मध्य प्रदेश के इस अनोखे पोलिंग बूथ की हर जगह चर्चा, समुद्र तल से 3000 फीट नीचे बना, रोचक है नाम के पीछे की कहानी
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में मतदान अधिकारियों और ग्रामीणों की मद्द से एक अनोखा पोलिंग बूथ बनाया गया। इस बूथ का नाम हरोवारो रखा गया। बूथ में आदिवासी संस्कृति को दर्शाया गया था। खास बात यह है कि पोलिंग बूथ समुद्र तल से तीन हजार फीट नीचे बना था। श्रीझोत गांव में बना यह पोलिंग बूथ कई मायनों में अनोखा था।
जेएनएन, छिंदवाड़ा। मध्य प्रदेश की छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर पहले चरण में 19 अप्रैल को मतदान हुआ। यहां 'हरोवारो' बूथ नाम से एक ऐसा अनोखा मतदान केंद्र बनाया गया, जिसकी हर तरफ चर्चा है। इस मतदान केंद्र को आदिवासी मतदाताओं को ध्यान में रखकर बनाया गया था। 'हरोवारो' स्थानीय बोली का शब्द है। इसका अर्थ हरा-भरा होता है।
जिला मुख्यालय से 80 किमी दूर है गांव
खास बात यह है कि ये अनोखा बूथ समुद्र तल से लगभग 3000 फीट नीचे बनाया गया था। जिला मुख्यालय से करीब 80 किमी दूर पातालकोट के 12 गांवों में से एक गांव श्रीझोत है। हरोवारो बूथ इसी गांव में बनाया गया। ग्रामीणों और मतदान अधिकारियों ने बूथ को यह अनोखा नाम दिया। श्रीझोत गांव की विशेषता यह है कि ये समुद्र तल से 3000 फीट नीचे बसा है।
यह भी पढ़ें: जांबाज बेटियां: जम्मू-कश्मीर में चुनाव के दौरान दिखेगा ये घातक दस्ता, इनसे कांपते हैं पाकिस्तानी आतंकी; जानें इनके बारे में
गांव में सभी मतदाता आदिवासी
गांव घने जंगल के बीच बसा है। यहां 629 मतदाताओं की संख्या हैं। गांव में सभी मतदाता आदिवासी हैं। बूथ पर आदिवासी चित्रकला को प्रदर्शित किया गया। इसमें आदिवासियों की पांरपरिक खेती को दिखाया गया। बूथ में पातालकोट और इलाके में पाई जाने वाली गुफाओं में बने शैल-चित्रों को चित्रित किया गया था।छिंद की पत्तियों से बनाया गेट
छिंदवाड़ा का नाम छिंद (भारतीय खजूर) पेड़ के नाम पर पड़ा है। यही वजह है कि हरोवारो बूथ का गेट इसी पेड़ की पत्तियों से बनाया गया था। बूथ को आदिवासी पंरपरा और संस्कृति के आधार पर सजाया गया था। वे कला और संस्कृति से खूब समृद्ध हैं। यह कहना है एसडीएम कामिनी ठाकुर का।यह भी पढ़ें: शिवराज सिंह चौहान के पास एक भी कार नहीं, मगर पांच महीने में लाखों रुपये बढ़ी संपत्ति, जानें कितना है कर्ज