Move to Jagran APP

अतीत के आईने से: 18 साल के युवाओं को कब मिला पहली बार मतदान का अधिकार? जानिए क्यों लिया गया था फैसला

Lok Sabha Election 2024 देश 18वें लोकसभा चुनाव के मुहाने पर खड़ा है जिसमें करोड़ों युवा पहली बार अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में 18 साल के युवाओं को पहली बार मतदान करने का अधिकार कब मिला था और मतदान की न्यूनतम उम्र घटाने के पीछे वजह क्या थी। जानिए ऐसे सभी सवालों के जवाब।

By Jagran News Edited By: Sachin Pandey Updated: Sat, 06 Apr 2024 05:26 PM (IST)
Hero Image
भारतीय संविधान के 61वें संशोधन के बाद मताधिकार की उम्र घटाने का फैसला किया गया था। (File Image)
जेएनएन, नई दिल्ली। दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत के लिए साल 1989 काफी अहम रहा। इसी साल वोट देने की उम्र सीमा 21 से घटाकर 18 साल की गई। सरकार के इस फैसले के बाद मतदान करने वालों में युवाओं की भागीदारी बढ़ी। भारतीय संविधान के 61वें संशोधन के बाद इस फैसले को 1989 में लागू किया गया।

उस समय राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे। वर्ष 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद राजीव गांधी को प्रधानमंत्री बनाया गया था। राजीव गांधी के कार्यकाल को कई अहम फैसलों के लिए याद किया जाता है। उनमें से ही एक सबसे अहम फैसला था 18 साल के युवाओं को मतदान करने का अधिकार देना।

मेरा पावर वोट' अभियान से जुड़ी खबरों को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

राष्ट्र निर्माण के लिए युवा शक्ति जरूरी

राजीव गांधी के इस फैसले से पांच करोड़ युवा मतदाता और बढ़ गए। इस फैसले का विरोध भी हुआ, लेकिन राजीव गांधी को विश्वास था कि राष्ट्र निर्माण के लिए युवाशक्ति जरूरी है। हालांकि, इससे चुनाव के नतीजों पर कोई खास अंतर नहीं पड़ा।

चुनाव से जुड़ी और हर छोटी-बड़ी अपडेट के लिए यहां क्लिक करें

युवा वोटर साधने की थी योजना

ऐसा कहा जाता है कि राजीव गांधी ने मतदान की उम्र कम करके सोचा था कि वोटर युवा नेता को अवसर देंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। राजीव गांधी को सत्ता से हाथ धोना पड़ा। हालांकि, इससे संसदीय राजनीति में युवाओं की रुचि बढ़ी और देश को अधिक समावेशी बनाने में मदद मिली।

ये भी पढ़ें- Lok Sabha Election 2024: पसंदीदा पार्टी के लिए ऐसी दीवानगी! शादी के कार्ड में छपवाया घोषणा पत्र, आमंत्रण के साथ वोट देने की अपील

ये भी पढ़ें- Lok Sabha Election 2024: EVM से चुनाव कराने का बड़ा फायदा; बेकार नहीं जाता एक भी वोट, जबकि बैलेट पेपर में...