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संसद के पन्नों से: जब सदन में अटल जी ने पूछा- मारुति की पूछ की पकड़ में क्या नई दिल्ली भी आ गई है?

Lok Sabha Election 2024 1973 में संसद में नोटों की माला का मुद्दा उठा था। हरियाणा के रोहतक से सांसद मुख्तियार सिंह मलिक ने यह मामला उठाया था। हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री के खिलाफ लगे आरोपों पर अटल बिहारी वाजपेयी ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी थी। संसद में जांच आयोग बनाने का मुद्दा भी उठाया गया था। पढ़ें पूरा मामला...

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Mon, 22 Apr 2024 02:32 PM (IST)
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लोकसभा चुनाव 2024: जब संसद में उठा नोटों की माला का मुद्दा।
अमित पोपली, झज्जर। वक्त का पहिया आज से फिर दशकों पीछे ले चलिए... बंसीलाल ने शुरू से ही कांग्रेस पार्टी में अच्छे संबंध बना लिए थे। गांधी परिवार के प्रति वे पूर्णतया वफादार थे। साथ संजय गांधी से उनकी दोस्ती भी मशहूर थी। संजय गांधी को हरियाणा के गुड़गांव (गुरुग्राम) में मारुति फैक्टरी के लिए जमीन दिलवाने में बंसीलाल की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

रोहतक के सांसद ने उठाया था मुद्दा

आरोप लगा कि जमीन को मोल से काफी कम दाम में जो दिलवाया गया था। बाद में राजनीतिक पार्टियों ने मुद्दे को काफी उठाया भी। रोहतक से सांसद मुख्तियार सिंह मलिक ने गले में डाली जाने वाली नोटों की माला का मुद्दा उठाया। तारीख थी 9 मार्च 1973 की।

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सदन में हरियाणा के मुख्यमंत्री के विरूद्ध लगे आरोपों पर चल रही चर्चा में ग्वालियर से सांसद अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा कि क्या यह सच है कि हरियाणा के मुख्यमंत्री के विरूद्ध केवल इसलिए जांच नहीं की जा रही है कि उनकी मारुति की पूछ की पकड़ में....(व्यवधान) नई दिल्ली भी आ गई है?

जनता में यह संदेह है और क्या यह सच है कि इसका निराकरण तभी होगा, जबकि एक जांच कमीशन बनेगा? अगर आरोपों में कोई दम नहीं है, तो एक जांच कमीशन बना कर मुख्यमंत्री और नई दिल्ली में बैठे हुए नेताओं को इन आरोपों से मुक्त होने का अवसर क्यों नहीं दिया जाता है? सरकार जितना इस मामले को दबाती है, उतना ही संदेह बढ़ता है।

स्मगलिंग के पुराने केस का जिक्र भी हुआ

सीएम पर लग रहे आरोपों के बीच रोहतक से सांसद मुख्तियार सिंह मलिक ने यहां स्मगलिंग के बहुत पुराने केस का जिक्र भी सदन में किया। सवालों के जवाबों की कड़ी में केंद्रीय मंत्री राम निवास मिर्धा ने कहा, जहां तक भूमि अधिग्रहण के नोटिस का प्रश्न है, मैं इसके बारे में अधिक कुछ नहीं कह सकता, यदि मुआवजा कम दिया गया है तो यह न्यायालय का मामला है।

भूमि अधिग्रहण अधिनियम को न्यायालय में चुनौती दी जा सकती है। मुख्तियार मलिक द्वारा, उठाए गए प्रश्नों का उत्तर नहीं दूंगा, जहां तक अटल बिहारी वाजपेयी के प्रश्न का संबंध है, सरकार ने एक उप समिति की स्थापना की है।

कार के नाम पर एमएलए को नोटों की माला देने का उछला मामला

सदन में मुद्दे पर चर्चा के लिए उस दिन विशेष तौर पर आधे घंटे का समय रखा गया था। एक के बाद एक सांसदों के साथ मुख्तियार सिंह मलिक ने एक पत्र का जिक्र करते हुए सवाल पूछा, हरियाणा के सीएम कांग्रेस के विधायकों को अपने साथ रखने के लिए उनके हलकों के अंदर जाकर वहां पब्लिक सभाएं कराते हैं। इसमें सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल करते हैं और दस दस-बीस बीस हजार रुपये इकट्ठे करवा कर उनके गले में मालाएं पहनाते हैं।

स्टेज के ऊपर यह घोषित करते हैं कि विधायकों को काम कराने के लिए चंडीगढ़ जाना पड़ता है, इसलिए इनको एक-एक कार की जरूरत है और यह 20 हजार रुपये का जो हार मेरे गले में डाला, वह रुपया विधायकों को उन्होंने स्टेज के ऊपर दिया? गुड़गांव, नीलोखेड़ी, घरौंडा, कलानौर आदि के अंदर क्या इस तरह से चीफ मिनिस्टर के गले में बीस-बीस हजार रुपये के हार नहीं डाले गए और उन्होंने कार के नाम पर क्या वह रुपया उन विधायकों को नहीं दिया?

121 सांसदों ने की थी आयोग से जांच की मांग

पन्नों को पलट कर देखें तो यहां 121 संसद सदस्यों ने मांग की थी कि आरोपों की जांच करने के लिए आयोग बिठाया जाए, ऐसी घटना ऐसे मामलों में अभूतपूर्ण है। विशेष बात यह है जहां अन्य मामलों में निपटान यथाशीघ्र होता है वहां इसमें निर्णय लेने में अत्यधिक विलंब किया जा रहा है।

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