लगातार टूटती गई 139 साल पुरानी कांग्रेस, शरद पवार से ममता बनर्जी तक जानिए किन दिग्गजों ने तोड़ा नाता और बना ली अपनी पार्टी?
Lok Sabha Election 2024 कांग्रेस नेताओं के पार्टी छोड़ने की गति आज जरूर तेज हो गई है लेकिन इसका सिलसिला हमेशा से जारी रहा है। सबसे पुराना राजनीतिक दल होने के नाते वर्तमान में देश के अधिकतर बड़े एवं छोटे दल कांग्रेस से अलग होकर निकले हैं। जानिए कुछ दिग्गज नेताओं के बारे में जिन्होंने कांग्रेस से अलग होकर अपनी नई राजनीतिक जमीन बनाई।
चुनाव डेस्क, नई दिल्ली। देश के सबसे पुराने राजनीतिक दल का तमगा लिए कांग्रेस पार्टी का इतिहास स्वर्णिम रहा है। पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल, सुभाष चंद्र बोस से लेकर देश के तमाम बड़े नेताओं से कांग्रेस पार्टी सुशोभित होती रही है। हालांकि, समय जैसे जैसे आगे बढ़ता रहा, कांग्रेस की स्थिति पहले से खराब होती चली गई। आज कांग्रेस अपनी खोई हुई राजनीतिक जमीन वापस पाने के लिए संघर्ष कर रही है।
देश की सबसे पुरानी पार्टी होने के बावजूद आज लोकसभा में 543 में से कांग्रेस के मात्र 51 सांसद हैं। 2014 में तो पार्टी मात्र 44 सीटों पर ही सिमटकर रह गई थी। इसके अलावा लगातार पार्टी से नेताओं का पलायन जारी है। वर्तमान लोकसभा चुनाव के बीच में भी कई नेता कांग्रेस छोड़ बीजेपी या दूसरी पार्टियों में शामिल हुए हैं।हालांकि कांग्रेस नेताओं के पार्टी छोड़ने का सिलसिला हमेशा से जारी रहा है। लेकिन पिछले कुछ दशक में कांग्रेस से कई दिग्गज नेताओं ने अलग होकर अपनी पार्टी बना ली। इनमें कुछ ने बगावत की, तो कुछ ने राजनीतिक महत्वाकांक्षा के चलते कांग्रेस से अलग होने का फैसला किया। जानिए ऐसे ही कुछ कद्दावर नेताओं के बारे में, जिन्होंने पार्टी बनाई और वे अभी भी अस्तित्व में हैं।
चौधरी चरण सिंह
देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह ने कांग्रेस पार्टी से ही अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत की थी। वह गाजियाबाद टाउन कांग्रेस कमेटी के संस्थापक सदस्य के अलावा मेरठ जिला कांग्रेस कमेटी के कोषाध्यक्ष, महासचिव और अध्यक्ष के रूप में भी कार्य कर चुके हैं। हालांकि, 1967 के आम चुनाव के बाद उन्होंने 16 समर्थकों के साथ कांग्रेस छोड़ दी थी और जन कांग्रेस नामक नया दल बनाया था।
बाद में वह जनता दल में शामिल हुए और मोरारजी देसाई के बाद देश के अगले प्रधानंमंत्री भी बने। आगे चलकर उनके निधन के बाद उनके बेटे चौधरी अजीत सिंह ने जनता पार्टी से अलग होकर राष्ट्रीय जनता दल का गठन किया। वर्तमान में उनके बेटे और चौधरी चरण सिंह के पौत्र जयंत चौधरी इसके अध्यक्ष हैं।
शरद पवार
महाराष्ट्र की राजनीति के चाणक्य माने जाने वाले शरद पवार खुद चार बार राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं और कई बार किंगमेकर की भूमिका निभाई है। युवा कांग्रेस से राजनीति की शुरुआत करने वाले शरद पवार ने पार्टी में अलग पहचान बनाई। राजनीतिक दांव पेच में माहिर पवार ने 1978 में कांग्रेस (यू) से अलग होकर जनता पार्टी के सहयोग से महाराष्ट्र में सरकार बनाई थी और मात्र 38 की आयु में महाराष्ट्र के सबसे युवा सीएम बने थे।
आगे चलकर वह वापस कांग्रेस (इंदिरा गुट) में शामिल हुए और राज्य से लेकर केंद्र की राजनीति में दबदबा बनाए रखा। 1999 में उन्होंने विदेशी मूल के मुद्दे को लेकर सोनिया गांधी का विरोध किया, जिसके बाद उन्हें छह सालों के लिए कांग्रेस से निष्कासित कर दिया। इसके बाद उन्होंने पीए संगमा व तारिक अनवर के साथ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी यानी राकांपा का गठन किया। हालांकि, टकराव के बावजूद 1999 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस से गठबंधन किया और सरकार बनाई, जिसमें कांग्रेस के विलासराव देशमुख सीएम बने। यूपीए सरकार में वह कृषि मंत्री भी रहे।