Lok Sabha Election 2024: गढ़वाल के राजनीतिक रण में दांव पर दिग्गजों की साख, इनके बीच है मुकाबला, कौन मारेगा बाजी?
Lok Sabha Election 2024 राजनीतिक दिग्गजों की कर्मभूमि रही उत्तराखंड की गढ़वाल लोकसभा सीट का राजनीतिक रण इस बार चर्चा के केंद्र में है। बद्रीनाथ व केदारनाथ धामों के साथ ही सिखों के पवित्र धर्मस्थल हेमकुंड साहिब से लेकर रामनगर व कोटद्वार भाबर क्षेत्र तक पसरी इस सीट पर सभी की नजर है। जानिए यहां पर किनके बीच है मुकाबला और क्या है सियासी समीकरण।
केदार दत्त, देहरादून: उत्तराखंड की चर्चित सीट गढ़वाल से भाजपा ने राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी को प्रत्याशी बनाया है तो कांग्रेस ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल को। मुख्य मुकाबला इनके बीच ही दिख रहा है। बलूनी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का नजदीकी माना जाता है। साथ ही भाजपा के स्टार प्रचारक भी वहां का निरंतर दौरा कर रहे हैं।
कई दिग्गज जीत कर चुके हैं प्रतिनिधित्व
गढ़वाल संसदीय सीट को कई दिग्गजों ने प्रतिनिधित्व किया है। अविभाजित उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे पर्वत पुत्र हेमवती नंदन बहुगुणा, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी, पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री एवं वर्तमान में प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, पूर्व मुख्यमंत्री एवं सांसद तीरथ सिंह रावत, राज्य के पूर्व मंत्री टीपीएस रावत के साथ ही भक्त दर्शन, जगन्नाथ शर्मा, प्रताप सिंह नेगी, चंद्रमोहन सिंह नेगी जैसे दिग्गजों ने इस सीट का प्रतिनिधित्व किया है।
गढ़वाल सीट पर वर्ष 1982 में हुए उपचुनाव में इसपर देश की नजर थी। तब हेमवती नंदन बहुगुणा ने कांग्रेस से नाता तोड़कर यहां से चुनाव लड़ा। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उन्हें हराने के लिए ताकत झोंक दी थी, लेकिन बहुगुणा जीत दर्ज करने में सफल रहे थे। अपने मिजाज के अनुसार इस लोकसभा चुनाव में भी यह सीट चर्चा के केंद्र में है।
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कांग्रेस ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष पर खेला दांव
भाजपा ने अपने पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी को यहां से मैदान में उतारा है। इससे पहले बलूनी उत्तराखंड से राज्यसभा सदस्य थे और इस भूमिका में रहते हुए उन्होंने राज्य के लिए काफी काम भी कराए। कांग्रेस ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल पर दांव खेला है। यद्यपि, गोदियाल भी कांग्रेस के उन नेताओं में थे, जिन्होंने पहले चुनाव लड़ने में ना-नुकुर की थी।ये भी पढ़ें- BJP vs Congress Manifesto : भाजपा का संकल्प पत्र और कांग्रेस का न्याय पत्र, जानिए दोनों की क्या हैं खास बातें?