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पप्पू यादव के सामने बड़ी चुनौती, इस समीकरण पर सबकी निगाहें, पढ़ें हॉट सीट पूर्णिया की ग्राउंड रिपोर्ट

Lok Sabha Election 2024 बिहार की पूर्णिया लोकसभा सीट पर इस बार मुकाबला दिलचस्प है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने यहां बीमा भारती को अपना प्रत्याशी बनाया है। जदयू ने संतोष कुशवाहा पर भरोसा जताया है। राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव निर्दलीय अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। बिहार की इस सीट पर सबकी निगाहें हैं। पढ़ें पूर्णिया की ग्राउंड रिपोर्ट...

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Tue, 23 Apr 2024 07:00 AM (IST)
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लोकसभा चुनाव 2024: बीमा भारती, पप्पू यादव और संतोष कुशवाहा।
संजय सिंह, पूर्णिया। मोदी की लहर चलेगी या आईएनडीआईए बाजी मारेगा, देश की ज्यादातर सीटों पर लड़ाई ऐसी ही है। लेकिन पूर्णिया की बात दूसरी है। भाजपा और आईएनडीआईए प्रत्याशी की जीत-हार से इतर लोगों का सवाल है, पप्पू हारेंगे या जीतेंगे।

पप्पू यादव पर सबकी निगाहें

निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर मैदान में लड़ रहे राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव यहां न सिर्फ बड़े दलीय प्रत्याशियों को कड़ी चुनौती पेश कर रहे, बल्कि देशभर के मीडिया की सुर्खी बने हैं। कभी ट्रैक्टर चलाते, कभी बुलेट दौड़ाते तो कभी प्रचार के दौरान दाल भात खाते उनकी तस्वीरें चर्चा पाती हैं। हालांकि चर्चा से इतर और चुनावी महासमर में बाजी मारना दूसरी बात है।

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वह भी तब जब प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार का चेहरा जो भी हो, पार मोदी से ही पाना है। उस पर भी राम मंदिर का ज्वार। इन सबके बीच बात यह भी है कि पप्पू को जिस समीकरण का सबसे ज्यादा भरोसा है, उसका नैसर्गिक दावेदार कोई और है।

तेजस्वी यादव ने लगाया पूरा जोर

राजद प्रत्याशी बीमा भारती के लिए तेजस्वी पूरा जोर लगा रहे हैं। करीब 35 प्रतिशत एम-वाई (मुस्लिम-यादव) समीकरण में कोई सेंधमारी न हो, इसके लिए अपने वोटरों को आगाह कर रहे कि भटकना नहीं। युवाओं में लोकप्रिय पप्पू एम-वाई समीकरण में सेंध लगाकर अपनी जीत का रास्ता बना पाते हैं या नहीं, यह तो वक्त बताएगा, लेकिन इस समीकरण में दावेदारों की लड़ाई से जदयू का खेमा उत्साहित है और संतोष कुशवाहा की हैट्रिक का ख्वाब पाले है।

'इलाके में रामजी की लहर'

सियासी पारे के बीच पूर्णिया की सुबह दिन के बेहद गर्म होने का आभास करा रही। गुलाबबाग मंडी में पूरे सीमांचल के लोग जुटते हैं। यहां रूपेश कुमार के सैलून में थोड़ी भीड़ है। दाढ़ी पर उस्तरा चलाते हुए कहते हैं- इलाके में रामजी की लहर है। नेता भले ही अपना चेहरा और दल बदलते हों, मगर मोदी जो कहते हैं वही करते हैं। हालांकि, रूपेश निर्दलीय प्रत्याशी पप्पू यादव की भी चर्चा कर देते हैं और फिर वह द्वंद्व में फंस जाते हैं।

एक तरफ देश, दूसरी ओर जो वक्त पर साथ दे! साथ देने के सवाल पर यहां बात बढ़ने लगती है। सुरेश, मोहन आदि बाल-दाढ़ी बनाने के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। वे कहते हैं कि पूर्णिया क्रीज-कालर वालों को बहुत साल तक बर्दाश्त नहीं करता है। पूर्णिया ने क्रीज-कालर को नकारकर संतोष कुशवाहा को अपना प्रतिनिधित्व दिया था, पर वे खुद अब क्रीज-कालर वाले हो गए हैं। आरोप यह भी कि वे जनता के बीच नहीं के बराबर आते हैं।

सबकी अपनी-अपनी पार्टी, अपना-अपना राग

कोढ़ा में मिले विकास सिंह कहते हैं कि इस सीट पर जदयू उम्मीदवार के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही चेहरा और सहारा है। राजद की उम्मीदवार बीमा भारती ने जदयू छोड़कर हाल ही में लालटेन थामा है। वे इस लड़ाई को त्रिकोणीय बनाने में दिन रात जुटी हैं।

अचानक लालटेन थामने की वजह से कार्यकर्ताओं का जितना साथ बीमा को मिलना चाहिए उतना नहीं मिल रहा है। पूर्णिया शहर के निवासी 55 वर्षीय मु. जावेद का कहना है कि मोदी सरकार ने गंगा जमुनी तहजीब पर पानी फेर दिया। यह भी कहने से नहीं चूकते हम तो उसी को वोट देंगे जो एनडीए प्रत्याशी को हरा पाए। इससे इतर भवानीपुर के भवेश यादव और टिकापट्टी के लूखो मंडल मोदी सरकार की प्रशंसा करते नहीं थकते।

थोड़ी दूर पर गुलाबबाग जीरोमाइल पर बने गोलंबर पर हनुमान पताका और भगवा झंडे बता रहे हैं कि अभी यहां रामनवमी की खुमारी उतरी नहीं है।

पूर्णिया में पिछला नतीजा

संतोष कुशवाहा (जदयू): 6,32,924

उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह (कांग्रेस): 3,79,763

2019 में पूर्णिया में विभिन्न दलों को मिले मत ( प्रतिशत में)

  • जदयू: 54.85
  • कांग्रेस: 32.02
  • नोटा: 1.61
  • बसपा: 1.43
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