Lok Sabha Election 2024: भाजपा के सामने प्रदर्शन दोहराने और कांग्रेस के सामने साख बचाने की चुनौती, हिमाचल प्रदेश में दिलचस्प हुआ चुनाव
Lok Sabha Election 2024 हिमाचल प्रदेश में इस बार लोकसभा चुनाव दिलचस्प है। भाजपा और कांग्रेस ने पूरा दमखम लगा रखा है। पिछले दो लोकसभा चुनाव में भाजपा हिमाचल की सभी चारों सीटों को जीत चुकी है। पार्टी के सामने इस प्रदर्शन को दोहराने का दबाव है। वहीं कांग्रेस के सामने साख बचाने का दबाव है क्योंकि प्रदेश में उसकी ही सरकार है।
रोहित नागपाल, शिमला। हिमाचल में लोकसभा चुनाव में भाजपा पर अपने प्रदर्शन को दोहराने का दबाव है तो कांग्रेस के सामने साख बचाने की चुनौती है। प्रदेश में पिछले दो लोकसभा चुनाव में भाजपा ने चारों सीटें जीती हैं जबकि हालिया राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस ने बड़ा झटका झेला है। 2009 के चुनाव में भाजपा ने तीन सीटें जीती थीं। पार्टी हमीरपुर सीट पर 1998 से लगातार जीत रही है।
शिमला संसदीय सीट कभी कांग्रेस का गढ़ मानी जाती थी, भाजपा यहां भी पिछले तीन चुनाव से लगातार जीत रही है। 2021 में मंडी लोकसभा उपचुनाव में कांग्रेस की प्रतिभा सिंह जीती थीं।
कांग्रेस के सामने साख बचाने की चुनौती
कांग्रेस के लिए जीत हासिल कर अपनी साख बचाने की चुनौती है। करीब डेढ़ वर्ष पहले कांग्रेस ने विधानसभा की 68 में से 40 सीटें जीती थीं। अब छह विधायकों के विद्रोही हो जाने से उसके पास 34 विधायक हैं। लोकसभा चुनाव से यह भी पता चलेगा कि जनता कांग्रेस सरकार के डेढ़ वर्ष के काम से कितनी संतुष्ट है।यह भी पढ़ें: छठवें चरण की नामांकन प्रक्रिया शुरू, सात राज्यों की इन 57 सीटों पर 25 मई को होगा चुनाव
उपचुनाव में कांग्रेस की ये रणनीति
हिमाचल में कांग्रेस विद्रोह झेल रही है। इस कारण पार्टी को राज्यसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद पार्टी के छह विधायक भाजपा में चले गए। विधानसभा उपचुनाव में भाजपा ने इन सभी को टिकट दिए हैं। अब कांग्रेस ने इसकी भरपाई के लिए भाजपा से आए नेताओं को चुनाव में उतारने का निर्णय लिया है। सुजानपुर व गगरेट से इसकी शुरुआत कर दी है।राज्यसभा चुनाव में इन छह विधायकों ने किया था खेला
विधानसभा चुनाव 2022 में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था। 68 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस को 40 व भाजपा को 25 सीटें मिली हैं। तीन विधायक निर्दलीय हैं।कांग्रेस के छह और तीन निर्दलीय विधायकों ने राज्यसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी हर्ष महाजन को मत दिया था। इस कारण कांग्रेस प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी चुनाव हार गए थे। बाद में पार्टी व्हिप के उल्लंघन पर विधानसभा अध्यक्ष ने इन छह विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया था।