उत्तर प्रदेश के वे पांच गैर भाजपाई CM जिनके बेटा-बेटी व बहू ने ली BJP में शरण, कांग्रेस से आए कई चौंकाने वाले नाम
राजनीति विरासत में मिली। परिवार के ‘बड़े’ तो महारथी थे। छोटों के मन में भी बहुत कुछ करने की आस। चूंकि ‘सियासी खून’ तो उनकी रगों में भी दौड़ रहा था सो अवसर और महत्वाकांक्षा उन्हें बड़े दलों के करीब खींच लाई। बड़ों की खड़ाऊं के सहारे कई चेहरों के लिए बड़े दलों के द्वार खुल गए। विरासत की सियासत को शब्दों में पिरो रहे हैं विशेष संवाददाता राजीव दीक्षित...
राजीव दीक्षित, लखनऊ। जनता पार्टी के शासनकाल में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे राम नरेश यादव के पुत्र अजय नरेश यादव ने शनिवार को भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। राम नरेश यादव लंबे समय तक कांग्रेस में भी रहे। किसी गैर भाजपा दल के मुख्यमंत्री के पुत्र, पुत्री या परिवारजन का अपनी राजनीतिक विरासत को बचाने के लिए भाजपा में ठौर तलाशने का यह अकेला उदाहरण नहीं है।
अतीत में कई बार ऐसा हुआ है, जब गैर भाजपा दलों की सरकारों में मुख्यमंत्री के पद पर रहीं राजनीतिक हस्तियों की संतानों या परिवारजन ने भाजपा की शरण ली है।
जब भाजपा में शामिल हुए यूपी के पहले सीएम के बेटे
उत्तर प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री गोविंद वल्लभ पंत के पुत्र और पूर्व केंद्रीय मंत्री कृष्ण चंद्र पंत भी अपने पिता की तरह कांग्रेस में रहे, लेकिन 1998 में वह भाजपा में शामिल हो गए। तत्कालीन प्रधानमंत्री ने उन्हें योजना आयोग का उपाध्यक्ष बनाया था। उनकी पत्नी इला पंत भी नैनीताल लोकसभा सीट से भाजपा की सांसद रहीं।यह भी पढ़ें: हरियाणा में भाजपा को बड़ा झटका, पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र ने पत्नी संग छोड़ी पार्टी; सांसद बेटा पहले ही थाम चुका 'हाथ'
विजय बहुगुणा ने भी भाजपा में ली शरण
हेमवती नंदन बहुगुणा भी कांग्रेस शासनकाल में नवंबर 1973 से नवंबर 1975 तक उप्र के मुख्यमंत्री रहे। उनके पुत्र विजय बहुगुणा भी कांग्रेस शासनकाल में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे। वर्ष 2016 में विजय बहुगुणा कांग्रेस को छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए।