहीं डेरा डालूंगा और उन्हें हराकर दिखाऊंगा। हालांकि, उसके बाद से बाजवा लुधियाना में प्रचार के दौरान नजर नहीं आए, जबकि उन्होंने मतदान तक यही रहने का दावा किया था।

सिद्धू ने भी बनाई दूरी

पिछले चुनाव में पंजाब में सबसे लोकप्रिय प्रचारक रहे नवजोत सिंह सिद्धू भी इस बार गायब हैं, जिसकी कमी कांग्रेस को खल रही है। अब उसके पास कांग्रेस के बाहरी स्टार प्रचारकों के अलावा कोई विकल्प नहीं है।

राहुल और प्रियंका ने संभाला मोर्चा

राहुल गांधी और प्रियंका गांधी कुछ हद तक मतदाताओं को लुभाने में कामयाब तो हो सकते हैं, लेकिन उनके अभी तक पंजाब में दौरे नाममात्र ही हुए हैं। हालांकि, कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश, राष्ट्रीय प्रवक्ता चरण सिंह सपरा, कांग्रेस अध्यक्ष के एडमिन गुरदीप सप्पल, पंजाब की प्रचार टीम के सदस्य गुरिंदर सिंह ढिल्लों जैसे नेता प्रचार करने के लिए राज्य में पहुंचे, लेकिन उनका लोगों में खास आधार न होने के कारण उसका लाभ नहीं मिल पा रहा।

यही कारण है कि वड़िंग और चन्नी जैसे नेता अन्य लोकसभा क्षेत्रों में प्रचार करने के बजाय अपनी सीट पर ही जद्दोजहद करते नजर आ रहे हैं। इतना ही नहीं, कांग्रेस में मायूस नेताओं के चुप्पी साधने का नुकसान भी हो रहा है। हालात यह हैं कि प्रत्याशी के परिवार वाले भी प्रचार के लिए दिन-रात एक कर रहे हैं।

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