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Lok Sabha Chunav 2024: रोचक हुआ श्रीनगर सीट पर मुकाबला, नेकां-पीडीपी के खिलाफ मजबूत मोर्चे की तैयारी

Lok Sabha Election 2024 जम्मू-कश्मीर की श्रीनगर लोकसभा सीट पर इस बार मुकाबला रोचक होने वाला है। यहां नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के खिलाफ मजबूत घेराबंदी की तैयारी है। इस सीट पर अब्दुल्ला परिवार भी मैदान में नहीं है। इन सबके बीच पूर्व विधायक इश्फाक जब्बार ने अपनी पार्टी को समर्थन देने की घोषणा कर दी है।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Tue, 30 Apr 2024 02:18 PM (IST)
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लोकसभा चुनाव 2024: महबूबा मुफ्ती और फारूक अब्दुल्ला। (फाइल फोटो)
जागरण, श्रीनगर। अनंतनाग के बाद श्रीनगर की जंग भी रोचक होती दिख रही है। नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के इस गढ़ को तोड़ने के लिए चक्रव्यूह की रचना हो रही है और नेकां और पीडीपी के खिलाफ मजबूत मोर्चा बनता दिख रहा है।

पहली बार चुनाव इस तरह रोचक रंग ले रहा है। इस सीट पर इस बार अब्दुल्ला परिवार भी मैदान में नहीं है। अपनी पार्टी को पहले ही सज्जाद लोन की पीपुल्स कान्फ्रेंस का समर्थन है।

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सोमवार को अपनी पार्टी के प्रत्याशी मोहम्मद अशरफ मीर को जम्मू-कश्मीर युनाइटेड मूवमेंट (जेकेयूपीएम) संगठन का भी सहारा मिल गया।

जेकेयूपीएम के अध्यक्ष और पूर्व विधायक इश्फाक जब्बार ने अपनी पार्टी को समर्थन देने का एलान किया है। इश्फाक ने 2014 के विधानसभा चुनाव में श्रीनगर जिले की सोनवार विधानसभा क्षेत्र से उमर अब्दुल्ला को हराया था।

पहले कांग्रेस में थे इश्फाक जब्बार

भाजपा भी नेकां और पीडीपी का राजनीतिक विकल्प देने के नाम पर अपनी पार्टी के प्रत्याशी को समर्थन देने का संकेत दे चुकी है, हालांकि पार्टी ने औपचारिक एलान नहीं किया है। पूर्व विधायक इश्फाक जब्बार पहले कांग्रेस में हुआ करते थे।

निर्दलीय लड़ने की दी थी धमकी

वर्ष 2009 के बाद वह नेकां में शामिल हो गए। गांदरबल क्षेत्र में उनका अच्छा खास जनाधार है। वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव के दौरान गांदरबल से पार्टी टिकट न मिलने पर बतौर निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव लड़ने की धमकी दी थी।

इसके बाद उमर अब्दुल्ला ने गांदरबल छोड़कर सोनवार और बीरवाह विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था और इश्फाक जब्बार को पार्टी प्रत्याशी बनाया था। इसके बाद वह जीत भी गए। उनकी पत्नी नुजहत इश्फाक फिलहाल गांदरबल जिला विकास परिषद की चेयरमैन हैं।

अनुशासनहीनता के आरोप में नेकां ने निकाला

नुजहज इश्फाक ने भी नेकां की टिकट पर ही डीडीसी का चुनाव जीता था। नेकां नेतृत्व के साथ मतभेद के चलते नवंबर 2021 में नेकां की जिला गांदरबल इकाई के प्रधान पद से इस्तीफा दे दिया था। बाद में पार्टी ने इश्फाक व उनकी पत्नी को अनुशासनहीनता के आरोप में संगठन से निष्कासित कर दिया। इसके बाद इश्फाक ने जेकेयूपीएम का गठन किया।

अपनी पार्टी कर रही लोगों के दिल की बात : इश्फाक

इश्फाक ने अपनी पार्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष गुलाम हसन मीर संग सोमवार को पत्रकार वार्ता में कहा कि फिलहाल अपनी पार्टी ही आम कश्मीरियों के दिल की बात कर रही है। वह लोगों को गुमराह करने के बजाय उन्हें हकीकत से अवगत कराते हुए कश्मीर में शांति और विकास के लिए वोट मांग रही है।

हमने श्रीनगर सीट पर उनके प्रत्याशी मोहम्मद अशरफ मीर का साथ देने का फैसला किया है। हम चाहते हैं कि जम्मू कश्मीर की जनता को नेकां और पीडीपी जैसे दलों से छुटकारा मिले, क्योंकि इन दलों ने हमेशा ही कश्मीरियों का नुकसान किया है।

रोचक होगा मुकाबला

श्रीनगर सीट पर मुकाबला रोचक रहने का अनुमान है। नेकां ने आगा सैयद रुहुल्ला मेहंदी को प्रत्याशी बनाया है, वहीं जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी ने मोहम्मद अशरफ मीर को उतारा है। पीडीपी ने युवा नेता वहीद उर रहमान परा पर दांव खेला है। मुख्य मुकाबला तीनों के बीच रहने वाला है।

गुलाम नबी आजाद की डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी से आमिर अहमद बट भी मैदान में हैं। यह तय नहीं कि वह मुकाबले को किस तरह और रोचक बना पाएंगे।

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