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Lok Sabha Election 2024: मोदी या केजरीवाल, किसकी गारंटी पर जनता को ज्यादा भरोसा? 25 मई को फैसला

Delhi Lok Sabha Election 2024 दिल्ली की लड़ाई गारंटी बनाम गारंटी की हो चली है। एक तरफ भाजपा मोदी की गारंटी को सामने कर चुनावी मैदान में है तो दूसरी तरफ केजरीवाल भी गारंटी देकर आप के पक्ष में मतदान की अपील कर रहे हैं। अब देखना होगा कि जनता किसकी गारंटी पर भरोसा जताती है और दिल्ली की गद्दी पर बैठाती है। पढ़िए खास रिपोर्ट...

By ajay rai Edited By: Sachin Pandey Updated: Wed, 22 May 2024 07:00 AM (IST)
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Delhi Lok Sabha Election 2024: भाजपा मोदी और आप केजरीवाल की गारंटी को मतदाताओं के सामने रख रही है।

अजय राय, नई दिल्ली। दिल्ली के चुनावी रण में इस बार गारंटियों पर जोर है। एक तरफ भाजपा मोदी की गारंटी दे रही है तो दूसरी तरफ केजरीवाल की गारंटी है। जनकल्याण, लोकलुभावन और राष्ट्रहित की इन गारंटियों से दोनों दल मतदाताओं का दिल जीतने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। गारंटी युग में प्रवेश कर चुकी राजनीति मतदाताओं को लुभा रही है।

हाल ही में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के विधानसभा चुनाव में मोदी की गारंटी का जबरदस्त असर हुआ और भाजपा इन तीन में से दो राज्यों में सत्ता में लौटी और एक राज्य में फिर से सरकार बनाने में कामयाब रही। इसके बाद भाजपा ने लोकसभा चुनाव प्रचार अभियान में मोदी की गारंटी को अपनी सबसे प्रमुख आवाज बना लिया।

क्या हैं भाजपा के वादे

इसमें जनकल्याणकारी योजनाओं से लेकर राष्ट्रहित और विकसित भारत प्रमुखता से शामिल है। पीएम मोदी ने अपने अब तक के कार्यकाल में शिलान्यास और लोकार्पण दोनों करने की परिपाटी डाली है, उससे विकास की गति किस तरह से बढ़ी है, ये कहानी भाजपा प्रत्याशी दिल्ली के मतदाताओं को अपनी सभाओं में जरूर बताते हैं।

नई दिल्ली संसदीय क्षेत्र से भाजपा की प्रत्याशी बांसुरी स्वराज अपना पहला चुनाव लड़ रही हैं, वे मोदी की गारंटी पर सबसे ज्यादा बात करती हैं। केंद्रीय योजनाओं के लाभार्थियों से मिलती हैं और बताती हैं कि ये मोदी की गारंटी है कि देश विकास की राह पर है। वे कहती हैं कि क्षेत्र की जनता ने अगर मुझे जनप्रतिनिधि चुना तो मेरा पहला काम मोदी की गारंटी को जन जन तक पहुंचाने की होगी।

केजरीवाल की गारंटी

स्वयं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपनी जनसभाओं में भी कहते हैं गारंटियों की गारंटी मोदी है। वहीं, दिल्ली की विधानसभा में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी केजरीवाल की गारंटी को भुनाने पर जोर दे रही है। इससे पहले विधानसभा और नगर निगम चुनाव में केजरीवाल की गारंटी पर बहुमत हासिल कर चुकी पार्टी के नेताओं को भरोसा है कि लोकसभा चुनाव में भी दिल्ली के मतदाता विश्वास करेंगे।

स्वयं मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जमानत पर जेल से छूटने के बाद अपनी जनसभाओं और रोड शो में अपनी मुफ्त की योजनाओं पर जोर देते हैं। मतदाताओं को बार बार यही समझाते हैं कि जब तक मैं हूं तब तक शासन में मुफ्त बिजली-पानी और स्वास्थ्य सुविधाओं की गारंटी कोई नहीं छीन सकता। वे इशारे-इशारे में यह बताते हैं कि उन्हें इस चुनाव में वोट नहीं मिला तो उन्हें जेल जाना होगा और ये गारंटियां पूरी होने में बाधा आएगी।

मुफ्त की योजनाओं पर जोर

विधानसभा और नगर निगम में इन मुद्दों पर भारी बहुमत हासिल कर चुके केजरीवाल अपनी सभाओं में राष्ट्रीय मुद्दे के बजाय इन्हीं मुप्त की योजनाओं पर जोर देते हैं। 21 मार्च को रात में केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद 31 मार्च को दिल्ली के रामलीला मैदान में हुई आईएनडीआई गठबंधन की रैली में मुख्यमंत्री की पत्नी सुनीता केजरीवाल ने सीएम की छह गांरटी का जिक्र अपने भाषण में किया था।

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उन्होंने बताया था कि यह गारंटी अरविंद केजरीवाल ने उन्हें जेल से भेजी है। करीब 50 दिन तक जेल में रहने के बाद बाहर आए केजरीवाल ने आईएनडीआई गठबंधन के अन्य दलों से बिना सहमति लिए फिर दस गारंटी दे दी। इसमें उन्होंने मुफ्त बिजली, स्वास्थ्य योजनाओं के साथ चीन के कथित कब्जे वाले भारतीय क्षेत्र वापस लेने की बात है।

मतदाता करेंगे फैसला

इसके पहले बिहार में जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार भी इसी तरह की पेशकश करके जीत चुके हैं। तब बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश के सात निश्चय नाम से गारंटियां पेश की गई थी। इस बार दिल्ली के रण में मोदी और केजरीवाल की गारंटी है। 25 मई को यहां के मतदाता तय करेंगे, किसकी गारंटी उन्हें भरोसेमंद लगी।

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