Lok Sabha Election 2024: पंजे और लाल झंडे के सामने खड़ा एक कॉर्पोरेट चेहरा, क्या बदलेगा इस सीट का नतीजा?
Lok Sabha Election 2024 केरल में कांग्रेस और लेफ्ट के गढ़ तिरुवनंतपुरम में भाजपा के केन्द्रीय राज्यमंत्री चुनावी ताल ठोंक रहे हैं। उनके लिए मुकाबला आसान नहीं है लेकिन उन्होंने इसे चुनौती के रूप में लिया है। वह दिन-रात अपने चुनावी अभियान को धार देने में जुटे हुए हैं। जानिए कैसा रहता है उनका प्रचार का एक दिन। पढ़ें रिपोर्ट...
नीलू रंजन, नई दिल्ली। तिरुवनंतपुरम की तेज गर्मी और भारी उमस के बीच कॉर्पोरेट जगत और राज्यसभा के सहारे लोकसभा के मैदान में जमीनी लड़ाई के लिए उतरे केंद्रीय राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर कांग्रेस के पंजे और सीपीएम के लाल झंडे के सामने खड़े हैं।
कांग्रेस के 68 वर्षीय शशि थरूर की विद्वता और सीपीएम के पूर्व राज्य सचिव 79 वर्षीय पन्नयम रविंद्रन की विचारधारा के सामने कार्पोरेट की दुनिया में अपनी पहचान बनाने वाले 59 वर्षीय चंद्रशेखर तिरुवनंतपुरम के लोगों और खासकर युवाओं के सामने खुद को जमीनी स्तर पर काम करने वाले नेता के रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं।
कद्दावर नेताओं से मुकाबला
शशि थरूर के लगातार तीन बार जीतने और उसके पहले 2004 में इसी सीट से पन्नयम रविंद्रन की जीत को चुनौती मानने के बजाय चंद्रशेखर खुद के लिए अवसर के रूप में देख रहे हैं। चंद्रेशखर कहते हैं कि “तिरुवनंतपुरम की जनता ने रविंद्रन और थरूर को जिताकर देख लिया। पिछले 20 सालों में इन्होंने क्षेत्र के विकास और समस्याओं को दूर करने के लिए कुछ नहीं किया। मैं एक मौका मांग रहा हूं, जो इन दोंनों ने 20 साल में नहीं किया, वह करके दिखाऊंगा।”राजीव चंद्रशेखर को पूरा दिन तिरुवनंतपुरम के विभिन्न मुहल्लों की गलियों में अपने वाहन पर खड़े हाथ हिलाते हुए, नमस्कार करते हुए देखा जा सकता है। सुबह आठ बजे कार्यकर्ताओं के साथ पूरे दिन के कार्यक्रम की अंतिम रुपरेखा तय करने के बाद चंद्रशेखर 9.15 बजे जनसंपर्क अभियान के लिए निकल पड़ते हैं, जो 10 बजे तक चलता है।
एनपीपी के साथ गठबंधन
इस बीच विशिष्ट समूहों के साथ मुलाकात भी करते हैं, ताकि सभी समुदायों और वर्गों तक अपनी बात पहुंचा सकें। शुक्रवार को एक बजे के बाद केवल 45 मिनट के लिए भोजन का अवकाश लेने के बाद चंद्रशेखर नेशनल प्रोग्रेसिव पार्टी (एनपीपी) के कार्यक्रम में पहुंचते हैं। एनपीपी राजग गठबंधन का हिस्सा है और इसका गठन पूर्व कांग्रेसियों ने पिछले साल किया था।प्रचार अभियान के दौरान एनपीपी का झंडा-बनैर स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। एनपीपी मुख्य रूप से ईसाई समुदाय के बीच काम करती है। ध्यान देने की बात है कि तिरुवनंतपुर में 13 फीसद ईसाई वोट हैं। इसके बाद चंद्रशेखर ने इंस्टीट्यूट आफ इलेट्रिकल एंड इलेक्ट्रोनिक्स इंजीनियर्स (आइईईई) के प्रतिनिधियों के साथ मिलते हैं और तिरुवनंतपुरम के विकास के लिए अगले पांच सालों का रोडमैप भी पेश करते हैं। आइईईई इलेक्ट्रिक और इलेक्ट्रोनिक्स क्षेत्र में काम करने वाले दुनिया भर के इंजीनियरों का संगठन है।