Lok Sabha Election 2024: क्या अग्निवीर को मुद्दा बनाने में असफल रही कांग्रेस? जहां हुआ सबसे अधिक विरोध, वहीं चर्चा से गायब
MP Lok Sabha Election 2024 शुरू में अग्निपथ योजना को लेकर युवाओं में काफी आक्रोश था। मध्य प्रदेश में भिंड मुरैना और ग्वालियर जिले में युवाओं ने कई जगह इसके खिलाफ प्रदर्शन भी किए थे। लेकिन इसके बावजूद यहां पर चुनाव में अग्निवीर योजना चर्चा से नदारद दिख रही है। क्या कांग्रेस इसे मुद्दा बनाने में असफल रही है? पढ़ें खास रिपोर्ट...
वीरेंद्र तिवारी, ग्वालियर। मध्य प्रदेश का चंबल क्षेत्र यानि भिंड-मुरैना और ग्वालियर, यह तीनों ही जिले सेना में जाने वाले मध्य प्रदेश के कुल अभ्यर्थियों में आधे से अधिक का योगदान देते हैं। सुबह-सुबह इन जिलों से आने वाली दर्जनों यात्री बसें नौजवानों से भरी होती थीं, पर अब स्थिति जुदा है। युवाओं की संख्या घटकर 10 प्रतिशत रह गई है।
यह वह क्षेत्रीय युवा होते हैं, जो सेना में भर्ती होने के लिए कोचिंग पढ़ने एवं फिजिकल टेस्ट की तैयारी के लिए इन जिलों से अप-डाउन (आते-जाते) करते हैं। ग्वालियर-चंबल-बुंदेलखंड का आर्मी रिक्रूटमेंट आफिस (एआरओ) इसी क्षेत्र में होने के कारण यहां कई मकानों में डिफेंस कोचिंग संचालित हो रही हैं।
ग्वालियर के गोले का मंदिर चौराहे पर कांग्रेस के कई पोस्टर लगे हुए हैं। कुछ पोस्टर को ठीक ढंग से पढ़ने पर पता चलता है कि स्थानीय कांग्रेस प्रत्याशी प्रवीण पाठक खुद के शिक्षित होने का हवाला देते हुए वोट की मांग कर रहे हैं। चौराहे से थोड़ी दूर पर ही एक और विशालकाय होर्डिंग है, उसमें वही प्रत्याशी युवाओं को एक लाख रोजगार देने के वादे के साथ वोट मांगते हुए हाथ जोड़कर खड़े हैं।
नदारद है मुद्दा
दोनों ही पोस्टर में अग्निपथ योजना का कोई जिक्र नहीं है। लगभग दो वर्ष पहले 22 जून, 2022 को इस अंचल का सबसे हिंसक प्रदर्शन का गवाह यही चौराहा बना था। सैकड़ों गाड़ियों में तोड़फोड़, आगजनी, स्टेशन को तहस-नहस कर दिया गया था। युवा मोदी सरकार द्वारा प्रस्तावित नई सेना भर्ती की स्कीम अग्निपथ से उत्तेजित थे। अब मुद्दा नदारद है।
कांग्रेस के घोषणा पत्र में शामिल है 'अग्निपथ'
कांग्रेस के घोषणा पत्र में अग्निपथ योजना को वापस लेने का जिक्र किया गया है। राहुल गांधी ने न्याय यात्रा के दौरान तीन मार्च को मुरैना में और 30 अप्रैल को भिंड में चुनावी रैली में इस योजना को युवाओं के अंधकार भविष्य से जोड़ते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधा था। राहुल को उम्मीद थी कि यह मुद्दा चंबल का बड़ा क्षेत्रीय मुद्दा बन सकता है, लेकिन मैदानी हकीकत इससे जुदा है।जिस तरह से ग्वालियर में कांग्रेस के स्थानीय प्रचार में इस योजना का कोई जिक्र नहीं है, वैसे ही भिंड-मुरैना में भी दोनों ही कांग्रेस प्रत्याशी फूलसिंह बरैया और सत्यपाल सिंह उर्फ नीटू सिकरवार जब वोट मांगने निकल रहे हैं तो युवाओं या सैनिक परिवारों से संवाद करते वक्त इस योजना को आगे रखकर वोट नहीं मांग रहे हैं। वह या तो अन्य स्थानीय मुद्दों पर वोट मांग रहे हैं या निजी संबंधों के आधार पर।