राम मंदिर, इलेक्टोरल बॉन्ड और अदाणी पर क्या बोले शत्रुघ्न सिन्हा, विपक्ष के आरोपों को क्यों कहा रेडीमेड?
Lok Sabha Election 2024 फिल्म अभिनेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शत्रुघ्न सिन्हा दूसरी बार टीएमसी की टिकट पर पश्चिम बंगाल की आसनसोल लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में हैं। दैनिक जागरण के साथ साक्षात्कार में वे केंद्र सरकार और भाजपा पर हमला करते दिखे। उन्होंने ममता बनर्जी को प्रोमिनेंट और पावरफुल नेता बताया। बाहरी होने के मुद्दे पर अपनी बात बेबाकी से रखी। पढ़ें इंटरव्यू के खास अंश...
आसनसोल संसदीय सीट पर 2022 के उपचुनाव में पहली बार तृणमूल बड़ी पार्टी बनकर उभरी। तीन लाख वोट से जीतकर इसका चेहरा हिंदी सिनेमा के सितारे व पूर्व केंद्रीय मंत्री शत्रुघ्न सिन्हा बने। 2024 के चुनाव में सिन्हा यहां से दूसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं। यहां से भोजपुरी स्टार पवन सिंह पीछे हट चुके हैं।
शत्रुघ्न की लड़ाई अब मुख्य रूप से भाजपा के एसएस अहलूवालिया और सीपीएम की जहांआरा खान से है। दैनिक जागरण से साक्षात्कार में भी वे स्थानीय मुद्दों पर कम, ममता स्टाइल में भाजपा व मोदी पर ज्यादा बोलते दिखे। आसनसोल से तृणमूल कांग्रेस प्रत्याशी शत्रुघ्न सिन्हा के साथ धनबाद दैनिक जागरण के वरीय समाचार संपादक डॉ. चंदन शर्मा की खास बातचीत के कुछ अंश।
सवाल: आसनसोल ही क्यों, पटना से मोह क्यों भंग हो गया?
जवाब: जनता का जो प्यार आसनसोल में मिला है, आगे भी मिलेगा। ममता जी यहां सर्वाधिक इंपोर्टेंट, प्रोमिनेंट और पावरफुल लीडर है। उनका इतना विश्वास मुझ पर है कि पूरे बंगाल ही नहीं पूरे देश में सबसे पहले मेरे नाम की घोषणा हुई थी।पिछले साल अक्टूबर में ही दिल्ली में जो हमारा साडा हक एथे रख प्रदर्शन था। तभी ममता जी ने सिर्फ आसनसोल के लिए मेरे नाम की घोषणा की थी। मैं भी अचंभित था, सिर्फ एक नाम और वह भी मेरा। सबका विश्वास है तो फिर रिकॉर्ड मतों से जीतेंगे।
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मध्यावधि चुनाव में आसनसोल में जो जीत मिली वैसी आजतक नहीं हुई है। दूसरी बात टीएमसी इससे पहले आजतक आसनसोल लोकसभा सीट नहीं जीत सकी थी और हमारा यहां आना और रिकॉर्ड मतों से जीतना खास तो है ही।
हर महीने आसनसोल में 10-15 दिन गुजारता हूं। आज मेरे तीन घर हैं, पटना, मुंबई और एक घर आसनसोल में है। पटना तो पहला प्यार है। वहां गठबंधन टूटने के बाद अलग स्थिति है। तेजस्वी अच्छा कर रहा है। भविष्य का नेता वही है।सवाल: आसनसोल में कम दिखाई देते हैं। आपको खोजने के लिए पोस्टर भी लगे हैं। विपक्ष आपके बाहरी होने पर मुखर है।जवाब: जब आपके खिलाफ कोई आरोप और मुद्दा नहीं मिलता तो इस तरह के रेडीमेड आरोप लगाए जाते हैं। जानकर हंसी आएगी जब मैं पहली बार पटना चुनाव लड़ने गया था, वहां भी मुझे बाहर का कहकर प्रचारित किया गया था, जबकि मेरा जन्म, मेरी पढ़ाई-लिखाई सब पटना में ही हुई है।
सवाल: डेढ़ साल में आसनसोल के मुद्दों को संसद में कितना उठाया? पुनर्वास और रोजगार की समस्याएं जस की तस हैं।
जवाब: संसद तो करीब-करीब चल ही नहीं सकी। इस बार तो संसद खास लोगों के लिए खास लोगों द्वारा और खास लोगों के वास्ते चल रही थी। इस सरकार ने विश्व रिकॉर्ड कायम किया कि एक दिन में 146 सासंदों को निकाल दिया गया।मैं अदाणी को किसी मामले में दोषी नहीं मानता, लेकिन माननीय प्रधानमंत्री इतना ही कह देते कि अदाणी के बारे में जो बातें कही जा रही हैं वे सही नहीं हैं, प्रधानमंत्री का चुप हो जाना और जवाब नहीं देना ठीक बात नहीं है।
इस वजह से संसद नहीं चलना सही नहीं है। हमने शून्यकाल में अपनी बात रखने की कोशिश की, लेकिन इसे स्वीकार नहीं किया गया। फिर नए-नए कांड होते गए। सरकारी एजेंडे तहत आपने मंदिर बनवाया, इतना खर्च किया। प्रोपेगंडा फैलाया। इतना प्रचार किया कि प्रधानमंत्री को प्रचारमंत्री बना दिया।इलेक्टोरल बॉन्ड पर हंगामा होता रहा। इसके बाद हेमंत सोरेन और केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया गया। खैर, हम इस बार भी जीतेंगे और अगले पांच साल आसनसोल के मुद्दे उठाएंगे।
सवाल: 10 साल में सरकार ने इतना काम किया, आप सिर्फ इलेक्टोरल बॉन्ड की बात कर रहे। चंदा पारदर्शी तो होना चाहिए।
जवाब: जिस चुनावी बॉन्ड को सुप्रीम कोर्ट ने असंवैधानिक कह दिया, उस पर किंतु परंतु की कोई बात रह नहीं जाती। इस पर सभी को जवाब देना होगा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर आपकी क्या राय है। बिहार में एक कहावत है- चोरी और उस पर थेथरई, जस्टिफिकेशन ऑफ द सिचुएशन।
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