Lok Sabha Election 2024: बिहार की राजनीतिक धारा को मिले नए नाविक, लेकिन जातियों के भंवर में फंसी नैया! क्या बदलेगी सियासी तस्वीर?
Lok Sabha Election 2024 बिहार की राजनीति नदियों की तरह है जहां समाज की जातीय धारा के साथ बनते-बिगड़ते समीकरण हैं। कहीं जमीन खिसकती हुई तो कहीं फिर से बाहर निकलती हुई। यह समय लोकसभा चुनाव का है। राजनीतिक धाराओं का संगम भी है अलगाव भी। उत्तराधिकारी के रूप में नए नाविक भी तैयार हो रहे हैं। पढ़ें बिहार की नई सियासी तस्वीर पर खास रिपोर्ट..
अश्विनी, पटना। मानसून में बाढ़ और कटाव होना ही होना है। कहीं जमीन नदियों में समा जाती है, कहीं उसमें डूबी भूमि बाहर निकल आती है। नदियां अपनी धारा बदलती रहती हैं। यह प्रकृति का नियम है। कुछ तो प्राकृतिक और कुछ प्रकृति से छेड़छाड़ का परिणाम।
बिहार की राजनीति भी ठीक इन नदियों की तरह है। समाज की जातीय धारा। बनते-बिगड़ते समीकरण। कहीं जमीन खिसकती हुई तो कहीं फिर से बाहर निकलती हुई। यह समय लोकसभा चुनाव का है। राजनीतिक धाराओं का संगम भी है, अलगाव भी। उत्तराधिकारी के रूप में नए नाविक भी तैयार हो रहे हैं। इसमें आने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी देखी जा सकती है।
पुरानी पीढ़ी का प्रशिक्षण
पुरानी पीढ़ी ने राजनीति की धारा में नाव खेने का प्रशिक्षण अच्छे से दिया है। अब हाथ-पांव मारने को अकेला छोड़ दिया, ताकि वे उसकी गहराई को समझते हुए पार उतर सकें। बाहर से उन पर दृष्टि जरूर है। इस नई पीढ़ी में कई चेहरे हैं, जो अपनी राजनीतिक जमीन बचाने को जातीय घेरे का बांध बनाने में जुटे हैं।‘जातीय बांध’ इसलिए, क्योंकि यह यहां की राजनीति के मूल में है। दो धड़े हैं। एक ओर एनडीए, दूसरी ओर आईएनडीआईए। इन्हें मुख्य नदियां कह सकते हैं। राष्ट्रीय फलक पर गंगा और गंडक की तरह। सहयोगी नदियों से इनकी धारा को और प्रवाह मिलता है, जो क्षेत्रीय स्तर पर प्रभावी हैं।
धाराओं की तरह राजनीति का प्रवाह
नदी की धाराओं की ही तरह राजनीति के प्रवाह को समझा जा सकता है। भाजपा यहां जदयू और लोजपा के साथ प्रवाहित होती रही है तो कांग्रेस राजद के साथ। वाम दल और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) भी है। भाजपा-जदयू का संगम पुराना है, अलगाव भी हुआ, फिर साथ-साथ।आईएनडीआईए खेमे में कांग्रेस और राजद की पुरानी संगत है। कुल मिलाकर यही राजनीतिक परिदृश्य है, जिसमें नई पीढ़ी अब नावों की पतवार थाम चुकी है। इनमें राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के पुत्र तेजस्वी यादव हैं तो दूसरी ओर दिवंगत हो चुके रामविलास पासवान के पुत्र चिराग पासवान। राजद की बागडोर अभी लालू के ही हाथ में है, पर नाव तेजस्वी खे रहे।