Election 2024: पिछले तीन आम चुनाव से बदलने लगी लोकसभा में तस्वीर, महिला सांसदों की संख्या में लगातार हो रही वृद्धि
संसद में महिलाओं की भागीदारी के लिहाज से पहली लोकसभा में महिला सांसदों की संख्या जहां 24 थी वहीं वर्तमान 17वीं लोकसभा के लिए 78 महिलाएं चुनी गईं जो संख्या के लिहाज से अब तक की सबसे बड़ी हिस्सेदारी है। लोकसभा की कुल सीटों के हिसाब से आधी आबादी की यह हिस्सेदारी 14.4 प्रतिशत है जबकि 2019 के चुनाव में महिला मतदाताओं ने 48.1 प्रतिशत वोट डाला था।
संजय मिश्र, नई दिल्ली। पूर्व में संसद में महिलाओं की भागीदारी भले भी अधिक नहीं रही हो, पर पिछले तीन आम चुनाव पर नजर डाली जाए तो तस्वीर बदलती नजर आएगी। कई दशक के बाद महिला सांसदों का आंकड़ा 10 प्रतिशत के पार पहुंचा है।
अब राजनीतिक पार्टियां आधी आबादी को लुभाने को वादों से लेकर तरह- तरह के उपक्रम कर रही हैं। इससे उम्मीद जगी है कि इनको अपना वाजिब हक पाने के लिए ज्यादा इंतजार नहीं करना होगा। संसद विधानसभाओं में इनको 33 प्रतिशत आरक्षण देने संबंधी नारी शक्ति वंदन अधिनियम वर्ष 2029 में यदि लागू हुआ तो इनकी भागीदारी को एक लंबी छलांग मिल पाएगी।
तेजी से बढ़ा महिला सांसदों का आंकड़ा
लोकसभा में 10 प्रतिशत से अधिक की भागीदारी सुनिश्चित करते हुए महिला सांसदों ने 50 का आंकड़ा 2009 के आम चुनाव में पार किया। कुल 545 सीटों में 59 महिलाएं लोकसभा में पहुंचीं, जो कुल सीटों की 10.9 प्रतिशत थीं। इस चुनाव में कुल 8070 उम्मीदवारों में 668 महिलाएं थीं। आधी आबादी के वोट डालने के आंकड़े ने पहली बार इसी चुनाव में 45 प्रतिशत को पार किया।महिलाओं की संसद में हिस्सेदारी का यह आंकड़ा कोई बहुत उत्साहजनक नहीं रहा, लेकिन अहम यह है कि 2009 से 2019 के बीच पिछले तीन आम चुनाव से आधी आबादी की लोकसभा में हिस्सेदारी में चाहे बड़ा इजाफा नहीं हुआ हो, मगर इसमें कमी नहीं आई है। 2014 में 62 महिलाएं लोकसभा के लिए चुनी गईं, जो कुल सीटों की 11.4 प्रतिशत थीं। 78 वर्तमान महिला सांसदों के साथ पिछले तीन लोकसभा का ट्रेंड इस बात का भी संकेत है कि आधी आबादी को सत्ता- सियासत में सम्मानजनक हिस्सेदारी को ज्यादा दिनों तक रोक पाना मुश्किल है।
पहली लोकसभा में चुनी गई थी 24 महिला सांसद
संसद में महिलाओं की भागीदारी के लिहाज से पहली लोकसभा में महिला सांसदों की संख्या जहां 24 थी, वहीं वर्तमान 17वीं लोकसभा के लिए 78 महिलाएं चुनी गईं, जो संख्या के लिहाज से अब तक की सबसे बड़ी हिस्सेदारी है।लोकसभा की कुल सीटों के हिसाब से आधी आबादी की यह हिस्सेदारी 14.4 प्रतिशत है, जबकि 2019 के चुनाव में महिला मतदाताओं ने 48.1 प्रतिशत वोट डाला था, जो उनकी सबसे बड़ी भागीदारी है। चुनाव में कुल 8054 उम्मीदवार मैदान में थे, जिनमें केवल 726 महिला प्रत्याशी थीं। पहले आम चुनाव में 38.3 प्रतिशत महिलाओं ने मतदान किया था।