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तृणमूल कांग्रेस में बगावत! क्या भारी पड़ेगी ममता को इन नेताओं की नाराजगी? यूसुफ पठान की भी बढ़ सकती है चिंता

टिकट बंटवारे के बाद पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के कई नेताओं ने बगावती तेवर अपनाना शुरू कर दिया है। नेताओं की आपसी कलह से टीएमसी नेतृत्व की चिंता बढ़ गई है। वहीं नाराज दो सांसदों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दामन थाम लिया है। उत्तर 24 परगना हुगली मुर्शिदाबाद पूर्व मेदिनीपुर में टीएमसी नेताओं में नाराजगी बढ़ गई है।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Sat, 23 Mar 2024 06:28 PM (IST)
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लोकसभा चुनाव 2024: टीएमसी नेताओं के बागी तेवर ममता को पड़ सकते भारी। (फाइल फोटो)
इंद्रजीत सिंह, कोलकाता। पश्चिम बंगाल की 42 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम की घोषणा के बाद से ही तृणमूल कांग्रेस के कुछ नेताओं ने बागी तेवर अपना लिए हैं। टिकट नहीं मिलने से नाराज सांसद अर्जुन सिंह व दिव्येंदु अधिकारी के भाजपा में शामिल होने के साथ विधायक हुमायूं कबीर, राज्यसभा सदस्य शांतनु सेन, तृणमूल नेता कुणाल घोष, राज्य महासचिव सायंतिका बनर्जी के विरोधी तेवरों ने पार्टी नेतृत्व की चिंता बढ़ा दी है।

इन नेताओं के विरोध के कारण कोलकाता, हावड़ा, उत्तर 24 परगना, हुगली, मुर्शिदाबाद, पूर्व मेदिनीपुर आदि जिलों में कई सीटों पर तृणमूल को नुकसान हो सकता है।

इस सीट पर क्या अर्जुन सिंह बिगाड़ेंगे समीकरण

दरअसल, सांसद अर्जुन सिंह उत्तर 24 परगना के हिंदी भाषी संसदीय क्षेत्र बैरकपुर से चुनाव लड़ना चाह रहे थे, लेकिन ममता ने उन्हें टिकट नहीं दिया। नतीजा यह हुआ कि उम्मीदवारों के नाम की घोषणा के कुछ ही दिन बाद सिंह ने फिर से भाजपा का दामन थाम लिया।

सिंह का कहना है कि तृणमूल ने उन्हें टिकट नहीं देकर उनकी उपेक्षा की है। वे अब बैरकपुर से तृणमूल के उम्मीदवार पार्थ भौमिक के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे, जो मंत्री भी हैं।

सिंह का क्षेत्र में खासा दबदबा है। 2019 में अर्जुन सिंह तृणमूल छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। इसके बाद उन्होंने बैरकपुर से तृणमूल के तत्कालीन उम्मीदवार दिनेश त्रिवेदी को हराया था। हालांकि दो साल बाद वह तृणमूल में लौट गए थे। इसके अलावा नेताओं के आपसी कलह ने भी टीएमसी नेतृत्व की चिंता बढ़ा दी है।

कैसे नैया पार करेंगे सुदीप?

कुणाल घोष ने उत्तर कोलकाता के हैवीवेट उम्मीदवार सुदीप बंद्योपाध्याय के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। कुणाल ने हाल में राज्य प्रवक्ता व राज्य महासचिव के पद से इस्तीफा दे दिया है। वहीं, सुदीप के साथ वरिष्ठ नेता तापस राय की लड़ाई किसी से छिपी नहीं है।

पार्टी में तवज्जो नहीं मिलने के कारण ही पिछले दिनों तापस राय विधायक पद से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गए। जिले में तापस की मजबूत पकड़ है। कुणाल ने भी तापस के पक्ष में हवा बनाते हुए आवाज उठाई थी। अब देखना है कि सुदीप मौजूदा हालात में किस तरह अपना नैया पार करेंगे।

टीएमसी की राह में रोड़ा बन सकता अधिकारी परिवार

बंगाल में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी के भाई और तृणमूल कांग्रेस के सांसद दिव्येंदु अधिकारी भी पिछले दिनों भाजपा में शामिल हो गए। दिव्येंदु काफी समय से तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व से नाराज थे और वह पार्टी से दूरी बनाकर चल रहे थे। वह तमलुक से सांसद हैं।

सुवेंदु अधिकारी के एक और भाई सौमेंदु अधिकारी भाजपा में हैं और पार्टी ने पिछले दिनों उन्हें पूर्व मेदिनीपुर के कांथी संसदीय सीट से उम्मीदवार बनाया है। सौमेंदु भी पहले तृणमूल कांग्रेस में थे। जिले में अधिकारी परिवार का दबदबा है, जो टीएमसी की राह में रोड़ा बन सकता है।

यूसुफ पठान को टिकट देने से नाराज हुमायूं

मुर्शिदाबाद जिले के भरतपुर से तृणमूल विधायक हुमायूं कबीर बहरमपुर सीट से कांग्रेस के पांच बार के सांसद अधीर रंजन चौधरी के खिलाफ पूर्व भारतीय क्रिकेटर यूसुफ पठान को उम्मीदवार बनाए जाने से बेहद नाराज हैं। उन्होंने पार्टी को धमकी दी है कि अगर उम्मीदवार नहीं बदला गया तो वे बहरमपुर से निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे।

हुमायूं बोले- जरूरत पड़ी तो सियासी दल बनाएंगे

हुमायूं ने यहां तक कहा कि यदि जरूरत पड़ी तो वह अपना खुद का राजनीतिक दल बनाएंगे। हुमायूं का तेवर मुस्लिम बहुल संसदीय सीट बहरमपुर में टीएमसी के लिए भारी पड़ सकता है। दूसरी ओर ममता बनर्जी के छोटे भाई बाबुन बनर्जी ने हावड़ा लोकसभा सीट से प्रसून बनर्जी को फिर से पार्टी का उम्मीदवार बनाए जाने पर नाखुशी जताई है। हालांकि पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के साथ बैठक के बाद हुमायूं कबीर के सुर थोड़े नरम पड़ गए और उन्होंने कहा कि वह पठान का समर्थन करेंगे।

कल्याण के खिलाफ भी उठ रही आवाज

हुगली के श्रीरामपुर से वरिष्ठ टीएमसी नेता कल्याण बनर्जी को टिकट दिए जाने से भी अनेक नेता अंदर ही अंदर नाराज हैं। श्रीरामपुर के विधायक सुदीप्त राय का कल्याण से टकराव जगजाहिर है। यह श्रीरामपुर में टीएमसी के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। इसके अलावा पार्टी की महासचिव व अभिनेत्री सायंतिका बनर्जी, राज्यसभा सदस्य शांतनु सेन ने भी उम्मीदवारों के चयन को लेकर नाराजगी जाहिर की है।

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