अकाली दल ने किया 'खेला': पार्टी के विलय के बाद भी इस दिग्गज नेता के बेटे को नहीं दी टिकट, अब भाजपा पर निगाहें; क्या खेलेगी बड़ा दांव?
Lok Sabha Election 2024 लोकसभा चुनाव से कुछ दिन पहले सुखदेव सिंह ढींडसा ने अपनी पार्टी शिरोमणि अकाली दल संयुक्त का शिरोमणि अकाली दल में विलय कर दिया था। मगर अकाली दल ने संगरूर लोकसभा सीट से ढींडसा के बेटे परमिंदर ढींडसा को टिकट नहीं दिया। अब सुखदेव सिंह ढींडसा ने भाजपा नेताओं के साथ अपनी नजदीकियां बढ़ानी शुरू कर दी है।
सचिन धनजस, संगरूर l शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने पंजाब के पूर्व वित्त मंत्री परमिंदर ढींडसा को टिकट न दिया। अब उनके पिता पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखदेव सिंह ढींडसा ने दोबारा भाजपा से नजदीकियां बढ़ाने लगे हैं। दो दिन दिल्ली में रहे ढींडसा को लेकर चर्चा है कि वह फिर भाजपा के संपर्क में हैं।
दो-तीन दिनों में लेंगे निर्णय
अभी तक ढींडसा परिवार ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं, लेकिन खुद ढींडसा साफ कह चुके हैं कि सुखबीर सिंह बादल ने उनसे बिना राय लिए टिकट पर फैसला किया है। भाजपा में जाने के सवाल पर ढींडसा ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है। फिर भी समर्थकों से विचार कर दो-तीन दिनों में कोई निर्णय लेंगे।
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भाजपा नेताओं के साथ ढींडसा के अच्छे संबंध
दिल्ली जाने को लेकर ढींडसा ने तर्क दिया है कि वह कर्मचारियों का वेतन देने गए थे, लेकिन सूत्रों के मुताबिक दिल्ली दौरे के दौरान ढींडसा से भाजपा लीडरशिप ने भी संपर्क किया है। मुख्य वजह यह भी है कि 1999 में केंद्र में वाजपेयी सरकार के दौरान ढींडसा केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं और भाजपा के बड़े नेताओं के साथ उनके अच्छे संबंध भी हैं।शिअद में पार्टी का कर चुके विलय
बता दें कि ढींडसा ने शिअद से अलग होकर शिरोमणि अकाली दल संयुक्त का गठन किया था और 2022 का विधानसभा चुनाव भाजपा के साथ मिलकर लड़ा था लेकिन कुछ माह पहले ही शिअद बादल में पार्टी का विलय कर लिया था। अब शिअद से बेटे को टिकट न मिलने से वह बार फिर भाजपा से नजदीकियां बढ़ा रहे हैं।