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Lok Sabha Election 2024: यहां चुनाव से पहले नहीं जमा करानी होगी लाइसेंसी बंदूक, पुलिस की रणनीति से बंद हुई धांय-धांय, जानिए क्‍या हैं नियम

Lok Sabha Election 2024 आगामी लोकसभा चुनाव के लिए भी जल्द ही तारीखों का एलान होना है जिसके बाद आचार संहिता लागू हो जाएगी। इसी के साथ एक बार फिर से देशभर में हथियार जमा कराने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। लेकिन मध्य प्रदेश के मुरैना पुलिस की दूरदृष्टि के कारण इस बार जिले में ऐसी लाइनें देखने को नहीं मिलेंगी। जानिए क्या है इसकी वजह

By Jagran News Edited By: Sachin Pandey Updated: Fri, 15 Mar 2024 07:31 PM (IST)
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Lok Sabha Election 2024: आचार संहिता लगते ही लाइसेंस हथियारों को थाने में जमा कराना होता है।
हरिओम गौड़, मुरैना। चुनाव से पहले थानों में हथियार जमा कराने के लिए लंबी-लंबी लाइनें लगती हैं। गौरतलब है कि चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार त्रिस्तरीय पंचायत से लेकर विधानसभा एवं लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लगते ही लाइसेंस हथियारों को थाने में जमा कराना होता है। आगामी लोकसभा चुनाव के लिए भी जल्द ही तारीखों का एलान होना है, जिसके बाद आचार संहिता लागू हो जाएगी।

इसी के साथ एक बार फिर से देशभर में हथियार जमा कराने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। लेकिन मध्य प्रदेश के मुरैना पुलिस की दूरदृष्टि के कारण इस बार जिले में ऐसी लाइनें देखने को नहीं मिलेंगी, क्योंकि 27000 से अधिक हथियार पहले से ही थानों में जमा हैं। इन हथियारों में लाइसेंसी बंदूक, रिवाल्वर, पिस्टल समेत अन्य शामिल हैं।

कभी डाकुओं का गढ़ रहा चंबल इलाका आज भी खूनी संघर्षों के लिए बदनाम है। यहां आज भी छोटी-छोटी बातों में बंदूक चल जाने की खबरें आम हैं। ऐसे में हर चुनाव से पहले आचार संहिता लागू होते ही मुरैना जिला प्रशासन के सामने सबसे बड़ी चुनौती हथियार जमा कराने की ही होती थी। लेकिन इस बार प्रशासन निश्चिंत है।

दरअसल मध्य प्रदेश में दिसंबर 2023 में ही विधानसभा चुनाव संपन्न हुए हैं, जिसके लिए अक्टूबर माह में ही आचार संहिता लागू हो गई थी। इसके तहत प्रशासन ने 9 अक्टूबर से 20 अक्टूबर के बीच जिले के 25 थानों में लाइसेंसी हथियार जमा करा लिए थे। नियमों के मुताबिक 3 दिसंबर को आचार संहिता के समाप्त होते ही बंदूकें वापस मिलनी थीं, जिसे लेकर जिला निर्वाचन अधिकारी ने 9 अक्टूबर ही आदेश दे दिया था, लेकिन पुलिस ने हथियार वापस नहीं किए।

चूंकि लोकसभा चुनाव में फिर से हथियार वापस जमा कराने पड़ते, ऐसे में मुरैना पुलिस ने सहूलियत देखते हुए हथियार थानों में ही जमा रखने का निर्णय लिया। हालांकि चंबल संभाग के ही भिंड और श्योपुर जिले में विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद लोगों को बंदूकें वापिस कर दी गई थीं, इसलिए इन जिलों में आचार संहिता लगने के बाद फिर से हथियार जमा कराए जाएंगे।

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शादियों में भी दिखा असर

मुरैना जिले में बंदूक रखना रसूख माना जाता है और यहां के शादी समारोहों में भी लोग कंधों पर बंदूक टांगकर अपना रूतबा दिखाते हैं, लेकिन थानों में हथियार जमा होने के कारण इस बार शादियों में भी बंदूकें देखने को नहीं मिलीं। इसका फायदा यह हुआ कि जिले में हर्ष फायर में किसी के हताहत होने की खबर नहीं आई।

लेकिन थानों में हथियार जमा होने के बावजूद आपराधिक घटनाओं में लगाम नहीं लगी है। लोगों के पास अवैध हथियार भी बड़ी मात्रा में हैं, जिस वजह से ताबड़तोड़ फायरिंग की घटनाएं लगातार सामने आती रही हैं। प्रशासन ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगा पाने में असफल रहा है। चुनाव में ये अवैध हथियार माहौल बिगाड़ने का काम कर सकते हैं।

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