Lok sabha Election 2024 Lok sabha Election 2024 तेजस्वी यादव के साथ मिलकर चुनाव प्रचार कर रहे मुकेश सहनी ने रोजगार के मुद्दे पर कहा कि नौकरियां नीतीश सरकार में दी गईं। लेकिन 17 वर्ष से वे सत्ता में हैं पहले क्यों नहीं दे दी। यह असल में नीतीश कुमार की नहीं लालू यादव की सरकार थी। उनके साथ जागरण के प्रधान संवाददाता सुनील राज ने बातचीत की। पढ़िए इंटरव्यू।
Lok sabha Election 2024: बिहार की राजनीति में बड़े-बड़े धुरंधरों के बीच मुकेश सहनी नया चेहरा हैं। निषाद आरक्षण की मांग को लेकर राजनीति में आए सहनी अपने मकसद को लगातार आगे बढ़ाने में जुटे हैं। बीते दस वर्ष की राजनीति में सहनी कभी भाजपा के साथ रहे तो कभी महागठबंधन के साथ, लेकिन राजनीति की चकाचौंध में वे अपना मकसद नहीं भूले। लोकसभा चुनाव 2024 में वे एक बार फिर महागठबंधन के साथ मिलकर तीन सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं।
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के साथ मिलकर अपनी चुनावी सभाओं में वे लगातार केंद्र की मोदी सरकार की नीतियों पर हमलावर हैं। सहनी साफ शब्दों में केंद्र की पांच किलो अनाज जैसी नीति का विरोध करते हैं। वे कहते हैं इस देश, राज्य का युवा पांच किलो अनाज नहीं रोजगार चाहता है। सरकार उसके रोजगार की व्यवस्था करे। विकासशील इंसान पार्टी के संस्थापक मुकेश सहनी ने राजनीति और निषाद आरक्षण समेत अन्य मुद्दों पर जागरण के प्रधान संवाददाता सुनील राज से विस्तृत बातचीत की। प्रस्तुत हैं उसके अंश।
प्रश्न: चार चरणों का चुनाव संपन्न हो चुका है, क्या उम्मीदें हैं आपकी?
उत्तर: बिहार में लगातार कई सालों से एनडीए की सरकार है। 10 वर्ष से नरेन्द्र मोदी जी देश के प्रधानमंत्री हैं, लेकिन उन्होंने इन वर्षों में जो भी वादे किए उसमें वे खरे नहीं उतरे। हर साल दो करोड़ रोजगार, 15-15 लाख का वादा कुछ भी पूरा नहीं हुआ। हम विपक्ष में बैठकर उन कार्यों को कर रहे हैं। हम लगातार जनता के बीच में हैं और महसूस कर रहे हैं जनता मोदी जी को बदलना चाहती है। बिहार में हमें बेहतर परिणाम मिलेंगे।
प्रश्न: आपकी और तेजस्वी यादव की सभाओं में भीड़ की वजह क्या है? आप साथ आए हैं क्या इसलिए?
उत्तर: देखिए तेजस्वी यादव की सभाओं में पहले भी भीड़ होती थी। लेकिन अब मेरे साथ आने से दो लोग साथ हो गए हैं तो निश्चित रूप से भीड़ बढ़ी है। इसमें सभी जाति धर्म के लोग आ रहे हैं। सिर्फ निषाद नहीं हैं। सर्वाधिक संख्या युवाओं की है। हमें प्रसन्नता है कि युवा हमारे लिए आ रहे हैं, क्योंकि उन्हें हमसे उम्मीद है।
प्रश्न: सवाल यह है कि जो भीड़ आपकी चुनावी सभाओं में आ रही है वह वोट में बदलेगी?
उत्तर: मैं यही कहूंगा कि जो जोश दिख रहा है वह अप्रत्याशित है। युवा हमारे साथ जुड़ रहे हैं और उन्हें हम पर भरोसा भी है। मैं मानता हूं जो हमारी सभाओं में आ रहे हैं उन्होंने हमें वोट देने का मन बनाया है तभी वे यहां हैं। अन्यथा मोदी जी की सभाओं में नजर आते। एक-दो प्रतिशत लोग ही होंगे जो हमें वोट नहीं देंगे। आज हर वर्ग मोदी जी को रोकने के लिए प्रयास कर रहा है।
प्रश्न: एनडीए के मुकाबले संसाधनों के मामलों में आपको कोई कमी महसूस होती है?
उत्तर: देखिए संसाधन के मामले में हम उनका मुकाबला नहीं कर सकते। उनके कई हेलिकाप्टर उड़ रहे हैं। हमारे पास एक ही हेलिकाप्टर है। वे अपने मंच और साउंड पर लाखों खर्च कर रहे हैं। हमारा तो एक सभा का ही अधिकतम बजट एक लाख से ज्यादा का नहीं होता।
प्रश्न: गरीबों को इस देश में पांच किलो अनाज मिल रहा है?
उत्तर: पांच किलो राशन गांव के गरीब लोगों को मिल रहा है, जिनसे उन्हें वोट लेना है। देश में राशन देने की व्यवस्था कहां है। देश में तो टैक्स लेने की व्यवस्था है। क्योंकि उसी टैक्स से देश चलना है। हमें उन्हें बिठाकर खाना नहीं खिलाना है। हमें उनके दोनों हाथों में स्किल देना है। उन्हें ऐसा बनाना है कि पैडल मार कर देश की अर्थव्यवस्था को आगे ले जाएं। अब तय कर लीजिए कि व्हील चेयर पर बैठकर देश चलाना है या देश को दौड़ाना है। मुफ्त में खिलाते रहेंगे तो देश तो खत्म हो जाएगा।
प्रश्न: आप निषाद आरक्षण की बात करते हैं, लेकिन टिकट देने में निषाद समाज कहां चला जाता है?
उत्तर: यही मेरी लड़ाई है कि निषाद के लिए सीट आरक्षित हो जाए। अगर हम अनुसूचित जाति में होते तो हम गोपालगंज में निषाद उम्मीदवार दे सकते थे। चूंकि आरक्षण नहीं है इसलिए गोपालगंज में किसी निषाद भाई को नहीं लड़ाया। अन्य सीट की बात करें तो हम चुनाव जीतने के लिए लड़ते हैं। जिन सीटों पर हमारी लड़ाई है वे भाजपा का गढ़ रही हैं। हमे देखना था कि उनके उम्मीदवार को पराजित कौन कर सकता है। इसलिए हमें यह निर्णय लेना पड़ा। 2020 में हमने चार-चार निषाद लड़ाए, लेकिन चारों हार गए। जाहिर है हमें टक्कर देने के लिए जिताऊ उम्मीदवार चाहिए।
प्रश्न: इस चुनाव यह बात कही जा रही है कि आप लोग पिछड़ों, अति पिछड़ों का आरक्षण काट अल्पंसख्यकों को देना चाहते हैं?
उत्तर: देखिए सभी राजनीतिक दलों का घोषणा पत्र निकला है। यह हवा-हवाई आरोप है। आप कांग्रेस, राजद, वीआइपी या किसी अन्य सहयोगी दल का घोषणा पत्र देख लीजिए। इसमें कोई ऐसी बात नहीं है। कुछ लोग चुनाव जीतने के लिए इस प्रकार की झूठी अफवाहें उड़ाए तो इसमें हम लोग क्या कह सकते हैं। हकीकत यह है यह देश सबका है, चाहे वह हिंदू हो मुस्लिम हो, सिख हो या कोई भी हो। मोदी जी को बोलना है इसलिए जबरदस्ती बोल रहे हैं।
प्रश्न: निषादों को पूर्व से बिहार में आरक्षण मिल रहा है, आप किस आरक्षण की बात कर रहे हैं?
उत्तर: हमारे मछुआरा समाज में कई जातियां हैं। बंगाल समेत कई राज्यों में मछुआरा समाज को अनुसूचित जाति का दर्जा मिला हुआ है। हमारी मूल मांग यही है कि बिहार में हमें अनुसूचित जाति की अनुसूची में रखा जाए, ताकि हमारे समाज को ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सके। बिहार की बड़ी आबादी में निषाद का एक भी बच्चा कलेक्टर नहीं है। हमारा समाज हर मामले में काफी पीछे है। इसलिए हमें आगे लाने के लिए अनुसूचित जाति का दर्जा मिलना चाहिए।
प्रश्न: यह चर्चा है कि करार हुआ है कि 2025 में सरकार बनने पर आप उप मुख्यमंत्री होंगे?
उत्तर: निश्चित रूप से 2025 में महागठबंधन की सरकार बनी तो तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री होंगे और निषाद का बेटा उप मुख्यमंत्री होगा।
प्रश्न: पिछले चुनाव आप भाजपा के साथ थे। बताएं राम ने निषादराज को छोड़ा या निषादराज ने राम को?
उत्तर: सृष्टि रहने तक हम राम को मानने वाले लोग हैं। हमारा संबंध राम के साथ भगवान और भक्त का है। भाजपा सिर्फ चुनाव जीतने के लिए राम को भजती है। उनके मन में राम को लेकर श्रद्धा नहीं। श्रद्धा होती तो राजनीति में राम को नहीं लाते। राम तो असल में सबके हैं।
प्रश्न: इस चुनाव का बड़ा मुद्दा क्या है?
उत्तर: इस चुनाव का सबसे बड़ा मुद्दा बेरोजगारी है। किसान परेशान हैं। सरकार के पास उनकी बातें सुनने का समय नहीं। वे बिना मतलब के मुद्दों को लेकर चुनाव को उलझाना चाहते हैं।
प्रश्न: नौकरियां तो नीतीश कुमार की सरकार में दी गईं?
उत्तर: ठीक कहे रहे हैं हम भी कह रहे हैं नौकरियां नीतीश सरकार में दी गईं। लेकिन 17 वर्ष से वे सत्ता में हैं पहले क्यों नहीं दे दी। महागठबंधन की सरकार बनी और तेजस्वी यादव उप मुख्यमंत्री बने तो उनके विभाग से सर्वाधिक नौकरियां दी गईं। यह असल में नीतीश कुमार की नहीं लालू यादव की सरकार थी। 45 सीटों पर आप मुख्यमंत्री कैसे बन गए। यह तो लालू प्रसाद की मेहरबानी थी। नौकरी का क्रेडिट लेने का अधिकार नीतीश कुमार का नहीं, बल्कि तेजस्वी यादव का है।प्रश्न: हेलिकाप्टर पर मछली की बड़ी चर्चा रही, क्या जरूरत थी इसकी?उत्तर: अब मल्लाह का बेटा दिनभर मेहनत करे और खाना भी न खाए, यह कहां का न्याय है। हमारे घर में मछली न बने ऐसा कहां होता है। वैसे भी जिस वीडियो पर विवाद किया गया वह नवरात्र के पहले का था। हमें पता था कि इस वीडियो पर कई लोगों को मिर्ची लगेगी और लगी भी।