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Maharashtra: पहले चरण में नागपुर समेत इन सीटों पर मुकाबला, कौन से मुद्दे तय करेंगे हार-जीत?

Lok Sabha Election 2024 Maharashtra महाराष्ट्र में पहले चरण में विदर्भ की 10 में से पांच सीटों पर मतदान होना है। इनमें चार पर भाजपा-कांग्रेस का सीधा मुकाबला है। पिछले चुनाव में महाराष्ट्र की 48 में से 23 सीटें भाजपा जीती थी। इस बार विदर्भ में कई मुद्दे हार-जीत में निर्णायक भूमिका निभाएंगे उनमें विकास प्रमुख है। जानिए कहां से कौन है मैदान में...

By Jagran News Edited By: Sachin Pandey Updated: Tue, 16 Apr 2024 02:49 PM (IST)
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Lok Sabha Election 2024: महाराष्ट्र में पहले चरण में विदर्भ की 10 में से पांच सीटों पर मतदान होगा।
ओमप्रकाश तिवारी, नागपुर। Lok Sabha Election 2024 Maharashtra: कुछ वर्ष पहले तक महाराष्ट्र के पूर्वी भाग में स्थित समूचा विदर्भ विकास से ऐसा अछूता था कि यहां स्वतंत्र विदर्भ का नारा अक्सर बुलंद होता सुनाई देता था। किसानों के आत्महत्याओं की खबरें दिल दहला देती थीं और गढ़चिरौली जैसे जिलों में नक्सलवाद का बोलबाला था।

ऐसा नहीं है कि ये सब समस्याएं बिल्कुल खत्म हो गई हैं, लेकिन अब विकास की पदचाप भी मतदाताओं को सुनाई देने लगी है। स्थानीय मुद्दों, जातीय समीकरण के बीच मतदाता विकास की यह पदचाप सुनते हुए ही मतदान करने का मन बना रहे हैं।

नागपुर में गडकरी बनाम ठाकरे

नागपुर महाराष्ट्र की सबसे महत्वपूर्ण लोकसभा सीटों में से एक है, क्योंकि यहां से भाजपा के दिग्गज नेता एवं केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी तीसरी बार भाजपा के प्रत्याशी हैं। उनके काम का बोलबाला जैसे पूरा देश देख रहा है, वैसे ही उनका अपना शहर नागपुर भी। कांग्रेस ने उनके मुकाबले नागपुर के ही अपने एक विधायक विकास ठाकरे को टिकट दिया है।

रामटेक से ये मैदान में

रामटेक में इस बार दोनों मुख्य प्रत्याशी नए हैं। शिवसेना ( शिंदे गुट) के हिस्से में गई इस सीट से उसने कांग्रेस छोड़कर आए इसी क्षेत्र की एक सीट से विधायक राजू पारवे को टिकट दिया है। अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित इस सीट से कांग्रेस ने श्यामराव बर्वे को टिकट दिया है। इस क्षेत्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की एक सभा भी हो चुकी है। मुकाबला कांटे का है।

चंद्रपुर में कांग्रेस का था कब्जा

2019 में महाराष्ट्र की चंद्रपुर सीट ही कांग्रेस को मिली थी, पर उसके सांसद सुरेश धानोरकर के असामयिक निधन के बाद कांग्रेस ने उनकी विधवा प्रतिभा धानोरकर को टिकट दिया है । वह इसी लोस क्षेत्र के अंतर्गत आनेवाले वारोरा विस क्षेत्र से विधायक हैं। उनका मुकाबला भाजपा के तेजतर्रार नेता सुधीर मुनगंटीवार से है। वह अपने कराए विकास के साथ-साथ पीएम मोदी द्वारा किए गए विकास के नाम पर भी वोट मांग रहे हैं।

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गढ़चिरौली - चिमूर

गढ़चिरौली - चिमूर सीट का बड़ा हिस्सा माओवादी नक्सलवाद से प्रभावित रहा है। पहले गढ़चिरौली के आदिवासी युवा भी बड़े पैमाने पर माओवाद की गिरफ्त में थे, लेकिन क्षेत्र में हो रहे विकास ने अब इस क्षेत्र पर माओवाद की पकड़ ढीली की है।

इसका लाभ तीसरी बार भाजपा द्वारा उम्मीदवार बनाए गए अशोक नेते को मिल रहा है। कांग्रेस ने अपने पुराने उम्मीदवार नामदेव उसेंडी का टिकट काटकर इस बार डा. नामदेव किरसान को उम्मीदवार बनाया है। इससे नाराज उसेंडी भाजपा में आकर अब अपने पुराने प्रतिद्वंद्वी अशोक नेते के लिए काम कर रहे हैं।

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25 साल बाद कांग्रेस मैदान में

भंडारा-गोंदिया में मैदान में हैं भाजपा के वर्तमान सांसद सुनील मेंढ़े और कांग्रेस के नए प्रत्याशी प्रशांत पडोले। एक तरफ कांग्रेस को 25 साल बाद इस सीट से अपना प्रत्याशी उतारने का मौका मिला है तो दूसरी ओर यहां से कई बार सांसद रहे प्रफुल पटेल राकांपा- भाजपा गठबंधन के कारण भाजपा के पक्ष में प्रचार कर रहे हैं। इसका लाभ भाजपा को मिल सकता है।

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