Election 2024: झारखंड में कांग्रेस के रुख से झामुमो असहज, भाजपा ने भी चला बड़ा दांव
हेमंत सोरेन अभी जेल में हैं। इस बीच दुमका सीट से उनके चुनाव लड़ने को लेकर भी चर्चाएं चल रही हैं। दुमका से आठ बार सांसद रहे झामुमो अध्यक्ष शिबू सोरेन अब वृद्ध हो चुके हैं और यह लगभग तय माना जा रहा है कि इस बार वह चुनावी मैदान में नहीं होंगे। ऐसे में पार्टी सहानुभूति वोट के लिए हेमंत को दुमका से उतार सकती है।
प्रदीप सिंह, रांची। झारखंड में सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने लोस में सीटों के बंटवारे को लेकर कांग्रेस के साथ सहमति बनाई है, लेकिन अभी तक यह आधिकारिक तौर पर यह घोषित नहीं हुआ है। वहीं, इस बीच झामुमो अध्यक्ष शिबू सोरेन की बड़ी बहू व पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन अपने परिवार की पार्टी छोड़ भाजपा में चली गई हैं।
ऐसे में झामुमो को अब परिवार के मोर्चे पर भी चुनौती झेलनी पड़ेगी। चर्चा इस बात की भी है कि भाजपा दुमका में अपना उम्मीदवार बदलकर सीता सोरेन को वहां से उतार सकती है। उधर, दुमका में झामुमो का गढ़ बचाने के लिए हेमंत सोरेन के भी वहां से चुनाव लड़ने की चर्चा है। ऐसा होता है तो सोरेन परिवार के सदस्य आमने-सामने होंगे।
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सीट बंटवारे पर असहमति
उधर, महागठबंधन के दलों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर रोज नए फार्मूले सामने आ रहे हैं। कांग्रेस के कुछ नेता कांग्रेस को सात सीटें मिलने का दावा कर रहे हैं, जबकि झामुमो का कहना है कि अभी इस पर निर्णय नहीं हुआ है। झामुमो की रणनीति थी कि सीटों के बंटवारे की घोषणा अंतिम समय में की जाए।
मगर कांग्रेस के नेता आलमगीर आलम का एक बयान सामने आया, जिसमें उन्होंने सात सीटें कांग्रेस, पांच झामुमो और एक-एक सीट राजद व भाकपा माले को दिए जाने पर सहमति बनने का दावा किया। कांग्रेस की इस घोषणा से झामुमो असहज है। झामुमो अबतक खुद को गठबंधन में बड़े भाई की भूमिका में बताकर ज्यादा सीटों का दावा करता रहा है। ऐसे में झामुमो ने भितरखाने यह कहते हुए आपत्ति दर्ज कराई है कि इससे परिणाम के साथ-साथ उसकी सांगठनिक गतिविधियों पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है।
झामुमो ने तय किया है कि सीटों के तालमेल को लेकर अब कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व के साथ बात होगी। झामुमो की कोशिश है कि कम से कम एक और सीट पाले में आए। दबाव लोहरदगा सीट को लेकर है। हालांकि कांग्रेस इस सीट को छोड़ने को तैयार नहीं है। सिंहभूम की सांसद गीता कोड़ा के भाजपा में चले जाने के बाद अब कांग्रेस ने सिंहभूम संसदीय सीट पर दावेदारी छोड़ दी है। इस सीट से अब झामुमो अपना प्रत्याशी देगा।