बनारस बना ‘मोदी का परिवार’; अपने सांसद के कामकाज से कितनी खुश है काशी की जनता? पढ़िए खास ग्राउंड रिपोर्ट
Varanasi Lok Sabha Election 2024 पीएम मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी खुद को उनका परिवार बताने में एक कदम और आगे है। यहां के भाजपा नेताओं के साथ आम जन ने इंटरनेट मीडिया प्रोफाइल ही नहीं घर दुकान व संस्थान हर जगह ‘मैं मोदी का परिवार’ लिखकर खास संदेश दिया। जानिए अपने सांसद को लेकर क्या सोचती है काशी की जनता और वह उनके कामकाज से कितनी खुश है।
जितेन्द्र शुक्ल, वाराणसी। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर परिवार नहीं होने का तंज कसा तो देश-दुनिया में उनके समर्थकों ने ‘मैं मोदी का परिवार’ अभियान चला दिया। समर्थकों ने इंटरनेट मीडिया प्रोफाइल पर लिखकर यह बताने की कोशिश की कि वे भी मोदी का परिवर हैं।
मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी इसमें एक कदम और आगे है। यहां के भाजपा नेताओं के साथ आम जन ने इंटरनेट मीडिया प्रोफाइल ही नहीं, घर, दुकान व संस्थान हर जगह ‘मैं मोदी का परिवार’ लिखकर संदेश दिया कि हम सभी मोदी का परिवार हैं। इतना ही नहीं, लोगों से जब इस बारे में बात की तो उन्होंने मोदी की ओर से कराए उन कार्यों को गिनाया, जिनकी वजह से वह उनके समर्थक हैं।
तीन तलाक और मुफ्त अनाज की भी बात
मुस्लिम महिलाएं अब तीन तलाक और मुफ्त अनाज तथा सुविधाओं पर मोदी सरकार की बात जरूर करती हैं। डॉ. शालिनी टंडन मानती हैं कि मुस्लिम महिलाओं के जीवन में परिवर्तन हुआ है। इन सब के बीच गोदौलिया चौराहे पर फल की दुकान लगाए विजय सोनकर चुनाव पर बात करते ही प्रफुल्लित हो जाते हैं। इस दुकान पर वह अपनी तीसरी पीढ़ी से हैं। 25 वर्ष से वह दुकान का संचालन कर रहे हैं। बोले- 'काहे आप कुछ कहलवाना चाहते हैं। मोदी ने जो किया है, कोई कर नहीं सकता। केवल यहां एक महिला शौचालय की जरूरत है। रात-दिन सब चौचक है। 'क्या परिणाम होगा, यह सबको मालूम है
बनारस के लोगों के जीवन में बदलाव आया है। बनारसी साड़ी, होटल, चिकित्सा व्यवस्था, उच्च शिक्षा सबमें उन्नति हुई है। शहर को जोड़ने वाली सड़क और शहर से बाहर निकलते ही राष्ट्रीय राजमार्ग या रिंग रोड का फर्राटा बनारस के विकसित होते जाने की बानगी है। मुंह में बनारसी पान दबाए ठेठ बनारसी चुनावी चर्चा पर बहुत जिक्र नहीं करते, लेकिन यह जरूर कहते हैं कि बनारस में क्या परिणाम होगा, यह सबको मालूम है।
मोदी जितने बनारसी हो गए, उतना कोई नहीं
बहुरंगी बनारस में चुनावी रंग चटख है। हो भी क्यों नहीं, आखिर मोदी तीसरी बार यहां से चुनाव मैदान में हैं। नरेन्द्र मोदी से पहले भी यहां के नहीं रहने वाले लोगों ने वाराणसी का संसद में प्रतिनिधित्व किया है। प्रयागराज के मुरली मनोहर जोशी, रायबरेली के श्रीशचंद्र दीक्षित, मीरजापुर के प्रोफेसर राजाराम शास्त्री वाराणसी संसदीय क्षेत्र से चुनाव जीते हैं। लोग कहते हैं कि मोदी जितना बनारसी 10 वर्ष में हो गए, उतना बाहर के लोग कम हो सके।अन्य प्रत्याशियों का भी शहर से गहरा नाता
इस चुनाव में नरेन्द्र मोदी के प्रमुख प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय हैं। मैदान में बसपा के अतहर जमाल लारी समेत सात प्रत्याशी हैं। लाररोड देवरिया के रहने वाले लारी का परिवार अर्से से बनारस में रह रहा है और मूलरूप से गाजीपुर के रहने वाले अजय राय जन्म से बनारसी हैं। दो पीढ़ियों से परिवार बनारस में रह रहा है। चुनावी रणनीतिकारों ने बहुत सोच कर ‘मैं मोदी का परिवार’ का भाव भरा है।