Lok Sabha Election 2024: क्या जातीय समीकरण में फंसी अनुप्रिया पटेल की सीट? जानिए सपा और बसपा की चुनावी रणनीति
Lok Sabha Election 2024 उत्तर प्रदेश की मीरजापुर लोकसभा सीट से केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल मैदान में हैं। यहां जातीय समीकरण के बीच मुकाबला त्रिकोणीय है। समाजवादी पार्टी ने भाजपा के सांसद रमेश चंद्र बिंद को टिकट दिया है। बसपा ने ब्राह्मण चेहरा मनीष त्रिपाठी को उतारा है। इस बार जातीय समीकरण में फंसे मीरजापुर का चुनावी रण दिलचस्प है।
अजय जायसवाल, जागरण, मीरजापुर। मां विंध्यवासिनी देवी के प्राचीन मंदिर से देश के धार्मिक पर्यटन में अहमियत रखने वाले विंध्य क्षेत्र के मीरजापुर में कई सवाल हैं और इन्हीं पर चुनावी गणित भी निर्भर करता है।
उदाहरण के लिए बड़ा सवाल तो यही है कि ब्राह्मण किधर जाएगा? भाजपा के प्रति इनका लगाव रहा है, लेकिन बसपा ने ब्राह्मण उम्मीदवार खड़ा किया है। मीरजापुर में मुहकोचवा चौराहे पर मिले लवकुश मालवीय कहते हैं, 'कोई फर्क नहीं पड़ना है, ब्राह्मण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ ही रहेंगे। अलग बात है कि लड़ाई त्रिकोणीय हो सकती है।'
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दूसरा सवाल यह है कि संविधान बदलने का मुद्दा कितना भीतर तक गया है? जवाब देवरी कलां के सुरेन्द्र कोल से मिलता है-पहले हम सब बसपा और फिर भाजपा के साथ थे। इस बार भाजपा को वोट देकर उन्हें संविधान बदलने का मौका ही नहीं देंगे। यानी कि यह मुद्दा बसपा के कोर वोट बैंक तक असर कर रहा है।
लीड घटेगी लेकिन...
मड़िहान के राजगढ़ बाजार में दवा कारोबारी अजय कुमार को लगता है कि लीड घटेगी, लेकिन अनुप्रिया पटेल जीतेंगी। केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल मीरजापुर लोस सीट से हैट्रिक लगाने को चुनावी रण में पसीना बहा रही हैं। एनडीए में भाजपा की सहयोगी अपना दल (एस) से चुनाव लड़ रहीं अनुप्रिया को टक्कर देने के लिए आईएनडीआईए में शामिल सपा ने भदोही से भाजपा सांसद रमेश चंद्र बिंद को टिकट दिया है।यह है मीरजापुर का जातीय समीकरण
मनीष त्रिपाठी पर दांव लगाकर बसपा भी मैदान में है। तकरीबन 19 लाख मतदाताओं वाली मीरजापुर लोस सीट के जातीय समीकरण देखे जाएं तो यहां लगभग 22 प्रतिशत वंचित समाज के अलावा पिछड़े वर्ग में कुर्मी-पटेल बिरादरी का दबदबा है। बिंद, मल्लाह, मौर्य की आबादी भी ठीकठाक है। राजभर, यादव, कुशवाहा, विश्वकर्मा, चौरसिया, बारी आदि जातियां के लोग भी चुनावी नतीजों पर कुछ हद तक असर डालते हैं। सवर्णों में सर्वाधिक ब्राह्मण, क्षत्रिय और वैश्यों की संख्या है।