Lok Sabha Election 2024: गजब है ये प्रत्याशी! पंजाब में लड़ रहे चुनाव, कनाडा से प्रचार; जानिए क्या हैं इनके मुद्दे
Lok Sabha Election 2024 पंजाब के बठिंडा लोकसभा सीट पर कुल 18 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इन्हीं में से एक निर्दलीय प्रत्याशी हैं गुरबरन सिंह। बठिंडा से चुनाव लड़ रहे गुरबरन सिंह कनाडा से प्रचार करने में जुटे हैं। उन्होंने इंटरनेट मीडिया को अपना हथियार बनाया है। उनका कहना है कि जनता को जागृत करना ही उनका मुख्य मकसद है।
गुरप्रेम लहरी, जागरण, बठिंडा। लोकसभा चुनाव के रण में उतरे नेताओं में एक प्रत्याशी ऐसे भी हैं जो चुनाव तो बठिंडा से लड़ रहे हैं, लेकिन प्रचार कनाडा में बैठकर कर रहे हैं। बठिंडा से आजाद तौर पर चुनाव लड़ रहे गुरबरन सिंह इस समय कनाडा के एडमिंटन शहर में हैं। जिला मानसा के गांव मोहर सिंह वाला के रहने वाले गुरबरन पिछले 14 साल से कनाडा में हैं और वे मात्र यहां नामांकन दाखिल करने के लिए आए थे और फिर वापस चले गए।
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इंटरनेट मीडिया पर चल रहा प्रचार अभियान
गुरबरन सिंह ने चुनाव प्रचार के लिए इंटरनेट मीडिया को अपना हथियार बनाया है। वे वहां से व्हाट्सएप और फेसबुक के जरिए अपनी बात लोगों तक पहुंचा रहे हैं। इसके अलावा बठिंडा और मानसा में रह रहे उनके दोस्त टीमें बनाकर रोजाना अलग-अलग इलाकों में लोगों तक पहुंच रहे हैं। उनके द्वारा उठाए जा रहे मुद्दों को लेकर पोस्टर लगाए जा रहे हैं।'मानसा विकास में काफी पीछे'
गुरबरन सिंह बताते हैं कि जब भी वे कनाडा से पंजाब आते हैं तो देखते हैं कि अन्य जिलों में तो काफी विकास हुआ है, लेकिन मानसा इसमें काफी पीछे रह गया है। उनका कहना है कि समय-समय पर बनने वाली सरकारों ने विकास के वादे और दावे तो बहुत किए, लेकिन जमीनी हकीकत देखें तो कुछ नहीं दिखता।
चुनाव लड़ने का मकसद लोगों को जागृत करना
गुरबरन कहते हैं कि उनका मुकाबला किसी प्रत्याशी से नहीं है। चुनाव लड़ रहे अन्य राजनीतिक दलों के प्रत्याशी लोगों को मुद्दों से भटकाने का काम करते हैं। उनका चुनाव लड़ने का मकसद लोगों को जागृत करना है। इसीलिए उन्होंने माचिस और तीली को चुनाव चिन्ह चुना है। माचिस को ऊर्जा का स्रोत माना जाता है। इससे ही भविष्य उज्ज्वल होगा और तरक्की का रास्ता रोशन होगा।उत्तर प्रदेश व बिहार से आए लोगों के हक में करते हैं बात
गुरबरन सिंह उत्तर प्रदेश व बिहार से आए लोगों के हक में बात करते हैं। वे कहते हैं कि कई प्रत्याशी चुनाव में दूसरे राज्यों से आए लोगों के बारे में बयानबाजी कर रहे हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए। ये लोग पंजाब में मेहनत-मजदूरी कर अपनी रोजी-रोटी कमा रहे हैं।कई लोग रेहड़ी लगा रहे हैं और कई रिक्शा चला रहे हैं। कई उम्मीदवार इसे ही नौकरी मान रहे हैं तो ऐसे नेताओं से क्या उम्मीद की जा सकती है। अगर ऐसा उम्मीदवार जीत भी गया तो वह संसद में ऐसे मुद्दे उठाकर पंजाब के सम्मान को धूमिल करेगा।
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