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Sagar Lok Sabha Seat: एक नेता को विधानसभा में हराकर सांसद बना दिया; दूसरे को पार्षद से सीधे MP, यहां कायम है रीत

Sagar Lok Sabha Chunav 2024 updates देश में 18वीं लोकसभा के लिए चुनाव होने हैं। सभी राजनीतिक पार्टियां अपनी जमीन मजबूत करने में जुटी हैं। ऐसे में आपको भी अपनी लोकसभा सीट और अपने सांसद के बारे में जानना चाहिए ताकि इस बार किसको जिताना है इसे लेकर कोई दुविधा न हो। आज हम आपके लिए लाए हैं सागर लोकसभा सीट और यहां के सांसद के बारे में पूरी जानकारी...

By Jagran News Edited By: Deepti Mishra Updated: Thu, 29 Feb 2024 01:36 PM (IST)
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Sagar Lok Sabha Chunav 2024: सागर लोकसभा सीट और यहां के सांसद के बारे में पूरी जानकारी।
संजय पांडेय, सागर। Sagar Lok Sabha Election 2024 latest news बुंदेलखंड भले ही मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की भौगोलिक लकीर से बंट गया हो, लेकिन दोनों तरफ इसकी पहचान और अंदाज बिल्कुल एक जैसा है।

मध्य प्रदेश के हिस्से के बुंदेलखंड की भी वही कहानी है, जो पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश की है। यहां पानी की समस्या है, लेकिन यहां के रहने वाले लोगों के व्यवहार में जरा-भी रूखापन नहीं है। यहां के लोग किसी को जल्‍दी अपनाते नहीं हैं और जिसे अपना लेते हैं, उसे आसानी से छोड़ते नहीं। यही रीत राजनीति में भी दिखाई देती है।

बुंदेलखंड की प्रमुख लोकसभा सीट सागर में स्वतंत्रता के बाद शुरुआती दशकों में जनता लगातार कांग्रेस पर विश्वास जताती रही। वर्ष 1952 से 1984 तक अपवाद छोड़ लगातार कांग्रेस को जीत मिलती रही, लेकिन वर्ष 1996 के बाद यह क्षेत्र भाजपा का मजबूत गढ़ बन चुका है।

1991 के बाद से नहीं जीती कांग्रेस

सागर लोकसभा सीट में साल 1951-52 से लेकर 2019 तक 17 चुनाव हो चुके हैं। साल 1996 से यह क्षेत्र भाजपा के ही पास है। वर्ष 1996 से 2004 तक यहां से डॉ. वीरेंद्र कुमार खटीक लगातार जीतते रहे। परिसीमन होने के पश्चात वर्ष 2009 में चुनाव हुआ। सागर लोकसभा सीट से भूपेंद्र सिंह को मौका मिला और वे जीते। इसके बाद लक्ष्मीनारायण यादव व राजबहादुर सिंह सांसद बने।

वर्ष 1996 के पहले 1989 में भी भाजपा के शंकर लाल खटीक चुनाव जीते, लेकिन 1991 में कांग्रेस के आनंद अहिरवार ने वापसी की। अब तक हुए 17 चुनाव में कांग्रेस ने सात व भाजपा ने आठ बार चुनाव जीता। वर्ष 1967 में भारतीय जनसंघ के राम सिंह अहिरवार व 1977 में भारतीय लोकदल के नर्मदा प्रसाद राय सांसद बन चुके हैं।

पेट्रोकेमिकल हब से विकास की आस

सागर लोकसभा क्षेत्र में उद्योग के नाम पर केवल बीना रिफाइनरी है। यहां अधिकांश बाहर के लोग ही काम कर रहे हैं। 14 सितंबर, 2023 को बीना रिफाइनरी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पेट्रोकेमिकल हब के लिए भूमिपूजन किया।

भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) द्वारा बीना रिफाइनरी में 50 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया जाना है। इससे पूरे क्षेत्र के विकास की उम्मीद है। इससे रिफाइनरी का विस्तार होगा और कई सहायक कारखाने भी लगेंगे। रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।

13 चुनावों में सागर के स्थानीय व्यक्ति ही बने सांसद

सागर लोकसभा सीट के साथ एक रोचक संयोग यह है कि यहां अब तक हुए 17 में से 13 चुनावों में सागर विधानसभा क्षेत्र यानी सागर के स्थानीय नागरिक ही सांसद चुने गए। केवल चार बार वर्ष 1971 व 1980 में कांग्रेस की सहोद्रा बाई राय, 1977 में रहली विधानसभा के ग्राम ढाना निवासी नर्मदा प्रसाद राय व 2009 में ग्राम बामोरा निवासी भूपेंद्र सिंह ही बाहरी व्यक्ति थे, जो सांसद चुने गए।

वर्ष 1967 के बाद सीट आरक्षित होने से बदले समीकरण

वर्ष 1967 में सागर लोकसभा क्षेत्र के एससी वर्ग के लिए आरक्षित होने की वजह से यहां के जातिगत समीकरण बदल गए। आरक्षण के चलते यहां से दो बार से सांसद बनते आ रहे ज्वाला प्रसाद ज्योतिषी को सागर से विधानसभा का चुनाव लड़ना पड़ा। वे दो बार विधायक भी निर्वाचित हुए। परिसीमन के बाद वर्ष 2009 में यह सीट फिर अनारक्षित घोषित हुई। इसके बाद के तीन सांसद ओबीसी वर्ग से आते हैं।

पार्षद से सीधे बने सांसद

इस सीट ने राजबहादुर सिंह को राजनीतिक रूप से शानदार ऊंचाई दी। वर्ष 2019 में सागर सीट से सांसद चुने गए राजबहादुर सिंह इससे पहले पार्षद रहे। वे दो बार सागर नगर निगम में पार्षद रहे। पार्षद के साथ ही नगर निगम अध्यक्ष रहते हुए उन्हें लोकसभा चुनाव लड़ने का टिकट मिला और वे जीते भी।

विधानसभा चुनाव हारे फिर बने सांसद

वर्ष 2009 में सागर लोकसभा सीट से चुनाव जीतने वाले भूपेंद्र सिंह कुछ महीने पहले ही दिसंबर, 2008 में खुरई विधानसभा सीट से चुनाव हार गए थे। इसके बाद उन्हें लोकसभा चुनाव का टिकट मिला। वे जीत भी गए। भूपेंद्र सिंह ने सांसद रहते वर्ष 2013 में पुन: खुरई विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ा और विधायक चुने गए। इसके बाद वे लगातार तीन बार से विधायक हैं। मंत्री भी रहे।

नेहरू ने दी थी सहोद्रा बाई राय को वीरांगना की उपाधि

दमोह जिले के पथरिया तहसील के बोतराई गांव निवासी सहोद्रा बाई राय सागर लोकसभा क्षेत्र से दो बार सांसद रहीं। वह वर्ष 1942 के स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान जेल गई थीं। वहीं, वर्ष 1955 में उन्होंने गोवा मुक्ति आंदोलन में पुर्तगालियों से लोहा लिया था। आंदोलन में उन्हें दो गोलियां दाएं हाथ में और एक गोली पेट में लगी। उनकी जान बचा ली गई।

गोवा आंदोलन में विजयी होने पर तत्कालीन प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू ने उन्हें वीरांगना कहकर संबोधित किया। वे सागर लोकसभा क्षेत्र से दो बार सांसद रहीं।

सागर से चार बार सांसद रहे डॉ. वीरेंद्र सिंह 

सागर निवासी वीरेंद्र खटीक सागर लोकसभा सीट से चार बार सांसद रहे है। इसके बाद वर्ष 2009 से वे टीकमगढ़ लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं। वे वर्तमान में केंद्रीय राज्य मंत्री भी हैं।

सागर की ताकत

  • कुल मतदाता- 17,32,755
  • पुरुष मतदाता- 9,09,006
  • महिला मतदाता- 8,23,738
  • थर्ड जेंडर- 11

सागर लोकसभा सीट में कितनी विधानसभा सीट?

इस सीट पर सागर जिले की- सागर, बीना, खुरई, सुरखी व नरयावली और विदिशा जिले की कुरवाई, शमशाबाद व सिरोंज समेत आठ विधानसभा शामिल हैं।

अब तक इन्होंने किया प्रतिनिधित्व

भारतीय जनसंघ

साल सांसद पार्टी
1952 खूबचंद सोदिया कांग्रेस
1957 ज्वाला प्रसाद ज्योतिषी कांग्रेस
1962 ज्वाला प्रसाद ज्योतिषी कांग्रेस
1967 राम सिंह अहिरवार भारतीय जनसंघ
1971 सहोद्रा बाई राय कांग्रेस
1977 सहोद्रा बाई राय कांग्रेस
1980 आरपी अहिरवार भाजपा 
1984 नंदलाल अहिरवार कांग्रेस 
1989 शंकरलाल खटीक भाजपा 
1991 आनंद अहिरवार कांग्रेस 
1996 डॉ. वीरेंद्र खटीक भाजपा
1998 डॉ. वीरेंद्र खटीक भाजपा
1999 डॉ. वीरेंद्र खटीक भाजपा
2004 डॉ. वीरेंद्र खटीक भाजपा
2009 भूपेंद्र सिंह भाजपा
2014 लक्ष्मीनारायण यादव भाजपा
2019 राजबहादुर सिंह भाजपा
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