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Lok Sabha Election 2024: कहीं शौचालय करना पड़ा साफ तो कहीं 'मृत' मतदाता से हुआ सामना, पोलिंग पार्टियों ने साझा किए दिलचस्प अनुभव

Lok Sabha Election 2024 पश्चिम बंगाल में चुनाव ड्यूटी के दौरान पोलिंग पार्टियों को कई बाधाओं और चुनौतियों का सामना करना पड़ा। कहीं शौचालय साफ करना पड़ा तो कहीं बिना भोजन-पानी के दिनभर काम करना पड़ा। चुनाव संपन्न कराने बाद लौटीं पोलिंग पार्टियों ने कई दिलचस्प अनुभवों को साझा किया। एक पोलिंग बूथ के पास बने जलाशय ने मतदान अधिकारियों का मन मोह लिया।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Wed, 29 May 2024 12:34 PM (IST)
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लोकसभा चुनाव 2024: मतदान अधिकारियों ने साझा किए दिलचस्प अनुभव।

पीटीआई, कोलकाता। देशभर में छह चरणों का चुनाव समाप्त हो गया है। सातवें यानी आखिरी चरण का मतदान एक जून को होगा। पश्चिम बंगाल में चुनाव ड्यूटी से लौटने वाले मतदान अधिकारियों ने अपने अनुभवों और दिलचस्प कहानियों को साझा किया। 'मृत' मतदाताओं से मिलने, बांध की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेने और शौचालयों की सफाई करने तक के अपने अनुभव को साझा किया।

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यहां कई असाधारण चुनौतियों का सामना मतदान अधिकारियों को करना पड़ा। तमाम चुनौतियों और बाधाओं का सामना करने के बावजूद मतदान अधिकारी दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के पर्व को सफलतापूर्वक संपन्न कराते हैं।

जलाशय ने मोहा मतदान टीम का मन

दुर्गापुर के एक स्कूल शिक्षक अरूप कर्माकर ने मतदान ड्यूटी के दौरान अपने अनुभव को साझा किया। उन्होंने बताया कि मेरी ड्यूटी आसनसोल लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत बाराबनी विधानसभा क्षेत्र के एक स्कूल में बने बूथ पर लगी थी। मतदान केंद्र पर पहुंचने पर पूरी मतदान पार्टी आश्चर्यचकित थी। दरअसल, मैथन बांध के आसपास की पहाड़ियों और एक विशाल जलाशय से घिरा वहां का परिदृश्य अद्भुत था।

जब 'मृत' मतदाता से हुआ सामना

मतदान के दिन सुबह कर्माकर ने जलाशय में स्नान भी किया। कर्माकर की टीम को एक 'मृत' मतदाता का सामना करना पड़ा। दरअसल, मतदान के दौरान एक व्यक्ति मतदान केंद्र में आया और दावा किया कि उसका नाम मृतकों की सूची में है, लेकिन वह जीवित है और मतदान करना चाहता है। बूथ पर मौजूद विभिन्न राजनीतिक दलों के मतदान एजेंटों ने पुष्टि कि वह वास्तविक व्यक्ति है। पहचान साबित करने के बाद व्यक्ति को मतदान करने की अनुमति दी गई।

शौचालयों की स्थिति नहीं थी ठीक

बर्धमान-दुर्गापुर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत एक बूथ पर तैनात एक अन्य स्कूल शिक्षक अंशुमान रॉय ने बताया कि अच्छी स्थिति वाले शौचालयों को केंद्रीय बल के जवानों ने बंद कर दिया था और कम उपयुक्त शौचालयों को ही मतदान अधिकारियों के लिए छोड़ गया था। मतदान केंद्र पर पहुंचने के तुरंत बाद हमें कुछ स्थानीय लोगों ने शीतल पेय की पेशकश की लेकिन मुझे लगा कि कुछ गड़बड़ है।

स्थानीय लोगों ने की भोजन की व्यवस्था

बूथ की चाबियों के प्रभारी व्यक्ति अनुपस्थित थे। संपर्क करने पर कहा कि वह अस्वस्थ हैं। स्थानीय लोग भोजन की व्यवस्था करेंगे। आमतौर पर, मध्याह्न भोजन पकाने वाली महिलाओं को मतदान दलों की देखभाल करने का काम सौंपा जाता है। वही भोजन और पानी की व्यवस्था करती हैं। 'की होल्डर' के नाम से मशहूर ये महिलाएं मतदान परिसर की चाबी अपने पास रखती हैं।

इस बात पर बंद किया खाना-पानी

अंशुमान रॉय ने बताया कि कुछ लोगों ने हमें उस रात रात का खाना और अगली सुबह नाश्ता दिया। हमने सारे खाने का खर्चा उठाया। चुनाव आयोग ने चुनाव अधिकारियों के लिए धन निर्धारित किया है, ताकि वे राजनीतिक दलों व अन्य किसी से भी कोई पक्षपात न करें। हालांकि मतदान के दिन पुरुषों का वही समूह मतदान टीम के पास पहुंचा और कहा कि वैध फोटो पहचान पत्र के बिना कुछ व्यक्तियों को मतदान करने दिया जाए। मना करने पर दोपहर का भोजन और पीने का पानी देना बंद कर दिया। मतदान टीम को बिना पानी व भोजन के काम करना पड़ा।

अंधेरे में बना था बाथरूम

अमित कुमार बिस्वास की चुनाव ड्यूटी आसनसोल लोकसभा सीट के एक दूरदराज गांव में लगी थी। बिस्वास ने बताया कि उनका बूथ कखोया हाईस्कूल में बनाया गया था। सभी कमरों में लाइट और पंखे की व्यवस्था थी। हालांकि, स्कूल परिसर के बाकी हिस्सों में लाइट नहीं थी। बाथरूम एक अंधेरे कोने में बना था। उन्होंने कहा कि यह अनुभव बहुत ही भयावह था, क्योंकि कोई भी मोमबत्ती या टॉर्च के बिना कक्षाओं से बाहर नहीं निकल सकता था।

मतदान टीम को साफ करना पड़ा शौचालय

हुगली जिले के आरामबाग लोकसभा सीट के अंतर्गत हरिपाल में मतदान की पूर्व संध्या पर रथिन भौमिक को शौचालय साफ करने पड़े ताकि उन्हें इस्तेमाल करने लायक बनाया जा सके। भौमिक ने कहा कि शौचालय का इस्तेमाल लंबे समय से नहीं किया गया था। पूछे जाने पर प्रधानाध्यापिका ने कहा कि स्कूल में केवल 40 छात्र हैं और कोई भी उनका इस्तेमाल नहीं करता। बाद में कुछ ग्राम शिक्षा समिति के सदस्य एक ब्रश और सफाई का सामान लेकर पहुंचे। इसके बाद शौचालय को साफ किया।

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