Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

बनारस बना ‘मोदी का परिवार’; अपने सांसद के कामकाज से कितनी खुश है काशी की जनता? पढ़िए खास ग्राउंड रिपोर्ट

Varanasi Lok Sabha Election 2024 पीएम मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी खुद को उनका परिवार बताने में एक कदम और आगे है। यहां के भाजपा नेताओं के साथ आम जन ने इंटरनेट मीडिया प्रोफाइल ही नहीं घर दुकान व संस्थान हर जगह ‘मैं मोदी का परिवार’ लिखकर खास संदेश दिया। जानिए अपने सांसद को लेकर क्या सोचती है काशी की जनता और वह उनके कामकाज से कितनी खुश है।

By Sachin Pandey Edited By: Sachin Pandey Updated: Wed, 29 May 2024 11:31 AM (IST)
Hero Image
लोग कहते हैं कि मोदी जितना बनारसी 10 वर्ष में हो गए, उतना बाहर के लोग कम हो सके।

जितेन्द्र शुक्ल, वाराणसी। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर परिवार नहीं होने का तंज कसा तो देश-दुनिया में उनके समर्थकों ने ‘मैं मोदी का परिवार’ अभियान चला दिया। समर्थकों ने इंटरनेट मीडिया प्रोफाइल पर लिखकर यह बताने की कोशिश की कि वे भी मोदी का परिवर हैं।

मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी इसमें एक कदम और आगे है। यहां के भाजपा नेताओं के साथ आम जन ने इंटरनेट मीडिया प्रोफाइल ही नहीं, घर, दुकान व संस्थान हर जगह ‘मैं मोदी का परिवार’ लिखकर संदेश दिया कि हम सभी मोदी का परिवार हैं। इतना ही नहीं, लोगों से जब इस बारे में बात की तो उन्होंने मोदी की ओर से कराए उन कार्यों को गिनाया, जिनकी वजह से वह उनके समर्थक हैं।

तीन तलाक और मुफ्त अनाज की भी बात

मुस्लिम महिलाएं अब तीन तलाक और मुफ्त अनाज तथा सुविधाओं पर मोदी सरकार की बात जरूर करती हैं। डॉ. शालिनी टंडन मानती हैं कि मुस्लिम महिलाओं के जीवन में परिवर्तन हुआ है। इन सब के बीच गोदौलिया चौराहे पर फल की दुकान लगाए विजय सोनकर चुनाव पर बात करते ही प्रफुल्लित हो जाते हैं। इस दुकान पर वह अपनी तीसरी पीढ़ी से हैं। 25 वर्ष से वह दुकान का संचालन कर रहे हैं। बोले- 'काहे आप कुछ कहलवाना चाहते हैं। मोदी ने जो किया है, कोई कर नहीं सकता। केवल यहां एक महिला शौचालय की जरूरत है। रात-दिन सब चौचक है। '

क्या परिणाम होगा, यह सबको मालूम है

बनारस के लोगों के जीवन में बदलाव आया है। बनारसी साड़ी, होटल, चिकित्सा व्यवस्था, उच्च शिक्षा सबमें उन्नति हुई है। शहर को जोड़ने वाली सड़क और शहर से बाहर निकलते ही राष्ट्रीय राजमार्ग या रिंग रोड का फर्राटा बनारस के विकसित होते जाने की बानगी है। मुंह में बनारसी पान दबाए ठेठ बनारसी चुनावी चर्चा पर बहुत जिक्र नहीं करते, लेकिन यह जरूर कहते हैं कि बनारस में क्या परिणाम होगा, यह सबको मालूम है।

मोदी जितने बनारसी हो गए, उतना कोई नहीं

बहुरंगी बनारस में चुनावी रंग चटख है। हो भी क्यों नहीं, आखिर मोदी तीसरी बार यहां से चुनाव मैदान में हैं। नरेन्द्र मोदी से पहले भी यहां के नहीं रहने वाले लोगों ने वाराणसी का संसद में प्रतिनिधित्व किया है। प्रयागराज के मुरली मनोहर जोशी, रायबरेली के श्रीशचंद्र दीक्षित, मीरजापुर के प्रोफेसर राजाराम शास्त्री वाराणसी संसदीय क्षेत्र से चुनाव जीते हैं। लोग कहते हैं कि मोदी जितना बनारसी 10 वर्ष में हो गए, उतना बाहर के लोग कम हो सके।

अन्य प्रत्याशियों का भी शहर से गहरा नाता

इस चुनाव में नरेन्द्र मोदी के प्रमुख प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय हैं। मैदान में बसपा के अतहर जमाल लारी समेत सात प्रत्याशी हैं। लाररोड देवरिया के रहने वाले लारी का परिवार अर्से से बनारस में रह रहा है और मूलरूप से गाजीपुर के रहने वाले अजय राय जन्म से बनारसी हैं। दो पीढ़ियों से परिवार बनारस में रह रहा है। चुनावी रणनीतिकारों ने बहुत सोच कर ‘मैं मोदी का परिवार’ का भाव भरा है।

कोई कार्य अपूर्ण नहीं छोड़ा गया

श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर न्यास परिषद के सदस्य और बीएचयू के प्रोफेसर ब्रजभूषण ओझा बताते हैं कि मोदी के नेतृत्व में काशी ही नहीं, पूरे देश में विश्वास जागा है। काशी में विरासत का संरक्षण हुआ और विकास के काम हुए। अयोध्या में राममंदिर का बनना, जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 का हटना, कोई कार्य अपूर्ण नहीं छोड़ा गया।

परेशानियां बढ़ीं तो क्या, 500 वर्ष का गर्व लौटा

सराफा व्यवसायी अनिकेश चंद्र गुप्ता काशी के लिए मोदी को वरदान बताते हैं। कहते हैं कि 500 वर्ष पूर्व का गर्व लौटा है। व्यवसाय में कुछ परेशानियां जरूर बढ़ गई हैं, पर यह उस गर्व के मुकाबले कुछ भी तो नहीं हैं। उनकी दुकान में बैठीं मालविका सिंह और भास्कर दास बोले कि अब दिन हो या रात कोई डर नहीं है घर से बाहर निकलने में।

ये भी पढ़ें- Lok Sabha Election 2024: पिछले लोकसभा चुनाव में जिन 52 सीटों पर जीती थी कांग्रेस, इस बार उन्हीं में से 19 पर फंस गई?

एक संदेश दे रहा है बनारस

मेयर अशोक तिवारी कहते हैं बनारस में मोदी समर्थकों ने घरों के दरवाजों, दुकान के काउंटरों और अपने वाहन पर ‘मैं मोदी का परिवार’ के स्टिकर लगाकर सभी को बताने की कोशिश कि वे भी मोदी के स्वजन हैं। कुछ ने स्वत: स्टीकर लगाए, कुछ के लिए पार्टी की ओर से उपलब्ध कराए गए। जो भी हो हर जगह ‘मैं मोदी का परिवार’ का भाव पसर गया।

सियासी मोर्चे पर मोदी बेजोड़

इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आरके चौधरी जीएसटी की पेचीदगी पर तो बात करते हैं, पर राजनीतिक मोर्चे पर मोदी को बेजोड़ मानते हैं। कहते हैं-सरकार ने अर्थव्यवस्था का भरपूर ध्यान रखा है। कानून-व्यवस्था अच्छी है। नीतियां अच्छी बन रही हैं। अब और क्या चाहिए? एमएसएमई की कुछ समस्याएं हैं। उन्हें दूर किया जाना है।

ये भी पढ़ें- Lok Sabha Election 2024: 'मोदी भक्त' नोटा को दबा देंगे लेकिन..., कप-प्लेट को लेकर आखिर क्यों भड़के रॉबर्ट्सगंज के लोग, जानिए पूरा समीकरण