Lok Sabha Election: लोकतंत्र के महोत्सव में हावी हुआ जम्मू का जोश, करीब 72 प्रतिशत मतदान; मौसम भी रहा मेहरबान
जम्मू रियासी संसदीय सीट पर मतदान प्रतिशत बढ़ाने में मौसम भी मददगार रहा। गर्मी के मौसम में दिन भर दल छाए रहने के कारण दोपहर को भी मतदान केंद्रों में वोट डालने के लिए भीड़ उमड़ी। इस पर वोट डालने का उत्साह संभाग में पहले चरण उधमपुर डोडा में हुए मतदान को भी पीछे छोड़ गया। जम्मू-रियासी संसदीय सीट के लिए करीब 72 प्रतिशत मतदान हुआ।
राज्य ब्यूरो, जम्मू। लोकतंत्र के महोत्सव में जम्मू वासियों का जोश सिर चढ़कर बोला। संसदीय क्षेत्र के मतदान केंद्रों में पूरा दिन भीड़ के चलते शुक्रवार को जम्मू-रियासी संसदीय सीट के लिए करीब 72 प्रतिशत मतदान हुआ। मुख्य निर्वाचन अधिकारी पीके पोले के अनुसार संसदीय सीट के लिए 71.63 प्रतिशत मतदान हुआ है। कुछ मतदान केंद्रों का पूरा डाटा नही है। ऐसे में मतदान प्रतिशत बढ़ सकता है। वर्ष 2019 के चुनाव में इस संसदीय सीट के लिए 72.16 प्रतिशत मतदान हुआ था।
मतदान प्रतिशत बढ़ाने में मौसम भी मददगार रहा
जम्मू रियासी संसदीय सीट पर मतदान प्रतिशत बढ़ाने में मौसम भी मददगार रहा। गर्मी के मौसम में दिन भर दल छाए रहने के कारण दोपहर को भी मतदान केंद्रों में वोट डालने के लिए भीड़ उमड़ी। जम्मू-रियासी संसदीय सीट पर वोट डालने का उत्साह संभाग में पहले चरण उधमपुर डोडा में हुए मतदान को भी पीछे छोड़ गया। इस संसदीय क्षेत्र में बारिश के बीच 68.25 प्रतिशत मतदान रिकार्ड हुआ था।
कुल मिलाकर संसदीय सीट के तीन जिलों जम्मू, सांबा व रियासी के विधानसभा क्षेत्रों में मतदान शांतिपूर्ण व कामयाब रहा। मतदाताओं ने तीसरी बार सांसद बनने का लक्ष्य लेकर चुनाव मैदान में उतरे भाजपा के सांसद जुगल किशोर, उनके मुख्य प्रतिद्वंदी कांग्रेस के रमण भल्ला समेत 22 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों में सील कर दिया। देर रात तक सभी इवीएम जम्मू के मौलाना आजाद मेमोरियल कालेज व पाली टेक्निक जम्मू में बनाए गए स्ट्रांग रूम में पहुंच गए थे।
मतदान केंद्रों के बाहर लोगों की भीड़ लगने लगी थी
मतदान को लेकर सुबह सात बजे ही वोट डालने के लिए मतदान केंद्रों के बाहर लोगों की भीड़ लगने लगी थी। शहर के मतदान केंद्रों के मुकाबले ग्रामीण मतदान केंद्रों में लोगों का ज्यादा जोश दिखा। सीमांत इलाकों में वरिष्ठ नागरिकों ने मतदान केंद्रों में पहुंचकर सबका उत्साह बढ़ाया। नियंत्रण रेखा से सटे कालाकोट के छन्नी परात में सुबह सात बजे पहला वोट 103 वर्ष के धनी राम ने डाला। रियासी के पोलिंग केंद्र नंबर 166 में 102 साल के हाजी करम दीन ने वोट डालकर लोकतांत्रिक जिम्मेदारी का निर्वाह किया। रियासी के गुलाबगढ़ में 99 साल के कमल सिंह ने मलीकोट में वोट डाला। वहीं सांबा जिला में अंतराष्ट्रीय सीमा से सटे रामगढ़ में 98 वर्षीय रवेल सिंह ने अपनी 90 वर्षीय पत्नी के साथ गोबिंदगढ़ गांव में वोट डाला। कई दिव्यांग बुजुर्ग परिजनों के कंधों पर वोट डालने के लिए आए।
ग्रामीण इलाकों में सुबह से ही मतदान केंद्रों में भीड़ के चलते सुबह ग्यारह बजे तक 26 प्रतिशत मतदान हो चुका था। वहीं दोपहर एक बजे तक संसदीय क्षेत्र में 43 प्रतिशत के करीब मतदान हो चुका था। रियासी जिले में दोपहर एक बजे तक गुलाबगढ़ में 50.1 प्रतिशत व रियासी विधानसभा क्षेत्र में 52.68 प्रतिशत वोट पड़ चुके थे। वहीं दोपहर एक से मतदान में तेजी के चलते दोपहर तीन बजे तक 57.76 प्रतिशत व शाम पांच बजे तक 67.22 प्रतिशत मतदान हो चुका था।
मतदान केंद्रों में सुरक्षा के अतिरिक्त बंदोबस्त किए गए थे
चुनाव आयोग ने मतदान की सुरक्षा को लेकर व्यापक सुरक्षा बंदोबस्त किए थे। ऐसे में कहीं से भी चुनाव में हिंसा का कोई समाचार नही आया। मतदान की सुरक्षा में पंद्रह हजार के करीब अतिरिक्त सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की गई थी। मतदान के अंदर की सुरक्षा का जिम्मा जम्मू कश्मीर पुलिस के जवानों ने संभाला तो केंद्र की बाहर की सुरक्षा केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल आदि की रही। संसदीय क्षेत्र के 223 संवेदनशील व 117 क्रिटिकल श्रेणी के मतदान केंद्रों में सुरक्षा के अतिरिक्त बंदोबस्त किए गए थे।
संसदीय क्षेत्र के 2416 मतदान केंद्रों में 1454 मतदान केंद्रों में वैब कास्टिंग की व्यवस्था की गई थी। ऐसे में इन मतदान केंद्रों में होने वाली हर गतिविधि पर मुख्य निर्वाचन कार्यालय, रिट्रनिंग अधिकारी, सहायक रिट्रनिंग अधिकारी व पुलिस कंट्रोल रूप की पैनी नजर रहेगी। इसके साथ संसदीय क्षेत्र के 124 मतदान केंद्रों में लगे दो कैमरों से एक ने केंद्र के अंदर व दूसरे ने केंद्र के बाहर नजर रखी। मतदान को निष्पक्ष बनाने के सभी 18 विधानसभा क्षेत्र में एक जोनल अधिकारी नियुक्त किए गए थे। संसदीय क्षेत्र को 186 सेक्टरों में बांटा गया है। हर सेक्टर में एक राजपत्रित अधिकारी तैनात रहा