Lok Sabha Election 2024: विदिशा लोकसभा क्षेत्र में पर्यटन की कई संभावनाएं, लेकिन प्रचार की कमी, अब शिवराज से बंधी उम्मीदें
Vidisha Lok Sabha Election 2024 विदिशा लोकसभा क्षेत्र कई विश्व धरोहर स्थल और ऐतिहासिक इमारतों से घिरा हुआ है। यहां पर पर्यटन के अपार मौके हैं लेकिन फिर भी अब तक इस दिशा में उतना काम नहीं हो पाया है। यहां से शिवराज सिंह के चुनावी रण में उतरने से लोगों को उम्मीदें होंगी कि अगर वह जीतते हैं तो पर्यटन की दिशा में भी काम करेंगे।
पीटीआई, विदिशा। लोकसभा चुनाव में हाई प्रोफाइल सीटों में विदिशा संसदीय क्षेत्र भी शामिल है। यहां से भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को मैदान में उतारा है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से लेकर भाजपा की कद्दावर नेता रहीं सुषमा स्वराज भी विदिशा से सांसद रह चुकी हैं। गौरवशाली चुनावी इतिहास को समेटे हुए विदिशा का में पर्यटन को लेकर भी असीम संभावनाएं हैं।
विभिन्न विश्व धरोहरों से घिरा यह कई क्षेत्र ऐतिहासिक स्थलों का भी घर है। यहां पर सांची और भीमबेटका जैसी विश्व धरोहरें हैं, जिन्हें देखने के लिए देश-विदेश से भी लोग आते हैं। वहीं बीजा मंडल जैसे महत्वपूर्ण स्थल। हालांकि अपार संभावनाओं के बावजूद यहां पर पर्यटन की दिशा में जैसा काम होना चाहिए था, वैसा नहीं हुआ है। इतिहासकार भी इस बात को मानते हैं। हालांकि शिवराज से लोगों को उम्मीद जरूर होगी कि अगर वह चुनाव जीतें तो इस दिशा में विकास के लिए कदम उठाएम।
यहां की इमारतों से प्रेरित है संसद भवन का डिजाइन
इतिहासकार गोविंद देवलिया बताते हैं कि सेंट्रल विस्टा स्थित देश के नए संसद भवन का डिज़ाइन भी बीजा मंडल-विजय मंदिर से प्रेरित है। समाचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत में वह कहते हैं, "यह सच है कि बड़ी संख्या में पर्यटक प्रसिद्ध बौद्ध स्थल सांची आते हैं। लेकिन उनमें से बहुत कम पर्यटक विदिशा शहर जाते हैं, जो बीजा मंडल जैसे ऐतिहासिक और पुरातात्विक रूप से महत्वपूर्ण स्थान होने के बावजूद विश्व धरोहर स्थल से मुश्किल से 10 किमी दूर है।"उन्होंने कहा कि विदिशा उदयगिरि गुफाओं जैसे ऐतिहासिक स्थानों से भी घिरा हुआ है, जहां दुनिया की सबसे पुरानी गणेश मूर्ति और हेलियोडोरस स्तंभ हैं, जो ईसा पूर्व युग के कुछ स्मारकों में से एक है। गोविंद देवलिया विदिशा में पर्यटन को बढ़ावा देने के दिशा में ध्यान देने की जरूरत पर जोर देते हुए कहते हैं कि इससे संबद्ध क्षेत्रों में नौकरियों के भी खूब अवसर पैदा होंगे।ये भी पढ़ें- Lok Sabha Election 2024: क्या अग्निवीर को मुद्दा बनाने में असफल रही कांग्रेस? जहां हुआ सबसे अधिक विरोध, वहीं चर्चा से गायब
शिवराज से अपील
वह कहते हैं, "न केवल नए संसद भवन का, बल्कि पुराने भवन का डिजाइन भी मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में 11वीं सदी के चौसठ योगिनी मंदिर से प्रेरित था। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि वास्तुकारों ने यह नहीं बताया कि उन्हें संरचना (संसद भवन) को डिजाइन करने का विचार कहां से आया... यह पहले के संसद भवन के साथ-साथ सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत निर्मित नए भवन के साथ भी हुआ।"
देवलिया ने बताया कि अब चूंकि शिवराज सिंह चौहान यहां से चुनाव लड़ रहे हैं तो विदिशा के लोगों उनसे अपील की है कि नए संसद भवन में बीजा मंडल-विजय मंदिर के डिजाइन का उल्लेख हो। उन्होंने इस बात पर भी अफसोस जताया कि अधिकारियों ने विदिशा को पर्यटन स्थल के रूप में प्रचारित नहीं किया है। उन्होंने कहा, "यहां तक कि सांची को भी सरकारी एजेंसियों ने बढ़ावा नहीं दिया। इसे प्रमुखता सिर्फ इसलिए मिली क्योंकि यह बौद्ध धर्म से जुड़ा है, जिसकी अंतरराष्ट्रीय मान्यता है।"
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