पहला चरण बताएगा जीतन राम मांझी कितने असरदार, इन सीटों पर सभी की निगाहें, क्या काम आएगी राजग की ये रणनीति?
लोकसभा चुनाव के पहले चरण में जीतन राम मांझी के राजनीतिक असर की परीक्षा होगी। पहले चरण के तहत 19 अप्रैल को बिहार की चार सीटों पर मतदान होगा। इनमें गया औरंगाबाद नवादा और जमुई सीट शामिल है। गया से पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी खुद चुनाव मैदान में हैं। हालांकि पिछले चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
कुमार रजत, पटना। लोकसभा चुनाव का पहला चरण पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के साथ उनके दल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) की ताकत की भी परीक्षा लेगा। पहले चरण के लिए 19 अप्रैल को चार सीटें गया, औरंगाबाद, नवादा और जमुई पर मतदान है। इनमें तीन लोकसभा सीटें ऐसी हैं, जहां मांझी के दल हम के सभी चार विधायक हैं। औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली विस सीट इमामगंज से जीतन राम मांझी खुद विधायक हैं।
हम के खाते में ये तीन लोकसभा सीटें
टिकारी से हम के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अनिल कुमार विधायक हैं। जमुई के सिकंदरा से प्रफुल्ल मांझी, जबकि गया के बाराचट्टी से ज्योति मांझी हम विधायक हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में हम को महागठबंधन की ओर से तीन सीटें मिली थीं। इनमें गया, औरंगाबाद और नालंदा सीटें शामिल थीं।मोदी लहर में हम एक भी सीट नहीं जीत पाई। मगर हम ने इसमें सबसे अच्छा प्रदर्शन औरंगाबाद सीट पर किया था। यहां राजग के विरोध में हम के उम्मीदवार उपेन्द्र प्रसाद ने तीन लाख 58 हजार से अधिक वोट बटोरे थे।
भाजपा के सुशील कुमार सिंह यहां नजदीकी मुकाबले में करीब 72 हजार वोटों से चुनाव जीते थे। इस बार हम राजग के साथ हैं और सुशील कुमार सिंह फिर से औरंगाबाद में उम्मीदवार हैं। ऐसे में देखना अहम होगा कि हम अपने पुराने विरोधी को इस बार जीत दिलाने में कितनी मदद कर पाता है।यह भी पढ़ें: बिहार की इस सीट पर दिलचस्प हुआ चुनाव, 40 साल बाद किसी दल ने महिला को उतारा, जानें कौन हैं?
गया सीट से मैदान में जीतन राम मांझी
गया सीट से जीतन राम मांझी खुद उम्मीदवार हैं। पिछली बार उन्हें तीन लाख 14 हजार वोट मिले थे। मगर वह जदयू के विजय कुमार मांझी से करीब डेढ़ लाख वोटों से चुनाव हार गए थे। इस बार मांझी राजग के साथ हैं और विजय मांझी बेटिकट हो गए हैं। मांझी के लिए राजग की विजयी सीट को बचाना सबसे बड़ी चुनौती होगी।