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Lok Sabha Election 2024: कांग्रेस को भूपेश तो भाजपा को मोदी का भरोसा, पढ़ें छत्तीसगढ़ की इस सीट का सियासी गणित

छत्तीसगढ़ की राजनांदगांव सीट पर इस बार मुकाबला दिलचस्प है। यहां से पूर्व सीएम भूपेश बघेल चुनाव मैदान में हैं। भाजपा की टिकट पर संतोष पांडेय उतरे हैं। सभी दलों की निगाहें ग्रामीण मतदाताओं पर टिकी हैं। यहां ग्रामीण मतदाताओं की संख्या अधिक है। नौ अप्रैल के बाद इस सीट पर चुनाव अभियान तेज होने की उम्मीद है। सभी दल अपने राष्ट्रीय नेताओं की रैली कराने की तैयारी में है।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Sun, 07 Apr 2024 04:46 PM (IST)
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Lok Sabha Chunav 2024: कांग्रेस को भूपेश तो भाजपा को पीएम मोदी का भरोसा।

जेएनएन, राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ की राजनांदगांव सीट प्रदेश की सबसे हाई प्रोफाइल सीट हो गई है। यहां से पूर्व सीएम भूपेश बघेल चुनाव मैदान में हैं। वहीं भाजपा से संतोष पांडेय चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा ने 2019 का लोकसभा चुनाव 1.12 लाख मतों से जीता था। मगर विधानसभा चुनाव में जीत का यह अंतर घटा है। यहां भाजपा को विधानसभा चुनाव में 30,599 मत की ही बढ़त मिली थी।

विधानसभा चुनाव में कैसा रहा प्रदर्शन?

अब भाजपा प्रत्याशी संतोष पांडेय को प्रधानमंत्री मोदी का सहारा है। वहीं कांग्रेस का भरोसा भूपेश बघेल पर है। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने पांच सीटों पर जीत दर्ज की थी। बघेल के सामने पुराने प्रदर्शन को बरकरार रखते हुए बढ़त बनाने की चुनौती है।

भाजपा ने चार विधानसभा सीटों पर जीत दर्जकर कुल एक लाख 11 हजार 74 मतों की बढ़त बनाई थी। वहीं कांग्रेस ने पांच विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की और कुल 80,475 मतों की बढ़त बनाई थी। कांग्रेस की अपेक्षा भाजपा को विस चुनाव में 30,599 मत अधिक मिले थे।

ग्रामीण मतदाताओं की भूमिका निर्णायक

राजनांदगांव लोकसभा सीट पर ग्रामीण मतदाताओं की भूमिका महत्वपूर्ण है। चुनाव में इनकी भूमिका निर्णायक होती है। लोकसभा क्षेत्र में कुल 18 लाख 65 हजार 175 मतदाता हैं। इनमें 10 लाख से अधिक ग्रामीण मतदाताओं की संख्या है। सभी दलों का प्रचार का केंद्र भी ग्रामीण क्षेत्र है। वहीं महिला मतदाताओं की पंसद भी चुनाव में अहम होगी। इसकी वजह है कि यहां पुरुष मतदाताओं की अपेक्षा महिला मतदाताओं की संख्या अधिक है। इस सीट पर महिला मतदाताओं की संख्या 8,508 अधिक है।

इन दिग्गजों की हो सकती रैली

इस बार चुनाव में स्थानीय मुद्दे गायब हो चुके हैं। पूरा प्रचार अभियान आरोप-प्रत्यारोप पर केंद्रित है। नौ अप्रैल से चुनावी रंग चटख होगा। कांग्रेस प्रियंका गांधी, राहुल गांधी, सचिन पायलट, समेत कई नेताओं की रैली कराने की योजना बना रही है। वहीं भाजपा की रणनीति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, योगी आदित्यनाथ, स्मृति ईरानी और हेमा मालिनी की रैली कराने की है।

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