Lok Sabha Election 2024: जोश है, आक्रोश है... इसलिए किया वोट से चोट; पढ़िए चर्चित सीट से मतदान की खास ग्राउंड रिपोर्ट
Lok Sabha Election 2024 पांचवें चरण का मतदान झारखंड की चर्चित लोकसभा सीट। लोग नई सरकार चुनने के लिए उत्साह से घरों से निकल रहे हैं और अपने मताधिकार का प्रयोग कर रहे हैं। लोगों के दिमाग में कई मुद्दे हैं जिनसे वह अपना पसंदीदा प्रत्याशी चुन रहे हैं। पढ़िए मतदान के दिन की खास ग्राउंड रिपोर्ट. . . .
कंचन कुमार, हजारीबाग। पतरातू डैम का पानी आज शांत है। पर्यटकों को सैर कराने वाली नावें नहीं चल रहीं। बच्चों की टोली, युवाओं की ठिठोली गायब है। कोई कोलाहल नहीं। जश्न का माहौल तो बूथों के आसपास दिख रहा।
हजारीबाग लोकसभा चुनाव को लेकर मतदान चल रहा है। कोयलांचल में पारा 38 डिग्री है। फिर भी मतदान केंद्रों पर लंबी कतारें दिख रहीं। शरीर से पसीना निकल रहा। फिर भी उत्साह में तनिक कमी नहीं। वोटरों के मुद्दे अलग-अलग हैं। दल व प्रत्याशियों की पसंद व नापसंद भी भिन्न। फिर भी एक ही कतार में प्रेम से अपनी बारी का इंतजार कर रहे।
मुद्दों की भरमार
यहां सिर्फ राम, काम, दाम ही मुद्दे नहीं, हेमंत सोरेन को जेल, भ्रष्टाचार का खेल, हजारीबाग में रेल, खदानों की सेल... मुद्दों की भरमार है। सबों को विश्वास है, उनके वोट ही ऐसे मुद्दों का समाधान संभव है। इसलिए वोट देने उमड़ पड़े हैं।
पतरातू के मतदान केंद्रों पर सुबह छह बजे ही कतार लंबी हो गई थी। शिवनारायण प्रसाद बताते हैं कि देश की मजबूती एवं विकास की तमन्ना है। इसलिए अपने सारे काम छोड़कर सबसे पहले मतदान करना उचित समझा। छात्रा श्वेता कुमारी बताती हैं कि बार- बार प्रतियोगी परीक्षाओं का पेपर लीक हो जा रहा।
गर्व की अनुभूति
भुरकुंडा की नीतू सिंह, प्रियंका सिंह एवं रिंकी बताती हैं कि योग्य होने के बाद भी मैंने बहुत दिनों तक वोट नहीं डाला। कोई उत्साह नहीं था। इस बार सनातन धर्म, अपने संस्कार एवं संस्कृति को मजबूती के लिए मतदान किया है। काफी गर्व की अनुभूति हो रही है।
रिवर साइड निवासी सीवी सौर्या बेंगलुरु में काम करती हैं। वह वोट डालने के लिए प्लेन से रांची एवं वाहन से भुरकुंडा पहुंची हैं। कहती हैं, 'देश के विकास तथा स्वाभिमान को बलवती करने में अपना छोटा सा योगदान देना चाहती हूं। मौका मिला है, तो कैसे चूकती।'
नाराजगी भी दिखी
परेज निवासी बंशी प्रसाद एवं केदला के प्रभात कुमार खदानों के बंद होने तथा आउटसोर्सिंग के हाथों में सौंपे जाने से नाराज हैं। कहते हैं, 'समग्र विकास के लिए रोजगार प्राथमिकता में होना चाहिए।' बबलू प्रसाद महंगाई को सबसे बड़ा मुद्दा बताते हैं।
बोकारो रामगढ़ की सीमा पर स्थित है नरसिंडडीह बूथ। पहाड़ की तलहटी स्थित इस जगह पर पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एवं गुरुजी शिबू सोरेन का गांव नेमरा का बूथ है। सुबह में ही वोट डालने के लिए लोगों की कतार लग गई। एक वृद्धा ने बताया, 'हेमंत को फंसाकर जेल में डाल दिया है। अन्याय हो रहा है।'
कविता भुइयां एवं लालदेव नायक कहते हैं- 'जिसने हमलोगों के बच्चों को खाना दिया है, उसे वोट तो देने का बनता ही है।' संत कोलंबा केंद्र पर दोपहर दो बजे तक मतदान की रफ्तार धीमी पड़ गई थी। दिव्यांग बाबू गांव कोर्रा निवासी ब्रजेश कुमार पत्नी के साथ पहुंचा। वालंटियर व्हील चेयर लेकर दौड़ी। ब्रजेश ने बताया- 'मदद के लिए पीएमओ को लिखा था। वहां से तत्काल जवाब आया। अभी सहायता नहीं मिली है।'