संतान के लिए 'संतोष' की गोली गटकने को तैयार नेताजी! न साख की परवाह और न हाईकमान के हंटर का डर
Lok Sabha election 2024 देश में 18वीं लोकसभा के लिए चुनाव होना है। इसके लिए चुनाव आयोग शनिवार दोपहर तीन बजे चुनाव की तारीखों का एलान करेगा। इधर कांग्रेस के दिग्गज नेता खुद चुनाव लड़ना नहीं चाह रहे हैं लेकिन अपने बेटे और बेटियों के लिए टिकट मांग रहे हैं। कांग्रेस हाईकमान असमंजस में है कि क्या जनता नए चेहरों को स्वीकारेगी या नकार देगी...
अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। मध्य प्रदेश और राजस्थान के बाद अब हरियाणा में भी कांग्रेस वही कहानी दोहराने जा रही है, जो उसकी राजनीतिक सेहत के लिए बहुत अच्छी नहीं कही जा सकती। हरियाणा में कांग्रेस के जितने भी वरिष्ठ और दिग्गज नेता हैं, वह सभी स्वयं लोकसभा चुनाव लड़ने से कन्नी काट रहे हैं, लेकिन अपनी आगे की पीढ़ी के लिए चुनाव लड़ने का रास्ता तैयार कर रहे हैं।
प्रदेश की 10 लोकसभा सीटों के लिए जितने भी दावेदारों ने चुनाव लड़ने के लिए आवेदन किए हैं, उनमें किसी दिग्गज कांग्रेस नेता का नाम शामिल नहीं है। सभी की इच्छा स्वयं लोकसभा चुनाव लड़ने की बजाय या तो विधानसभा चुनाव लड़कर हरियाणा की राजनीति में सक्रिय रहने की है या फिर अपने परिवार के सदस्यों को आगे बढ़ाने की है। आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन में कुरुक्षेत्र की एक सीट कांग्रेस द्वारा उसे दी जा चुकी है।
दिग्गज की ना, बच्चों की हां
कांग्रेस के इन दिग्गजों ने विकल्प के तौर पर अपने बेटे-बेटियों और परिवार के अन्य सदस्यों को लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए आगे कर रखा है। देश भर में कांग्रेस की जो स्थिति चल रही है, उसके मद्देनजर कांग्रेस हाईकमान की सोच पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को ही चुनाव लड़ाने की है, लेकिन इसमें उनकी रुचि नहीं होने के कारण पार्टी के सामने बड़ा राजनीतिक संकट खड़ा हो रहा है।कमलनाथ नहीं, नकुलनाथ मैदान में
मध्य प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने स्वयं चुनाव लड़ने की बजाय अपने बेटे नकुलनाथ को छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतरवाया है। राजस्थान में भी यही स्थिति है। वहां पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को जालौर लोकसभा सीट से टिकट मिला है।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा का बेटा दीपेंद्र तैयार
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा साल 2019 में सोनीपत लोकसभा सीट से चुनाव लड़े थे, लेकिन इस बार वह इस मूड में बिल्कुल भी नहीं हैं। उनके बेटे दीपेंद्र सिंह हुड्डा राज्यसभा सदस्य हैं, लेकिन दीपेंद्र राज्यसभा सदस्य होने के बावजूद रोहतक लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं।हालांकि, कांग्रेस हाईकमान भूपेंद्र हुड्डा को रोहतक से चुनाव लड़वाने के हक में हैं, लेकिन पिता अभी इसके लिए तैयार नहीं हुए हैं। गुरुग्राम से पूर्व सिंचाई मंत्री कैप्टन अजय यादव ने टिकट के लिए आवेदन नहीं किया है। पार्टी प्रभारी दीपक बाबरिया के प्रति कैप्टन में काफी नाराजगी है। कैप्टन बिहार के पूर्व सीएम लालू यादव के समधी हैं और सोनिया गांधी के काफी करीब हैं। कैप्टन अपने बेटे चिरंजीव राव के लिए टिकट का प्रयास कर रहे हैं।
कांग्रेस महासचिव एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी शैलजा अंबाला व सिरसा लोकसभा सीटों से सांसद रह चुकी हैं, लेकिन इस बार उन्होंने किसी भी लोकसभा सीट पर दावेदारी नहीं जताई है। सैलजा विधानसभा चुनाव लड़कर प्रदेश की राजनीति में सक्रिय रहना चाहती हैं।