Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

'जिधर बही हवा, उधर हो लिए नेताजी...', पंखा रुका तो सिलेंडर में भरी गैस; पलटीमार चुनावी निशान ने किया परेशान

Lok Sabha Election 2024 क्षेत्रीय दलों की पलटी मार राजनीति ने गतिमान व्यापार को समय-समय पर ठहराव देकर क्षति पहुंचाई। इससे व्‍यापारी निराश हैं। बैनर-पोस्टर गमछा झंडा टोपी बैज आदि की खरीद पार्टियां सालों भर करती हैं। चुनाव के समय हर दल के समर्थकों की फेहरिस्त लंबी हो जाती है। झंडा नहीं उठाया तो टोपी ही पहन ली। जिस नेता को सम्मान नहीं मिला उन्होंने अपनी पार्टी बना ली।

By Jagran News Edited By: Deepti Mishra Updated: Fri, 05 Apr 2024 02:27 PM (IST)
Hero Image
Lok Sabha Election 2024: पलटीमार चुनावी निशान ने किया परेशान

 अक्षय पांडेय,पटना। बेशुमार पेच वाली बिहार की राजनीति ने व्यापारियों को बेहिसाब नुकसान पहुंचाया। दल बदल के खेल में हवा जिधर बही, नेताजी उधर कट लिए। जिस पार्टी के चूल्हे पर सियासी खिचड़ी पकती दिखी, उसी का झंडा थाम लिया।

क्षेत्रीय दलों की पलटी मार राजनीति ने गतिमान व्यापार को समय-समय पर ठहराव देकर क्षति पहुंचाई। बैनर-पोस्टर, गमछा, झंडा, टोपी, बैज आदि की खरीद पार्टियां सालों भर करती हैं। चुनाव के समय हर दल के समर्थकों की फेहरिस्त लंबी हो जाती है। झंडा नहीं उठाया तो टोपी ही पहन ली। जिस नेता को सम्मान नहीं मिला, उन्होंने अपनी पार्टी बना ली।

1952 से लेकर अब तक के सभी लोकसभा चुनावों की जानकारी के लिए यहां क्लिक करें

क्षेत्रीय दलों से व्यापारियों को बड़ी उम्मीद रहती है, पर इन्हीं में से कुछ ने बट्टा भी लगाया। नई पार्टी बनी तो दुकानदारों ने मौका देख पोस्टर-बैनर, टोपी, झंडा आदि तैयार कर लिए। नेताजी का मन बदला तो यूटर्न मार लिया। सो हुआ यूं कि सफेद कुर्ते वाले अब व्यापारियों की तरफ देखने से भी कतरा रहे हैं। प्रचार सामग्री बनाने वाले दुकानदार समझ नहीं पा रहे कि ऐसे हालात से कैसे निपटा जाए।

यह भी पढ़ें - राम मंदिर, कांग्रेस में भगदड़ और भाजपा पर क्या बोले जीतू पटवारी, बताया विधानसभा चुनाव में पार्टी क्यों हारी?

पंखा रुका, सिलेंडर में भरी गैस

चुनाव सामग्री के थोक विक्रेता सत्येंद्र नारायण सिंह के पास नुकसान के काफी उदाहरण हैं। कहते हैं राष्ट्रीय लोक समता पार्टी का गठन हुआ तो चुनाव चिन्ह ‘पंखे’ का प्रचार करती सामग्री खुद-ब-खुद बनवा ली। इसमें झंडा, पोस्टर-बैनर, टोपी आदि थे। अचानक राष्ट्रीय लोक समता पार्टी का नाम परिवर्तित कर राष्ट्रीय लोक मंच कर दिया गया। अब दल की नई पहचान ‘गैस सिलेंडर’ बन गया। ऐसे में ‘पंखा’ बंद हो गया और ‘सिलेंडर’ में गैस भरी जाने लगी।

यह भी पढ़ें - Lok Sabha Election 2024: किला भेदने के लिए तोड़ना होगा पहले चरण का चक्रव्यूह, जानिए किस राज्य में क्या है सियासी समीकरण

‘सिलाई मशीन’ नहीं कर पाई तुरपाई

व्यापारियों द्वारा मौका न भांप पाने वाली घटनाएं कई हैं। इसी तरह लोक जनशक्ति पार्टी की ‘बंगला’ खूब फली-फूली। फिर ‘बंगला’ से ही दो नए दल बन गए। लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) का ‘हेलीकाप्टर’ उड़ान भरने लगा और राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी को ‘सिलाई मशीन’ भी ज्यादा दिन व्यापार की गति की तुरपाई नहीं कर सकी। अब जन अधिकार पार्टी की ‘कैंची’ भी पर कतरने का आतुर है।

यह भी पढ़ें - Lok Sabha Election 2024: दस साल में इतनी बढ़ी शशि थरूर की संपत्ति, बॉन्ड और मुचुअल फंड में भी निवेश, पढ़िए कितनी है साल भर की कमाई