जानें मध्य प्रदेश की इन आठ सीटों का हाल, किसके सामने कौन है चुनौती; कहीं मतभेद तो कहीं एंटी इनकंबैंसी
मध्य प्रदेश के महाकोशल और विंध्य अंचल में चुनावी समर तेज हो गया है। यहां की आठ सीटों पर पहले और दूसरे चरण में मतदान होना है। यहां हर दल चुनावी समीकरण को साधने में जुटा है। मगर सभी के सामने चुनौती कम नहीं है। कहीं किसी के सामने आंतरिक मतभेद का संकट है तो किसी के सामने एंटी इनकंबैंसी की चुनौती है।
जेएनएन, भोपाल। मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव की वजह से राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। हर दल अपने हिसाब से समीकरण बैठाने में जुटा है। पिछले लोकसभा चुनाव के बाद हर सीट पर राजनीतिक परिदृश्य में बदलाव आया है। ऐसे में महाकोशल और विंध्य अंचल की सीटों का हाल जानना भी जरूरी है।
इन दिनों मध्य प्रदेश की बालाघाट सीट चर्चा में है। यहां से कांग्रेस ने सम्राट सिंह सरस्वार को अपना उम्मीदवार बनाया है। मगर चुनौती यह है कि बालाघाट से कांग्रेस विधायक अनुभा मुंजारे के पति कंकर मुंजारे बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की टिकट पर चुनाव मैदान में हैं।
छह बार के भाजपा सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते मंडला सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। इन्हें एंटी इनंकबैंसी का सामना करना पड़ रहा है। कुछ ऐसा ही हाल सतना सीट से भाजपा प्रत्याशी गणेश सिंह का है। गणेश सिंह यहां से लगातार चार बार से सांसद हैं। 2023 मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में फग्गन सिंह कुलस्ते और गणेश सिंह को हार का सामना करना पड़ा था।
आपको बता दें कि पहले चरण के तहत 19 अप्रैल को सीधी, शहडोल, जबलपुर, बालाघाट, मंडला और छिंदवाड़ा सीट पर मतदान होगा। दूसरे चरण में 26 अप्रैल को रीवा और सतना लोकसभा सीट पर मतदान होगा।
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छिंदवाड़ा सीट पर भाजपा की निगाह
2019 लोकसभा चुनाव में भाजपा ने प्रदेश की 29 में से 28 सीटों पर जीत दर्ज की थी। मगर छिंदवाड़ा सीट पर कांग्रेस का दबदबा कायम रहा। इस सीट पर भाजपा की निगाह है। पिछले कुछ समय से इस सीट पर सियासी बयार बदली है। विधायक कमलेश शाह ने भाजपा का दामन थाम लिया है।
कमलेश को पूर्व सीएम कमल नाथ का करीबी माना जाता है। करीबी दीपक सक्सेना के बेटे पहले ही भाजपा में हैं। छिंदवाड़ा सीट पर भाजपा ने विवेक बंटी साहू को प्रत्याशी बनाया है। कांग्रेस से मौजूदा सांसद नकुल नाथ उतरे हैं। कांग्रेस और कमल नाथ के सामने अपने गढ़ को बचाने की चुनौती है। वहीं भाजपा सेंधमारी की जुगत में है।