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Mandla Lok Sabha Seat: गडकरी ने मांगी माफी तो लोग सर्च करने लगे मंडला; सांसद ने संसद में दिखाई नोटों की गड्डी

Mandla Lok Sabha Chunav 2024 updates देश की सभी राजनीतिक पार्टियां लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारी में जुटी हैं। ऐसे में आपके लिए भी अपनी लोकसभा सीट और अपने सांसद के बारे में जानना भी जरूरी है ताकि इस बार किसको जिताना है इसे लेकर कोई दुविधा न हो। आज हम आपके लिए लाए हैं मंडला लोकसभा सीट और यहां के सांसद के बारे में पूरी जानकारी...

By Jagran News Edited By: Deepti Mishra Updated: Tue, 20 Feb 2024 02:12 PM (IST)
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Mandla Lok Sabha Chunav 2024: मंडला लोकसभा सीट के बारे में पूरी जानकारी।
आशीष शुक्ला, मंडला। Mandla Lok Sabha Election 2024 latest news: मंडला लोकसभा क्षेत्र में कान्हा नेशनल पार्क और राष्ट्रीय फॉसिल्स पार्क स्थित होने के चलते इस सीट की न सिर्फ प्रदेश, बल्कि देश में भी विशेष पहचान है। अनुसूचित जनजाति (एसटी) वर्ग के लिए आरक्षित यह क्षेत्र स्वतंत्रता के बाद से ही लंबे समय तक कांग्रेस का गढ़ रहा।

आपातकाल के बाद साल 1977 का अपवाद छोड़ दें तो वर्ष 1991 तक के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार ने ही बाजी मारी। इसके बाद से भाजपा ने यहां पर अपनी पैठ बनाई। वर्ष 1996 से अब तक भाजपा नेता व केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते छह बार जीत दर्ज कर चुके हैं। हालांकि, साल 2009 के लोकसभा चुनाव में जरूर उन्हें कांग्रेस के उम्मीदवार बसोरी सिंह मसराम से पराजय मिली थी।

वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव से मोदी लहर के चलते यह संसदीय क्षेत्र फिर भाजपा के पास आ गया। संसदीय क्षेत्र में शामिल कुल आठ विधानसभा क्षेत्र में से छह विधानसभा सीटें डिंडौरी, शहपुरा, मंडला, निवास, बिछिया व लखनादौन एसटी वर्ग के लिए आरक्षित हैं।

आदिवासी और महिला मतदाताओं का ज्यादा प्रभाव

मंडला संसदीय क्षेत्र में 52 फीसदी से अधिक मतदाता एसटी वर्ग के हैं। ये मतदाता हार-जीत में अहम भूमिका निभाते हैं। मंडला और डिंडौरी जिले की सभी पांच विधानसभा सीटों में महिला मतदाता पुरुषों की तुलना में 12 हजार से ज्‍यादा हैं। शेष विधानसभा सीटों में महिला मतदाताओं की संख्या भी पुरुषों के मुकाबले 13,858 ही कम है।

किन नेताओं का रहा दबदबा?

स्वतंत्रता के बाद हुए लोकसभा चुनावों में मंडला सीट की राजनीति में तीन नेताओं- कांग्रेस के मगरू गनु उइके, मोहनलाल झिकराम और भाजपा के फग्गन सिंह कुलस्ते के इर्द-गिर्द ही घूमती रही है। वर्ष 1952 से 1971 तक के चुनावों में लगातार कांग्रेस के मंगरू गनु उइके इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते रहे।

साल 1977 में जनता पार्टी के श्यामलाल धुर्वे ने भारतीय लोकदल के टिकट पर जीत दर्ज की, लेकिन साल 1980 से 1991 तक के चुनावों में यहां कांग्रेस का ही उम्मीदवार बाजी मारता रहा। कांग्रेस के मोहनलाल झिकराम चार बार लगातार सांसद निर्वाचित हुए।

इसके बाद से फग्गन सिंह कुलस्ते मोदी मैजिक के सहारे इसे अपना मजबूत गढ़ बनाए हुए हैं। हालांकि, हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में निवास सीट से फग्गन सिंह कुलस्ते जीत नहीं पाए।

चुनाव के दौरान ग्रामीण अंचलों में कुलस्ते के समर्थकों ने उनके मुख्यमंत्री या फिर उप मुख्यमंत्री बनने की बात कहकर मतदाताओं को लुभाने का प्रयास किया, लेकिन उन्हें इससे समर्थन नहीं मिला।

निजी स्कूल शिक्षक से केंद्रीय मंत्री तक का सफर

फग्गन सिंह कुलस्ते मंडला संसदीय क्षेत्र से अब तक छह बार सांसद निर्वाचित होकर अलग-अलग विभागों के केंद्रीय मंत्री का दायित्व भी संभाल चुके हैं। वर्ष 1996, 1998, 1999, 2004, 2014 और 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवारों को हराया। मंडला जिले के छोटे-से गांव बावलिया निवासी फग्गन सिंह कुलस्ते गांव में ही एक निजी स्कूल में शिक्षक थे।

इसके बाद भाजपा से टिकट मिलने पर विधानसभा चुनाव में जीते और अब भाजपा में बड़ा आदिवासी चेहरा हैं। फग्गन सिंह कुलस्ते वर्ष 2004 और 2010 (दो कार्यकाल) में भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे हैं।

गडकरी की माफी से चर्चा में आया था मंडला

नवंबर, 2022 में जबलपुर-मंडला सड़क निर्माण में लापरवाही पर केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मंच से माफी मांगी थी। गडकरी ने निर्माण के बचे काम को लेकर एजेंसी को निलंबित करने का भी निर्देश दिया। जबलपुर-मंडला के बीच बन रही टू-लेन सड़क निर्माण के काम पर उन्होंने नाखुशी जताई थी।

उन्होंने कहा था कि बरेला से मंडला तक 400 करोड़ रुपये की लागत से 63 किमी का टू-लेन रोड बन रहा है, इससे संतुष्ट नहीं हूं। अगर गलती है तो इसके लिए माफी भी मांगनी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों से कहा था कि पुराने काम की मरम्मत करो, नया टेंडर निकालो। जल्दी यह रोड अच्छा और पूरा करके दो। अभी तक जनता को जो असुविधा हुई है, इसके लिए मैं क्षमा मांगता हूं।

कुलस्ते ने भी संसद में लहराए थे नोट

वर्ष 2008 में केंद्र की मनमोहन सिंह सरकार से वामदलों ने समर्थन वापस ले लिया था। संसद में विश्वास मत हासिल करने की बहस के दौरान भाजपा के तीन सांसदों ने एक करोड़ रुपये के नोटों की गड्डियां दिखाई थीं।

उनका आरोप था कि मनमोहन सरकार ने एक दिग्गज नेता के माध्यम से उनके मत को खरीदने की कोशिश की थी। इन सांसदों में फग्गन सिंह कुलस्ते भी शामिल थे।

मंडला की ताकत

  • कुल मतदाता- 20,74,957
  • पुरुष मतदाता- 10,38,216
  • महिला मतदाता-10,36,706थर्ड जेंडर- 35

मंडला लोकसभा सीट में कितनी विधानसभा शामिल?

मंडला, बिछिया, निवास, डिंडौरी, शहपुरा, गोटेगांव, लखनादौन और केवलारी समेत आठ विधानसभा शामिल हैं।

अब तक इन्होंने किया प्रतिनिधित्व

साल सांसद पार्टी 
1952 मगरू गनु उइके कांग्रेस
1957 मगरू गनु उइके कांग्रेस
1962 मगरू गनु उइके कांग्रेस
1967 मगरू गनु उइके कांग्रेस
1971 मगरू गनु उइके कांग्रेस
1977 श्यामलाल धुर्वे भारतीय लोकदल
1980 छोटेलाल उईके कांग्रेस
1984 मोहनलाल झिकराम कांग्रेस
1885 मोहनलाल झिकराम कांग्रेस
1989 मोहनलाल झिकराम कांग्रेस
1991 मोहनलाल झिकराम कांग्रेस
1996 फग्गन सिंह कुलस्ते भाजपा
1998 फग्गन सिंह कुलस्ते भाजपा
1999 फग्गन सिंह कुलस्ते भाजपा
2004 फग्गन सिंह कुलस्ते भाजपा
2009 बसोरी सिंह मसराम कांग्रेस
2014 फग्गन सिंह कुलस्ते भाजपा
2019 फग्गन सिंह कुलस्ते भाजपा

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