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Election 2024: भाजपा के उभार से कैसे बदला देश का राजनीतिक परिदृश्य, एक दशक तक विपक्ष में रहने के बाद आया प्रभुत्व का दौर

भाजपा का गठन 1980 में हुआ। भाजपा हिंदुत्व और राष्ट्रवाद को आगे रख कर जनता के बीच गई। 1989 के आम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी एक बड़ी राजनीतिक ताकत के तौर पर उभरी। भाजपा को 85 सीटों पर जीत मिली। हालांकि इस चुनाव में वीपी सिंह के नेतृत्व में जनता दल की गठबंधन सरकार बनी। 1991 के आम चुनाव में भाजपा की सीटें बढ़ कर 120 हो गईं।

By Jagran News Edited By: Amit Singh Updated: Sat, 16 Mar 2024 07:50 AM (IST)
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भाजपा ने एक दशक में देश की राजनीति को द्विध्रुवीय बना दिया था।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आजादी के बाद लगभग चार दशक तक भारतीय राजनीति में राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर कांग्रेस का दबदबा रहा। वर्ष 1989 का आम चुनाव इस राजनीतिक परिदृश्य में बड़ा बदलाव लेकर आया। जब भाजपा एक बड़ी राष्ट्रीय राजनीतिक ताकत के तौर पर उभरी और अगले एक दशक में उसने देश की राजनीति को द्विध्रुवीय बना दिया। जनसंघ के नेता श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को भारत की राजनीति में इस अहम बदलाव का श्रेय दिया जाता है।

जवाहरलाल नेहरू का दौर

कांग्रेस ने जवाहर लाल नेहरू के नेतृत्व में 1951, 1957 और 1962 का आम चुनाव बड़े अंतर से जीता और सरकार बनाई। उस दौर में जवाहर लाल नेहरू देश के सबसे अधिक लोकप्रिय नेता माने जाते थे। वाम दल, जनसंघ और कुछ समाजवादी धारा की राजनीतिक पार्टियां विपक्ष में थीं, लेकिन इनकी ताकत इतनी नहीं थी कि वे कांग्रेस के दबदबे को चुनौती दे सकें।

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इंदिरा गांधी के हाथों में देश की बागडोर

तत्कालीन पीएम लालबहादुर शास्त्री के निधन के बाद इंदिरा गांधी देश की प्रधानमंत्री बनीं। कांग्रेस ने उनके नेतृत्व में 1967, 1971 और 1980 का चुनाव जीता। हालांकि, 1975 में इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लागू करके विपक्षी नेताओं को जेल में डाल दिया । जनता के मौलिक अधिकार निलंबित कर दिए गए।

इंदिरा गांधी की दमनकारी नीतियों के खिलाफ पूरा विपक्ष एकजुट हो गया और 1977 के आम चुनाव में पहली बार कांग्रेस की हार हुई। 1977 में जनता पार्टी की सरकार बनी और मोरारजी देसाई प्रधानमंत्री बने। जनता पार्टी की सरकार देश में पहली गैर कांग्रेसी गठबंधन सरकार थी। देश की राजनीति में कांग्रेस के आधिपत्य को पहली बार गंभीर चुनौती मिली थी।

बड़ी राजनीतिक ताकत के तौर पर उभरी भाजपा

1980 में भाजपा का गठन हुआ। भाजपा हिंदुत्व और राष्ट्रवाद को आगे रख कर जनता के बीच गई। 1989 के आम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी एक बड़ी राजनीतिक ताकत के तौर पर उभरी। इस चुनाव में भाजपा को 85 सीटों पर जीत मिली। हालांकि, इस चुनाव में वीपी सिंह के नेतृत्व में जनता दल की गठबंधन सरकार बनी। 1991 के आम चुनाव में भाजपा की सीटें बढ़ कर 120 हो गईं।

1996 के आम चुनाव में 161 सीटें जीत कर भाजपा सबसे बड़े दल के तौर पर उभरी। यहीं से भारत की राजनीति दो ध्रुवीय हो गई। एक ध्रुव भाजपा का था और दूसरा ध्रुव कांग्रेस सहित दूसरे विपक्षी दलों का। 1998 में भाजपा ने 182 सीटें जीत कर सरकार बनाई। 1999 के आम चुनाव में फिर से अटल जी की अगुआई में राजग की सरकार बनी। पूरे पांच साल तक चलने वाली यह पहली गैर कांग्रेसी गठबंधन सरकार थी।

वर्ष 2004 के आम चुनाव में राजग की सरकार सत्ता में वापस नहीं आ सकी। तब हुए आम चुनाव में कांग्रेस के नेतृत्व में संप्रग की सरकार बनी। मनमोहन सिंह के नेतृत्व में संप्रग सरकार ने 2009 के आम चुनाव में सत्ता में वापसी की। इस कारण 10 वर्ष तक भाजपा विपक्ष में रही। इसके बाद भाजपा ने नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री का उम्मीदवार घोषित कर वर्ष 2014 का आम चुनाव लड़ा। जिसमें भाजपा ने 282 सीटें जीत कर पूर्ण बहुमत से केंद्र में सरकार बनाई। यहीं से भारत की राजनीति में भाजपा का प्रभुत्व बढ़ने लगा। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा की सीटें बढ़ कर 303 हो गईं। मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने राज्यों में भी शानदार सफलता हासिल की। वर्तमान में कांग्रेस देश में सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी है।

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