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खास बातचीत: यूपी और बिहार पर गरमाई सियासत, तरुण चुग बोले- खैहरा व राहुल गांधी देश से मांगें माफी

Lok Sabha Election 2024 यूपी और बिहार के लोगों पर कांग्रेस प्रत्याशी सुखपाल सिंह खैहरा के बयान पर पंजाब में सियासत गरमा गई है। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुग ने खैहरा के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने सुखपाल खैरा और कांग्रेस नेता राहुल गांधी से देश से माफी मांगने को कहा। पढ़ें चुग से हुई विशेष बातचीत के अंश...

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Mon, 20 May 2024 12:12 PM (IST)
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लोकसभा चुनाव 2024: भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुग।

विपिन कुमार राणा, अमृतसर। उत्तर प्रदेश, बिहार व अन्य राज्यों के नागरिकों को पंजाब में घर न बनाने देने और नौकरी न देने के संगरूर से कांग्रेस के प्रत्याशी सुखपाल सिंह खैहरा के बयान को भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुग ने दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है।

उन्होंने कहा कि पंजाब गुरुओं की धरती है और यहां प्रांतवाद के लिए कोई जगह नहीं है। जब देश में जातपात की लड़ाई चल रही थी, तो हमारे गुरुओं ने हमेशा संगत-पतंग और मानस की जात सबै एक ही पहचानबो का संदेश दिया था।

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खैहरा का बयान गुरु परंपरा के खिलाफ है। भारत एक है और हर नागरिक कहीं भी जाकर काम कर सकते हैं। हमें इस बात का गर्व है कि जैसे पंजाबी पूरे देश के हर कोने में काम करते हैं, वैसे ही पंजाब के अंदर सभी राज्यों के लोग आकर काम करते हैं।

प्रांतवाद की बात खड़ी करने से कांग्रेस का असली चेहरा बेनकाब हो गया है और इसके लिए खैहरा व राहुल गांधी को देश से माफी मांगी चाहिए। चुग दैनिक जागरण से अमृतसर में बातचीत कर रहे थे, पेश है उसके कुछ अंश...।

सवाल: चुनाव में एकाएक जात, धर्म, प्रांतवाद की बात कैसे छिड़ गई?

जवाब: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हमेशा ही एक भारत श्रेष्ठ भारत की बात कही है, पर कांग्रेस हमेशा ही धर्म, जाति के नाम पर एक-दूसरे को लड़ाती आई है। राहुल गांधी दक्षिण में जाकर भाषावाद, उत्तरी भारत व दक्षिण भारत और सांप्रदायिकता के नाम पर भारत को बांटने का षड्यंत्र रच रहे हैं।

राहुल ने जिस तरह वायनाड में मुस्लिम लीग का एजेंडा अपनाकर अपना घोषणा पत्र जारी किया, इससे कांग्रेस ने अपना एजेंडा व झंडा मुस्लिम लीग के कार्यालय में सरेंडर कर दिया है।

सवाल: पंजाब में चल रहे किसान आंदोलन और उसकी वजह से भाजपा को जो विरोध झेलना पड़ रहा है, इसे आप कैसे देखते हैं ?

जवाब: पंजाब के अंदर कुछ लोग किसान आंदोलन के नाम पर भ्रम पैदा कर रहे हैं। उनके भ्रम की वजह से पंजाब का आर्थिक ही नहीं सामाजिक नुकसान भी हो रहा है। इसकी वजह से बने हालात की वजह से परिश्रमी व समझदार लोग पंजाब छोड़कर जा रहे हैं।

हमें पंजाब को दोबारा खुशहाल बनाने के लिए यहां सर्विस सेक्टर, इंडस्ट्री के साथ कृषि को आधुनिक बनाना होगा। यह नेतृत्व की दूरदर्शी सोच से ही संभव है और यह काम सिर्फ मोदी की डबल इंजन की सरकार कर रही है। कृषि विशेषज्ञ एसएस जौहल सही कह रहे हैं कि कृषि योजनाओं का लाभ जब किसानों को मिल रहा है तो फिर विरोध क्यों?

सवाल: किसानी मुद्दों का मामला जिस तरह से नियंत्रित किया जाना चाहिए था, पार्टी नहीं कर पाई?

जवाब: हमारी प्रतिबद्धता देश के किसानों के कल्याण के लिए है। हम किसानों के महत्व और इस देश को सशक्त भारत बनाने में उनके योगदान से अच्छी तरह परिचित हैं। मुद्दे की गंभीरता को देखते हुए प्रधानमंत्री ने कृषि बजट को पिछले सरकारों की तुलना में पांच गुना ज्यादा बढ़ा दिया है।

11 करोड़ से अधिक किसानों को पीएम किसान योजना के तहत सालाना 6,000 रुपये मिल रहे हैं। पीएम फसल बीमा योजना के तहत किसानों के हितों के लिए 1.5 लाख करोड़ रुपये दिए गए हैं। पीएम किसान सम्मान निधि के तहत 2.8 करोड़ रुपये सीधे किसानों के खाते में भेजे गए। हम मुद्दों से अच्छी तरह वाकिफ हैं और हम कृषि क्षेत्र के लिए स्थायी समाधान पाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।

सवाल: भाजपाई कहते हैं मोदी ने सिखों के लिए बहुत काम किया है, फिर सिखों के मन में खटास क्यों है?

जवाब: सिखों के मन में प्रधानमंत्री मोदी के लिए कोई खटास नहीं। मोदी की बेसिक सोच गुरु परंपरा को सम्मान देने की है। वह हर गुरुपर्व पर श्री गुरुद्वारा साहिब जाते हैं। गुरुओं की शिक्षाओं का अनुसरण करते हैं। जीवन के एक काल में वह खुद सिख बनकर रहे हैं।

यही वजह रही कि लंगर को जीएसटी से उन्होंने मुक्ति, श्री करतारपुर कॉरिडोर का निर्माण करवाया, सिखों की काली सूची को खत्म किया, श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के साहिबजादों के बलिदान को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने की देश में परंपरा शुरू की। यह सब मोदी ने वोटों के लिए नहीं किया, बल्कि अपनी सिख परंपरा के प्रति प्रतिबद्धता के लिए किया।

सवाल: विपक्ष मोदी को तानाशाह प्रचारित कर रहा, इस पर क्या कहना है?

जवाब: मोदी देश और देशहित में काम कर रहे हैं, ऐसे में उन्हें तानाशाह कहना तर्कसंगत नहीं है। शिअद के साथ दोबारा गठबंधन के सवाल को टाल गए। इतना ही कहा कि जब भी किसी अन्य संगठन से गठबंधन की बात आती है तो यह निर्णय पार्टी की शीर्ष नेतृत्व ही तय करता है।

सवाल: विपक्ष कहता है कि मोदी की सरकार जाएगी तो सीएए भी जाएगा, क्या ऐसा संभव है?

जवाब: भारत सरकार का लक्ष्य उन शरणार्थियों को नागरिकता देना है, जिन्होंने पड़ोसी देशों में धार्मिक उत्पीड़न का सामना किया है। सीएए का उद्देश्य शांति और एकता के माहौल को बढ़ावा देना है। विपक्ष ख्याली पुलाव पका रहा है, जो पूरी तरह से निराधार है। हमें 400 से अधिक सीटें मिलेंगी।

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