मध्य प्रदेश में इन सीटों ने बढ़ाई भाजपा की टेंशन! नई रणनीति पर शुरू किया काम, जानें- इनका चुनावी समीकरण
मध्य प्रदेश की तीन लोकसभा सीटों के विधानसभा आंकड़े भाजपा की चिंता बढ़ाने वाले हैं। यही वजह है कि पार्टी यहां नई रणनीति पर काम कर रही है। भाजपा का फोकस इन सीटों पर मतदान बढ़ाने और अधिक मतदाताओं को अपने साथ जोड़ने पर है। इनमें छिंदवाड़ा कांग्रेस का एकमात्र ऐसा दुर्ग है जिसे भाजपा सिर्फ एक बार 1997 में जीत पाई।
सौरभ सोनी, भोपाल। लोकसभा चुनाव 2024 में मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) खास रणनीति पर काम कर ही है। पार्टी की नजर एक-एक वोट पर है। हर बूथ और गांव तक अपनी पहुंच बना रही है। इस बार प्रदेश की सभी सीटों को जीतने का लक्ष्य भाजपा ने साध रखा है। 2019 लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 29 में से 28 सीटों पर जीत दर्ज की थी। कांग्रेस के पास एक मात्र सीट छिंदवाड़ा है। यहां से नकुलनाथ सांसद हैं।
ग्रामीण इलाकों में भाजपा ने तैनात की टोलियां
पार्टी ने हर बूथ पर कार्यकर्ताओं की ड्यूटी तय कर दी है। एक मतदाता केंद्र में 370 मतों को अपने पक्ष में करने का लक्ष्य दिया गया है। विधानसभा और बूथवार भाजपा अपनी रणनीति पर काम कर रही है। पार्टी की नजर उन ग्रामीण इलाकों पर भी है, जहां प्रदर्शन कमजोर था।इन ग्रामीण इलाकों में टोलियों को तैनात किया गया है। पार्टी का खास फोकस छिंदवाड़ा, मंडला और बालाघाट लोकसभा सीट पर है। ग्रामीण टोलियों को बूथों पर मतदान बढ़ाने और मतदातों को पार्टी से जोड़ने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
मंडला में पांच सीटों पर कांग्रेस और तीन बार भाजपा का कब्जा
छिंदवाड़ा, मंडला और बालाघाट में पार्टी का विधानसभा चुनाव में प्रदर्शन सही नहीं था। यही वजह है कि भाजपा इस गलती को दोहराना नहीं चाहती है। मंडला लोकसभा क्षेत्र में आठ विधानसभा क्षेत्र आते हैं। 2019 और 2023 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को पांच और भाजपा को तीन सीट पर जीत मिली थी। पार्टी अब इसी प्रदर्शन को सुधारना चाहती है।यहां विस चुनाव में सुधरा कांग्रेस का प्रदर्शन
बालाघाट लोकसभा क्षेत्र में आठ विधानसभा सीटों पर 2019 में सात पर भाजपा का कब्जा था। कांग्रेस के खाते में महज एक सीट आई थी। मगर 2023 विधानसभा चुनाव में भाजपा को यहां झटका लगा। पार्टी सात से चार सीटों पर सिमट गई। वहीं कांग्रेस को तीन सीटों का फायदा हुआ।
भाजपा के सामने कमलनाथ का गढ़ जीतने की चुनौती
मध्य प्रदेश की छिंदवाड़ा लोकसभा सीट कांग्रेस की गढ़ है। यह सीट मोदी लहर में भी कांग्रेस के खाते में रही। 2019 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने चार और भाजपा ने तीन सीटों पर जीत दर्ज की थी। 2023 विधानसभा चुनाव में यहां कांग्रेस ने शानदार प्रदर्शन किया और सभी सातों सीटों पर कब्जा जमा लिया।2019 लोकसभा चुनाव में छिंदवाड़ा सीट पर भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था। कमलनाथ का यहां काफी प्रभाव है। यही वजह है कि यहां महापौर भी कांग्रेस का है। भाजपा यहां नई रणनीति के तहत काम कर रही है। कमल नाथ के कई करीबी भाजपा का दामन थाम चुके हैं।यह भी पढ़ें: मध्य प्रदेश की वो 4 सीटें जहां धुरंधर उतारे-मतदाताओं से मिन्नते कीं; फिर भी जनता ने कांग्रेस को नहीं दिया मौका