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भाजपा और कांग्रेस से कौन हैं प्रत्याशी? यहां नहीं जानते मतदाता, पूछने पर बोले- मोदी लड़ रहे हैं

Lok Sabha Election 2024 लोकसभा चुनाव की सरगर्मियां बढ़ने लगी हैं। शहर से लेकर गांवों की चौपालों तक चुनाव की चर्चा होने लगी। प्रत्याशी भी प्रचार अभियान में जुटे हैं। छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में भी चुनावी चर्चा खूब हो रही है। यहां के एक गांव में संवाददाता चुनावी माहौल जानने पहुंचे। मगर यहां के मतदाताओं को अपने प्रत्याशियों के बारे में नहीं जानकारी ही नहीं।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Wed, 10 Apr 2024 12:53 AM (IST)
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लोकसभा चुनाव 2024: यहां कांग्रेस और भाजपा प्रत्याशी को नहीं जानते मतदाता।
संदीप तिवारी, जगदलपुर। अटल जी को कौन नहीं जानता भाई..., छत्तीसगढ़ राज्य तो उन्होंने ही बनाया है, उन्होंने ही इसे रचाया-बसाया है। हमारे चौक में यह स्तंभ उन्हीं की तो निशानी है। इसलिए हम उन्हीं की चर्चा करते हैं। ये कहना है आदिवासी गांवों के मतदाताओं का। बस्तर के तोकापाल विकासखंड स्थित टेकामेटा ग्राम पंचायत के गांव धर्मौर के बीच में अटल चौक स्थापित किया गया है।

इस गांव के मतदाताओं से जब चौक के बारे में चर्चा की तो पूर्व प्रधानमंत्री व भारत रत्न अटलजी की चर्चा शुरू हो गई। उनसे प्रश्न पूछने पर कि बस्तर में कौन-कौन चुनाव लड़ रहे हैं तो एक ही जवाब आया कि मोदी और कांग्रेस चुनाव लड़ रहे हैं।

नहीं जानते प्रत्याशी का नाम

प्रत्याशियों का नाम पूछने पर मतदाता हड़बड़ा गए और यह नहीं बता पाए कि यहां चुनाव कौन-कौन लड़ रहा है? हालांकि कुछ मतदाता भाजपा के प्रत्याशी का नाम बताने की कोशिश की लेकिन पूरा नाम उन्हें नहीं मालूम था। धर्मौर के देवनाथ से पूछने पर कि अटलजी को जानते हैं तो उन्होंने कहा कि हां वह हमारे प्रधानमंत्री रहे हैं। उन्होंने राज्य बनाया है।

गांव वाले बोले- मोदी चुनाव लड़ रहे हैं

युवा संजय यादव ने अपने बारे बताया कि पढ़ा-लिखा हूं और अपना स्वयं का काम करता हूं और दिनभर में तीन से चार सौ रुपये कमा लेता हूं। गांव में अटल चौक होने से अब यहां गुटबाजी पर बात नहीं होती है। सुरेश ने भी कहा कि मोदी चुनाव लड़ रहे हैं।

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गांव के लोगों में केवल जागरूकता इस बात की थी कि वर्तमान में देश में मोदी की सरकार चल रही है और वही चुनाव लड़ रहे हैं। सरपंच उर्मिला कहती हैं कि अटल चौक में हम एकता का संदेश मिलता है यहां दो गुट नहीं एक ही गुट का अहसास होता है।

शहर से ज्यादा गांव में चौकसी

गांव में घुसने से पहले परपा कंगोली में पुलिस की जांच चौकी में हर आदमी का नाम पूछा जा रहा है। एक-एक व्यक्ति पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। ऐसे में गांव में घुसने से पहले ही लोकसभा चुनाव 2024 की सरगर्मियां तेज होने का महसूस होने लगा है। यहां सख्त व्यवस्था से तो यही लगता है कि बस्तर में चुनाव आयोग, राजनीतिक दल और मतदाता सभी चुनावों के लिए तैयार हैं।

रमन सरकार में स्थापित हुए थे चौक

पूर्ववर्ती भाजपा की डॉ. रमन सिंह की सरकार में प्रदेश के 9,820 गांवों में अटल चौक स्थापित किए गए थे। इन चौक में उस समय तक काफी रौनक थी जब प्रदेश में भाजपा की सरकार थी। पिछले पांच वर्ष तक भूपेश सरकार में इन चौकों की हालत जर्जर हो चुकी थी। लोगों का कहना है कि उपेक्षा की वजह से ये अटल चौक लोगों के लिए गोबर का कंडा रखने या कपड़ा सुखाने के काम आता रहा है, तो कहीं इन अटल स्तंभों में मवेशी भी बांधे जाते हैं।

लोकसभा चुनाव में चर्चा में चौक

गांवों के ज्यादातर अटल चौक क्षतिग्रस्त हो चुके थे मगर भाजपा की सरकार आने के बाद इन्हें पुनर्जीवित किया गया है। प्रदेश के कमोबेश अन्य ग्राम पंचायतों में भी यही स्थिति है मगर बस्तर में अटल चौक लोकसभा चुनाव के दौरान चर्चा में आ गए हैं।

ज्ञात हो कि प्रतिवर्ष भाजपा 25 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म दिन सुशासन दिवस के रूप में मनाती है। इस खास दिन बाकायदा अटल चौक की सफाई कर कार्यक्रम का आयोजन भी होता है। इस बार प्रदेश में भाजपा की सरकार होने से ये चौक चमक उठे हैं और चुनावी रंग में रंगते नजर आ रहे हैं।

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