Lok Sabha Election 2024: मप्र में पहले चरण का नामांकन पूरा, इन सीटों पर होना है मतदान, जानिए किस सीट पर क्या है चुनावी स्थिति
Lok Sabha Election 2024 मध्य प्रदेश में पहले चरण के चुनाव के तहत सीधी शहडोल मंडला जबलपुर बालाघाट और छिंदवाड़ा सीटों पर मतदान होना है। इनके लिए नामांकन दाखिल करने की अवधि समाप्त हो चुकी है। जानिए भाजपा और कांग्रेस ने किस सीट से किस उम्मीदवार को दिया है टिकट और इन सीटों पर चुनावी स्थिति क्या है। पढ़ें रिपोर्ट..
राज्य ब्यूरो, भोपाल। मध्य प्रदेश में पहले चरण के चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया बुधवार को समाप्त हो गई। अब गुरुवार को नामांकन पत्रों की जांच होगी और 30 मार्च तक नाम वापस लिए जा सकते हैं। इसके बाद 19 अप्रैल को मतदान होगा और 4 जून को मतगणना।
गौरतलब है कि प्रदेश में पहले चरण में सीधी, शहडोल, मंडला, जबलपुर, बालाघाट और छिंदवाड़ा सीटों पर मतदान होना है। इनमें छिंदवाड़ा हाई प्रोफाइल सीट है, जहां से कांग्रेस के नकुल नाथ चुनावी मैदान में हैं। उनके खिलाफ भाजपा ने विवेक बंटी साहू को टिकट दिया है।
सीधी से इन्हें मिला टिकट
सीधी से भाजपा ने डॉ. राजेश मिश्रा को टिकट दिया है, वहीं कांग्रेस से कमलेश्वर पटेल चुनाव लड़ रहे हैं। दोनों उम्मीदवारों का यह पहला लोकसभा चुनाव है। भाजपा के बागी अजय प्रताप सिंह भी गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के टिकट पर सीधी से मैदान में हैं।छंदवाड़ा सबसे चर्चित सीट
मप्र में पहले चरण में सबसे चर्चित सीट छिंदवाड़ा है, जहां पर पिछले 44 साल से कमलनाथ परिवार का कब्जा है। यहां से दूसरी बार चुनाव लड़ रहे नकुल नाथ के साथ कमलनाथ की प्रतिष्ठा भी दांव पर है। पिछले चुनाव में कांग्रेस मप्र की केवल छिंदवाड़ा सीट ही जीत पाई थी। भाजपा पिछले दो लोकसभा चुनाव से यहां पर जीतने के लिए काफी जोर लगा रही है। पार्टी ने बड़ी संख्या में कांग्रेस के स्थानीय कार्यकर्ताओं को भी सदस्यता दिलाई है।
इसके अलावा हाल ही में कमल नाथ के करीबी माने जाने वाले दीपक सक्सेना ने भी कांग्रेस छोड़ने का एलान कर दिया है। अटकलें थी कि वह भाजपा में शामिल हो सकते हैं। बुधवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव समेत मप्र भाजपा के कई वरिष्ठ नेता दीपक सक्सेना से मिलने उनके घर भी पहुंचे थे, हालांकि भाजपा ने इसे सौजन्य भेंट बताया है।
भाजपा ध्वस्त करना चाहती है किला
भाजपा ने कांग्रेस के छिंदवाड़ा के किले को ध्वस्त करने के लिए वरिष्ठ नेताओं को जिम्मा सौंपा है। मुख्यमंत्री मोहन यादव समेत कई मंत्री यहां का लगातार दौरा कर रहे हैं। उधर कमल नाथ भी अपने गढ़ को बचाने में लगे हुए हैं। वह अब तक दो बार अलग-अलग क्षेत्रों में कार्यकर्ताओं के साथ संवाद कर चुके हैं।