Lok Sabha Election: काम नहीं आ रही रणनीति, हर बार बदला चेहरा लेकिन नहीं मिली जीत, क्या कांग्रेस अबकी भेद पाएगी भाजपा का किला?
बिलासपुर लोकसभा सीट पर हर लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी बदलने के बावजूद कांग्रेस को सफलता नहीं मिल रही है। उधर भाजपा हर चुनाव में चेहरा बदलकर मैदान फतेह कर लेती है। अबकी बार भी भाजपा ने नए प्रत्याशी पर दांव खेला है। ऐसे में सबकी नजरें चुनाव परिणाम पर हैं। पिछले कई चुनाव से भाजपा इस सीट पर ओबीसी उम्मीदवार को उतार रही है।
By Jagran News NetworkEdited By: Jagran News NetworkUpdated: Wed, 20 Mar 2024 07:27 PM (IST)
राधा किशन शर्मा, बिलासपुर। छत्तीसगढ़ की बिलासपुर लोकसभा सीट की कहानी भी अलग है। कांग्रेस और भाजपा पिछले कई चुनाव से इस सीट पर हर बार अपना प्रत्याशी बदल रहे हैं। मगर कांग्रेस को अभी तक इस रणनीति पर सफलता नहीं मिली है। यह सीट भाजपा की अभेद दुर्ग की तरह है। भाजपा यहां से लगातार चुनाव जीत रही है। खास बात यह है कि इस सीट पर पार्टी को ओबीसी उम्मीदवार पर खासा भरोसा है।
तीन चुनाव से भाजपा भी बदल रही प्रत्याशी
कांग्रेस को लगता है कि वह चेहरा बदल कर भाजपा को मात दे देगी। मगर हार बार उसके मंसूबों पर पानी फिर जाता है। इस सीट पर भाजपा भी पिछले तीन लोकसभा चुनाव से चेहरा बदल रही है। पार्टी ने 2009, 2014 और 2019 लोकसभा चुनाव में बिलासपुर सीट पर नए प्रत्याशियों को उतारा था।
चेहरा बदलने पर भी कांग्रेस को नहीं मिल रही सफलता
छत्तीसगढ़ गठन के बाद पहली बार 2004 में लोकसभा चुनाव आयोजित हुए थे। बिलासपुर सीट से भाजपा ने मोहले को अपना प्रत्याशी बनाया। वे चुनाव जीतकर संसद पहुंचे। 2009 के बाद से भाजपा ने इस सीट पर हर बार अपना चेहरा बदला और उसे इस रणनीति में सफलता भी मिली। कांग्रेस ने भी इसी रणनीति के सहारे भाजपा को मात देने की कोशिश की। यह अलग बात है कि उसे इसमें सफलता नहीं मिली।भाजपा ने 2009 के बाद इन चेहरों को उतारा
2009 में भाजपा ने दिलीप सिंह जूदेव, 2014 में लखनलाल साहू और 2019 में अरुण साव को प्रत्याशी बनाया था। अब 2024 लोकसभा चुनाव में लोरमी के पूर्व विधायक तोखन साहू को उम्मीदवार बनाया है। वहीं राज्य गठन के बाद कांग्रेस डॉ. बसंत पहारे, डॉ. रेणु जोगी, करुणा शुक्ला और कोटा के विधायक अटल श्रीवास्तव पर दांव लगा चुकी है।
ओबीसी उम्मीदवार पर भाजपा को भरोसा
बिलासपुर सीट पर भाजपा लगातार ओबीसी उम्मीदवारों पर भरोसा जता रही है। लखनलाल साहू, अरुण साव के बाद अब पार्टी ने तोखन साहू को मैदान में उतारा है। यहीं से पार्टी प्रदेश में पिछड़ा वर्ग को साधने की कोशिश भी करती है। उधर, कांग्रेस ने अनुसूचित जाति से तीन, एक बार अल्पसंख्यक और दो बार सामान्य वर्ग के चेहरों को इस सीट पर उतार चुकी है।इन चेहरों को अब तक उतार चुकी कांग्रेस
साल |
कांग्रेस प्रत्याशी |
1998 | कन्या कुमारी उर्फ तान्या अनुरागी |
1999 | रामेश्वर कोसरिया |
2004 | डॉ. बसंत पहारे |
2009 | डॉ. रेणु जोगी |
2014 | करुणा शुक्ला |
2019 | अटल श्रीवास्तव |