Move to Jagran APP

Lok Sabha Election 2024: जब एक ‘सांसद’ के लिए संकट बन गई ‘धार्मिक स्थिति’, अब कटा टिकट; जानिए क्या है पूरा मामला

Lok Sabha Election 2024 पिछले चुनाव में एक सांसद को धार्मिक स्थिति के चलते संकट का सामना करना पड़ा था। इस बार सांसद को कहीं से टिकट नहीं मिला है ऐसे में राजनीतिक पंडितों के कयास हैं कि शायद उनकी “धार्मिक स्थिति” को लेकर फिर कोई संकट न मोल लेना पड़ जाए इसलिए पार्टी ने उन्हें किनारे लगा दिया। जानिए क्या है पूरा मामला।

By Jagran News Edited By: Sachin Pandey Updated: Sun, 19 May 2024 09:19 PM (IST)
Hero Image
Lok Sabha Election 2024: इस बार पार्टी ने काटा सांसद का टिकट, कहीं से नहीं बनाया प्रत्याशी।

चुनाव डेस्क, सिलीगुड़ी। यह बीते 2019 के लोकसभा चुनाव की बात है। उस समय बंगाल की आरामबाग लोकसभा सीट की तृणमूल कांग्रेस उम्मीदवार सांसद अपरूपा पोद्दार उर्फ आफरीन अली के लिए उनकी “धार्मिक स्थिति” एक संकट बन गई थी। हालांकि, उस संकट से वह तुरंत ही उबर भी गईं और दोबारा आरामबाग की सांसद निर्वाचित हुईं।

वह 2014 से 2019 और 2019 से 2024, लगातार दो बार तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर आरामबाग की सांसद निर्वाचित हुईं। मगर, इस बार लोकसभा चुनाव 2024 में उन्हें तृणमूल कांग्रेस ने आरामबाग तो क्या, कहीं से भी टिकट नहीं दिया।

पार्टी ने किया किनारा!

इसे लेकर राजनीतिक पंडितों के कयास हैं कि, शायद उनकी “धार्मिक स्थिति” को लेकर फिर कोई संकट न मोल लेना पड़ जाए, इसलिए ही सावधानी बरतते हुए तृणमूल कांग्रेस ने उन्हें किनारे लगा दिया। वहीं, कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का विश्लेषण यह भी है कि पार्टी के अंदर की गुटबाजी के चलते ही उनका पत्ता कटा।

उनकी जगह तृणमूल कांग्रेस ने स्थानीय मिताली बाग को उम्मीदवार बनाया जिनके बारे में तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने खुद कहा कि, ‘मिताली बागदी समुदाय की बेटी है। उच्च शिक्षा प्राप्त है। कई लोग कहते हैं कि, बागदी, बाउरी को टिकट नहीं मिलता। हमने उन्हें टिकट देकर यह साबित कर दिया कि ऐसा नहीं है।’

क्या गुल खिलाएगा फैसला

अब तृणमूल कांग्रेस का यह फैसला क्या गुल खिलाएगा यह तो पांचवें चरण के तहत आरामबाग लोकसभा क्षेत्र में मतदान और चार जून को मतगणना के बाद ही पता चल पाएगा। वैसे अपना टिकट कटने के बावजूद अपरूपा पोद्दार ने कहा था कि मैं जन्म से ही तृणमूल कांग्रेस करती हूं। मैं ममता बनर्जी व अभिषेक बनर्जी के ऊपर भरोसा रखती हूं। हमेश पार्टी की सच्ची सैनिक थी, हूं और रहूंगी। दीदी ने मेरे लिए जो किया है, अच्छा किया है।

उन्होंने कहा कि मैं पार्टी के प्रति सदैव कृतज्ञ हूं। आरामबाग के लोगों के पास भी थी, हूं और सारा जीवन रहूंगी। भाजपा अगर मेरे लिए ताजमहल व लाल किला भी ला दे तो भी मैं भाजपा में नहीं जाऊंगी। भाजपा न कभी की और न कभी कर पाऊंगी। ममता बनर्जी को ही मैं चाहती हूं। तृणमूल कांग्रेस से ही प्यार है। इसकी सच्ची सैनिक हूं।

ये भी पढ़ें- Lok Sabha Election 2024: चुनाव आयोग ने पकड़ी 8889 करोड़ के मूल्य की ड्रग्स, कैश और शराब जैसी वस्तुएं, जब्ती में गुजरात अव्वल

क्या था मामला

याद रहे कि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के समय आरामबाग की सांसद व पुन: वहीं से तृणमूल कांग्रेस की सांसद उम्मीदवार अपरूपा पोद्दार उर्फ आफरीन अली की “धार्मिक स्थिति” को चुनौती देते हुए भाजपा ने चुनाव आयोग के समक्ष शिकायत दर्ज कराई थी।

भाजपा ने उनकी उम्मीदवारी को इस आधार पर रद्द करने की मांग की थी कि, एक मुस्लिम व्यक्ति से शादी कर आफरीन अली हो चुकीं अपरूपा पोद्दार ने इस्लाम धर्म अपना लिया है सो वह अनुसूचित जाति की नहीं रह गई हैं। ऐसे में, वह अनुसूचित जाति के लिए संरक्षित सीट से चुनाव लड़ने की पात्र नहीं हैं। तब, अपरूपा पोद्दार ने दलील दी थी कि, उन्होंने अपना नाम तो बदला है लेकिन धर्म नहीं। इस तरह से उन पर से “धार्मिक स्थिति” का संकट टला था और वह पुन: सांसद निर्वाचित हुई थीं।

ये भी पढ़ें- UP Lok Sabha Election 2024: पांचवें चरण में बड़े चेहरों की परीक्षा, पांच केंद्रीय मंत्री मैदान में, इस सीट पर टिकी सबकी निगाहें