Lok Sabha Election 2024: 'कच्छतीवु' चुनाव में कितना बड़ा मुद्दा? क्या तमिलनाडु में भाजपा के लिए बनेगा संजीवनी? जानिए लोगों की राय
Lok Sabha Election 2024 तमिलनाडु में पीएम मोदी की चुनावी रैलियों से लेकर प्रदेश भाजपा के युवा फायर ब्रांड अध्यक्ष के अन्नामलाई की सभाओं में कच्छत्तीवु अभी भी विमर्श का हिस्सा बना हुआ है। लेकिन क्या यह चुनावी मुद्दे में तब्दील हो पाएगा और वोटर इससे प्रभावित होंगे? जानिए क्या है इस पर लोगों की राय। पढ़ें रिपोर्ट. . .
संजय मिश्र, रामेश्वरम-रामनाथपुरम। कच्छतीवु द्वीप श्रीलंका को सौंपने के भाजपा के उठाए मुद्दे को लेकर राष्ट्रीय राजनीति के विमर्श में भले ही तीखी गरमागरमी चल रही हो मगर इससे सीधे प्रभावित तमिलनाडु के रामनाथपुरम संसदीय क्षेत्र में ही यह चुनाव का रुख पलट देने वाला मुद्दा नहीं बन पाया है।
तमिलनाडु में चुनाव प्रचार आखिरी हफ्ते में शिखर पर पहुंच चुका है, पर कच्छतीवु की हलचल रामनाथपुरम-रामेश्वरम में एनडीए समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार पूर्व मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम यानि ओपीएस की सभाओं और कुछ हद तक मछुआरा समुदाय की सीमाएं पार करती नहीं दिख रही है।
अभी भी विमर्श का हिस्सा
हालांकि तमिलनाडु में पीएम मोदी की चुनावी रैलियों से लेकर प्रदेश भाजपा के युवा फायर ब्रांड अध्यक्ष के अन्नामलाई की सभाओं में कच्छतीवु अभी भी विमर्श का हिस्सा बना हुआ है। पीएम मोदी ने तीन दिन पहले तमिलनाडु की अपनी सभाओं में कांग्रेस और द्रमुक पर कच्छतीवु को लेकर तगड़ा प्रहार करने से गुरेज नहीं किया।शायद यही वजह है कि रामनाथपुरम से एनडीए समर्थित निर्दलीय पनीरसेल्वम भी सभाओं में इसका जिक्र कर मछुआरा समुदाय को साधने की कोशिश कर रहे हैं। कच्छतीवु विवाद में रामनाथपुरम-रामेश्वरम का मछुआरा वर्ग ही है जो इससे प्रभावित होता है क्योंकि समुद्री इलाके में श्रीलंकाई नौसेना उन्हें परेशान करती है।
वापस लाने का वादा
रामनाथपुरम के अपने चुनाव कार्यालय से प्रचार के लिए जाते पनीरसेल्वम इसे अहम बताते हुए यह कहना नहीं भूलते कि पीएम मोदी तीसरी पारी में आए तो कच्छतीवु को वापस लाएंगे। ओपीएस के इस दावे के विपरीत चेन्नई से मदुरै के बीच कई जगह लोगों से हुई बातचीत का सार यही था कि कच्छतीवु सिर्फ चुनाव तक चर्चा में रहेगा मगर परिणाम पर इसका कुछ असर होगा इसमें संदेह है।दक्षिण चेन्नई के युवा बैंकर प्रेम, मदुरै के व्यवसायी पेरूवलन, रामनाथपुरम के युवा छात्र मुकंदन और रामेश्वरम मंदिर के मुख्य मार्ग पर समुद्र से निकले पत्थरों से बनी वस्तुएं बेचते एन राजकुमार जैसे कई लोगों की कच्छतीवु को लेकर जाहिर की गई राय का सार यह है कि आम लोगों में इसको लेकर भावनात्मक उबाल या सरगर्मी-बेचैनी जैसी कोई बात नहीं है और ऐसे में यह चुनाव से इतर आगे बढ़ेगा, इसकी गुंजाइश नहीं। हालांकि ओपीएस के रामनाथपुरम मुख्य चुनाव कार्यालय की कमान संभाल रहे उनके राजनीतिक सचिव मुरगानंदम मुकंदन दावा करते हैं कि भाजपा-ओपीएस का गठबंधन है और मोदी कच्छतीवु को वापस लाएंगे।