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'यहां मेनका मतलब मां...', जाति-वर्ग के समीकरणों पर भारी सांसद की सक्रियता; इन उसूलों से नहीं करती हैं समझौता

भाजपा प्रत्याशी मेनका गांधी की छवि को जाति-धर्म से ऊपर कर दिया है। पीड़ितों पर ममत्व न्योछावर करने के कारण उनको सुलतानपुर के लोग माता जी कहते हैं। क्षेत्र में सक्रियता और बेलौस कार्य के अंदाज के बूते वह चुनाव मैदान में दूसरी बार डटीं हैं। यहां मेनका मतलब मां है। मेनका को भाजपा ने 2019 के चुनाव में पीलीभीत से यहां वरुण की राजनीति विरासत को संभालने भेजा था।

By Jagran News Edited By: Deepti Mishra Updated: Thu, 23 May 2024 02:09 PM (IST)
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Lok Sabha Chunav 2024: भाजपा प्रत्याशी मेनका गांधी। फाइल फोटो
अजय सिंह, सुलतानपुर। आठ बार सांसद, चार बार केंद्रीय मंत्री, लंबा राजनीतिक अनुभव और खुद के कार्य व्यवहार ने सांसद व भाजपा प्रत्याशी मेनका गांधी की छवि को जाति-धर्म से ऊपर कर दिया है। पीड़ितों पर ममत्व न्योछावर करने के कारण उनको सुलतानपुर के लोग माता जी कहते हैं। क्षेत्र में सक्रियता और बेलौस कार्य के अंदाज के बूते वह चुनाव मैदान में दूसरी बार डटीं हैं। यहां मेनका मतलब मां है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी को भाजपा ने 2019 के चुनाव में पीलीभीत से यहां पुत्र वरुण की राजनीति विरासत को संभालने के लिए भेजा। वह जीत दर्ज करने में सफल रहीं। धीरे-धीरे अपने कार्य करने की शैली और क्षेत्र में सक्रियता के बूते पकड़ बढ़ाती गईं। वह रहती तो दिल्ली में हैं, पर महीने में एक-दो बार जब आती हैं तो तूफानी कार्ययोजना बनाकर।

जिले की सीमा में प्रवेश करते ही वह जनता के बीच पहुंच जाती हैं। सुख-दुख में शामिल होने के साथ ही चौपाल के जरिये जनता की समस्याओं के निस्तारण की पहल करती हैं। कार्य न करने वाले अधिकारियों को डांटने व पीड़ितों को मरहम लगाने का काम करती हैं।

वह सभा मंच से यहां के लोगों को अपना परिवार और खुद को मां मानती हैं। कहती हैं कि सब मेरे हैं, इनका दुख-दर्द, तकलीफ मेरी है। ऐसे में समस्या का निदान जरूरी है। इसके लिए वह हिंदू-मुस्लिम व जाति नहीं देखतीं।

वह 46 दिन में 718 नुक्कड़ सभाएं कर चुकी हैं। किसी बड़े नेता के आगमन का इंतजार किए बगैर वह खुद रोजाना तूफानी दौरे कर रहीं। अपने कार्यकाल में चार हजार करोड़ की परियोजनाएं धरातल पर उतारने का दावा करती हैं। कहती हैं मेडिकल कॉलेज, नवोदय विद्यालय, पालीटेक्निक, कृषि विज्ञान केंद्र, शहर की दो प्रमुख सड़कों को चार लेन बनाने के साथ बिजली आपूर्ति की सुचारू रखने को करीब चार सौ करोड़ रुपये का कार्य हो चुका है।

गुंडे-बदमाश पर सख्त, जातिवाद से दूर

मेनका जब यहां पहली बार चुनाव लड़ने आई थीं, तब यह गुंडे-बदमाशों का खौफ था। कारण, उनको किसी न किसी सफेदपोश का संरक्षण प्राप्त था। इस स्थिति में बदलाव आ चुका है। वह अपराध करने वालों को कतई करीब नहीं आने देतीं। जानकारी होने पर मुंह पर ही काफी खरी-खोटी सुनाकर किनारे कर देती हैं।

वहीं, जातिवाद की राजनीति करने वालों की दाल भी उनके आने के बाद नहीं गल रही है। इससे जिले की सामाजिक और राजनीति स्थिति में बदलाव आया है।

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पीएम ने की मेनका की तारीफ

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मेनका गांधी को पत्र भेजा। फोन पर बात कर अग्रिम शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने पत्र में लिखा कि लोकसभा में कार्यकाल की दृष्टि से आप वरिष्ठतम सदस्य हैं। एक जनप्रतिनिधि के रूप में सदैव लोगों की आशाओं और अभिलाषाओं को साकार करने में सफल रही हैं। सुलतानपुर से सांसद के रूप में आपके कार्यकाल के दौरान बहुमुखी विकास हुआ है।

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