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Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव में आप के साथ गठबंधन करने से क्यों बच रही कांग्रेस, आखिर क्या कह रहे हैं चुनावी समीकरण?

Lok Sabha Election 2024 कांग्रेस ने लगभग अपना निर्णय ले लिया है कि पंजाब में वह आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेगी। 2022 के विधान सभा चुनाव में कांग्रेस के वोट शेयर में रिकॉर्ड 17.14 फीसदी की गिरावट हुई थी। जिसका सीधा लाभ आम आदमी पार्टी को मिला था। कांग्रेस यह मान रही है कि जिस प्रकार से दो वर्षों में आप सरकार की कारगुजारी है।

By Kailash Nath Edited By: Prince Sharma Updated: Fri, 05 Jan 2024 07:05 PM (IST)
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कांग्रेस ने राहुल गांधी की न्याय यात्रा की तर्ज पर पंजाब में यात्रा निकालने की योजना बनाई है।
कैलाश नाथ, चंडीगढ़। कांग्रेस ने लगभग अपना निर्णय ले लिया है कि पंजाब में वह आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेगी। कांग्रेस के इस निर्णय के पीछे सबसे बड़ा कारण पार्टी का अपना वोट बैंक है। कांग्रेस चाहे विधान सभा चुनाव हो या लोक सभा चुनाव उसमें 36 से लेकर 40 फीसदी वोट शेयर हमेशा ही हासिल करती रही है। 2022 के विधान सभा चुनाव में कांग्रेस के वोट शेयर में रिकॉर्ड 17.14 फीसदी की गिरावट हुई थी। जिसका सीधा लाभ आम आदमी पार्टी को मिला था। कांग्रेस यह मान रही है कि जिस प्रकार से दो वर्षों में आप सरकार की कारगुजारी है, उससे 12 से 13 फीसदी वोट बैंक उनका वापस आ सकता है।

8 से 11 जनवरी तक होगी बैठक

कांग्रेस हाईकमान द्वारा पंजाब में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करने का मन बनाने से पंजाब कांग्रेस में खुशी का माहौल है। कांग्रेस ने अब आगे की रणनीति भी तय करनी शुरू कर दी है। 8 से 11 जनवरी तक जहां कांग्रेस के नए प्रदेश प्रभारी देवेंदर यादव पार्टी नेताओं के साथ बैठक करेंगे। वहीं, कांग्रेस ने राहुल गांधी की न्याय यात्रा की तर्ज पर पंजाब में यात्रा निकालने की योजना बनाई है।

यह योजना काफी पहले बन गई थी लेकिन इसे केवल ठंडे बस्ते में इसलिए डाल दिया गया था ताकि कांग्रेस गठबंधन को लेकर पार्टी हाईकमान का निर्णय जानना चाहती थी। क्योंकि यह यात्रा सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी के खिलाफ ही निकाली जाएगी। ऐसे में अगर कांग्रेस आप के साथ गठबंधन करती तो इस यात्रा का कोई औचित्य नहीं रह जाना था। माना जा रहा है कि प्रदेश प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग 14 जनवरी को राहुल गांधी की न्याय यात्रा के बाद इस यात्रा को शुरू कर सकते है, जोकि राज्य के सभी 117 विधान सभा हलकों में जाएगी।

कांग्रेस का यह है चुनावी मंथन

वहीं, कांग्रेस की नजर अब अपने पुराने वोट बैंक पर भी है। जोकि आप के साथ गठबंधन में रहते हुए वापस नहीं आ सकती थी। 2017 के विधान सभा चुनाव में जब कांग्रेस ने अपना 10 साल का सूखा खत्म कर सत्ता में आई उस समय कांग्रेस को 38.5 फीसदी वोट शेयर मिले थे। 2019 के लोक सभा चुनाव में प्रधानमंत्री की पूरे देश में लहर के बावजूद कांग्रेस ने पंजाब में 40.12 फीसदी वोट शेयर लेकर 8 सांसदों को लोक सभा में भेजा। कैप्टन अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री पद से हटाने और प्रदेश प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू और तत्कालीन मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के बीच की खींचतान के कारण कांग्रेस का 17.14 फीसदी वोट बैंक खिसक गया।

कांग्रेस के महज 28 विधायकों की हुई जीत

कांग्रेस को मात्र 22.98 फीसदी वोट ही मिले। जिसके कारण कांग्रेस के मात्र 18 ही विधायक जीत सके। जबकि आम आदमी पार्टी को सर्वाधिक 42.01 फीसदी वोट शेयर मिला। इसी चुनाव में कांग्रेस और शिअद का सर्वाधिक वोट शेयर गिरा। कांग्रेस यह मान रही है कि अगर वह अकेले चुनाव लड़ेगी तो उसका 12 से 13 फीसदी वोट बैंक पुन: उनके पास आ जाएगा जोकि 2022 में नाराज होकर उनसे दूर हो गया था।

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